Rewa News : सनसनीखेज! श्याम शाह मेडिकल कॉलेज डीन डॉ. सुनील अग्रवाल पर अमृत फार्मेसी से सांठगांठ कर 2 करोड़ की दवा खरीदी में 'खेल' का आरोप, 9 बिंदुओं में शिकायत, 'करोड़ों के घोटाले' का पर्दाफाश
ऋतुराज द्विवेदी,रीवा। रीवा, मध्य प्रदेश: श्याम शाह मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. सुनील कुमार अग्रवाल एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। रीवा आने के बाद से ही लगातार विवादों में रहे डीन पर अब दवा खरीदी में करोड़ों रुपये के व्यापक भ्रष्टाचार का गंभीर आरोप लगा है। यह शिकायत सीधे मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव, लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग, भोपाल तक पहुंच गई है, जिसने पूरे मेडिकल कॉलेज की छवि धूमिल कर दी है। यह पहला मौका है जब किसी डीन पर लोगों की जान बचाने वाली दवाइयों की खरीदी में ही शासन की राशि के दुरुपयोग का आरोप लगा हो। मामला अब तूल पकड़ता दिख रहा है।
डीन पर 9 बिंदुओं में दर्ज हुई शिकायत: वित्तीय वर्ष 2024-25 में भ्रष्टाचार का आरोप
रीवा के ही नागेंद्र यादव नामक व्यक्ति ने अधिष्ठाता (डीन) श्याम शाह चिकित्सा महाविद्यालय, रीवा, डॉ. सुनील अग्रवाल के खिलाफ 9 बिंदुओं पर विस्तृत शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि डॉ. अग्रवाल ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान अपने पद का दुरुपयोग करते हुए शासन द्वारा प्रदाय बजट में व्यापक भ्रष्टाचार किया है।
शिकायत के मुख्य बिंदु जो खोल रहे हैं भ्रष्टाचार की परतें:
- MP औषधि पोर्टल की अनदेखी: वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए मार्च 2025 में शासन द्वारा सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल और संजय गांधी स्मारक चिकित्सालय, रीवा में औषधियों की खरीदी के लिए बजट MP औषधि पोर्टल के माध्यम से आवंटित किया गया था।
- अमृत फार्मेसी से मिलीभगत: आरोप है कि डीन ने कॉर्पोरेशन से औषधियों का उपार्जन न करके, अमृत फार्मेसी से "दुरभिसंधि स्थापित" कर खरीदी की प्रक्रिया की। यह तब किया गया, जब शासन द्वारा 2022 के बाद अमृत फार्मेसी से क्रय संबंधी कोई भी निर्देश जारी नहीं किए गए थे।
- स्थानीय उपलब्धता की अनदेखी: डीन द्वारा अमृत फार्मेसी से ऐसी औषधियां खरीदी गईं, जो स्थानीय निविदा सहित कॉर्पोरेशन में भी कम दरों पर उपलब्ध थीं।
- 4 से 10 गुना अधिक दरों पर खरीदी: शिकायत में कहा गया है कि डीन ने अमृत फार्मेसी के माध्यम से औषधियों की खरीदी 4 गुना अधिक दर पर की है। इससे भी गंभीर आरोप यह है कि कॉर्पोरेशन की दरों पर उपलब्ध औषधियों को 10-10 गुना अधिक दर पर अमृत फार्मेसी से खरीदा गया, जिससे शासन को भारी वित्तीय हानि हुई।
- करोड़ों का हेरफेर और सांठगांठ: आरोप है कि डीन ने अमृत फार्मेसी में सूचीबद्ध निविदाकारों के साथ सांठगांठ कर करोड़ों की राशि का हेरफेर किया है।
- राज्य की संचित निधि का दुरुपयोग: डीन पर राज्य की संचित निधि का दुरुपयोग कर राज्य के नागरिकों और शासन के साथ धोखाधड़ी करने का आरोप है।
- गंभीर आर्थिक अपराध: शिकायतकर्ता ने डीन द्वारा किए गए इस आर्थिक अपराध को गंभीर प्रकृति का बताया है।
- नियम विरुद्ध 200 लाख की खरीदी: आरोप है कि डीन ने करीब 200.00 लाख रुपये की दवा खरीदी बिना उपार्जन नियमों का पालन करते हुए की है। इसमें डीन पर लाखों रुपये का भ्रष्टाचार करने के लिए अमृत फार्मेसी के निविदाकार से दवाइयां लेने का आरोप है।
मामला तूल पकड़ा, मेडिकल कॉलेज की किरकिरी:
यह गंभीर शिकायत ऐसे समय में सामने आई है जब डीन डॉ. सुनील अग्रवाल पहले से ही कई विवादों में रहे हैं। दवा खरीदी में करोड़ों के इस कथित भ्रष्टाचार ने पूरे श्याम शाह मेडिकल कॉलेज और रीवा के स्वास्थ्य महकमे में हलचल मचा दी है। यह दर्शाता है कि प्रशासनिक पदों पर बैठे व्यक्ति कैसे सार्वजनिक धन का दुरुपयोग कर सकते हैं, खासकर उन क्षेत्रों में जहां लोगों का जीवन सीधे तौर पर निर्भर करता है।
"अभी और भी खुलासे हैं, खबरों के साथ बने रहिए और डीन के कारनामे पढ़ते रहिए।" यह संकेत देता है कि आने वाले दिनों में इस मामले में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं और डीन की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।