नशे के खिलाफ प्रदर्शन पर क्यों हुई लाठीचार्ज? रीवा में पुलिस पर फूटा NSUI का गुस्सा, कांग्रेस ने मांगी IG से जवाबदेही!
ऋतुराज द्विवेदी,रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) रीवा शहर में गुरुवार को नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) के छात्रों पर हुए पुलिस लाठीचार्ज का मामला अब राजनीतिक तूल पकड़ता जा रहा है। इस घटना के विरोध में आज कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने आईजी कार्यालय पहुंचकर विरोध प्रदर्शन किया और आईजी को एक ज्ञापन सौंपकर पुलिस की इस कार्रवाई पर कड़ी आपत्ति जताई। कांग्रेस का आरोप है कि पुलिस ने जानबूझकर निहत्थे छात्रों पर बल प्रयोग किया, जो पूरी तरह से निंदनीय है। यह घटना सिर्फ एक प्रदर्शन तक सीमित नहीं रही, बल्कि इसने रीवा में पुलिस और विपक्ष के बीच तनाव को बढ़ा दिया है।
क्या है लाठीचार्ज का पूरा मामला?
पूरा मामला गुरुवार का है, जब एनएसयूआई के छात्र एसपी कार्यालय के सामने नशीली सिरप की बढ़ती बिक्री के खिलाफ शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। वे अपने साथ सांकेतिक रूप से नशीली सिरप की खाली बोतलों से भरी बड़ी-बड़ी पॉलीथिन लेकर पहुंचे थे। प्रदर्शन का मकसद शहर में नशीले पदार्थों के कारोबार पर प्रशासन का ध्यान खींचना था, जो युवाओं के भविष्य को बर्बाद कर रहा है।
छात्र जब नारेबाजी कर रहे थे, तभी अचानक पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज कर दिया। इस अचानक हुए हमले से छात्रों में भगदड़ मच गई, और कई छात्रों को चोटें भी आईं। इस घटना के बाद, पुलिस और छात्रों के बीच स्थिति काफी तनावपूर्ण हो गई थी। लाठीचार्ज का वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ, जिसने इस मामले को और हवा दे दी।
कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन और पुलिस का स्पष्टीकरण
लाठीचार्ज की घटना के विरोध में, आज कांग्रेस के दर्जन भर कार्यकर्ता आईजी कार्यालय पहुंचे। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने लाठीचार्ज मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए आईजी को एक ज्ञापन सौंपा। इस दौरान उन्होंने पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की।
कांग्रेस ने दावा किया कि उन्होंने पुलिस को प्रदर्शन की पूर्व सूचना दी थी, इसके बावजूद पुलिस ने लाठी-डंडों से छात्रों की पिटाई की। इस दावे के विपरीत, कल ही सीएसपी राजीव पाठक ने इस पूरे मामले पर अपनी सफाई दी थी। उन्होंने दावा किया कि छात्रों ने बिना किसी पूर्व सूचना के धरना शुरू कर दिया था, जिससे कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए उन्हें हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। दोनों पक्षों के दावों में विरोधाभास ने मामले को और भी जटिल बना दिया है।
निष्पक्ष जांच की मांग और आगे की चेतावनी
एनएसयूआई के प्रदेश सचिव रवि सुमित सिंह ने इस घटना की निष्पक्ष जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने जिस तरह से निहत्थे छात्रों पर बल प्रयोग किया है, वह बेहद शर्मनाक है और लोकतंत्र में ऐसी कार्रवाई को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
सुमित सिंह ने पुलिस और प्रशासन को चेतावनी भी दी है कि अगर इस मामले में दोषी पुलिसकर्मियों पर जल्द से जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो वे चुप नहीं बैठेंगे और बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन करेंगे। यह चेतावनी इस बात का संकेत है कि अगर इस मामले का हल जल्द नहीं निकाला गया, तो यह रीवा में एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन सकता है।
यह घटना दिखाती है कि भले ही छात्रों का मुद्दा (नशीली सिरप) सामाजिक रूप से महत्वपूर्ण था, लेकिन पुलिस की कार्रवाई ने इस मुद्दे को राजनीतिक मोड़ दे दिया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रशासन इस मामले पर क्या रुख अपनाता है और क्या दोषी पुलिसकर्मियों पर कोई कार्रवाई होती है।
Q1: एनएसयूआई के छात्र प्रदर्शन क्यों कर रहे थे?A1: एनएसयूआई के छात्र रीवा में बढ़ती नशीली सिरप और अन्य नशीले पदार्थों की बिक्री के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।
Q2: पुलिस ने लाठीचार्ज क्यों किया?A2: पुलिस के अनुसार, छात्रों ने बिना किसी पूर्व सूचना के प्रदर्शन शुरू कर दिया था, जिससे कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। हालांकि, कांग्रेस ने इस दावे को गलत बताया है।
Q3: कांग्रेस ने क्या मांग की है?A3: कांग्रेस ने लाठीचार्ज की घटना में दोषी पुलिसकर्मियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है और इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है।
Q4: एनएसयूआई ने क्या चेतावनी दी है?A4: एनएसयूआई ने चेतावनी दी है कि अगर दोषियों पर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो वे बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन करेंगे।