₹500 के 'पानी' में बही पटवारी की इज़्ज़त! लोकायुक्त ने रंगे हाथों दबोचा; कृष्णाकुंज कालोनी की दहलीज पर हुआ सरकारी 'कांड', रीवा में फैला हड़कंप! 

 

ऋतुराज द्विवेदी,रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) क्या मध्य प्रदेश में पटवारी रिश्वत के बिना काम नहीं करेंगे? यह सवाल फिर से सुर्खियों में है क्योंकि लोकायुक्त संगठन ने रीवा जिले में एक और भ्रष्टाचार विरोधी कार्रवाई को अंजाम दिया है। आज, दिनांक 06 दिसंबर 2025 को, लोकायुक्त रीवा की टीम ने रायपुर कर्चुलियान तहसील के हल्का पटवारी श्री नवीन गुप्ता को ₹500 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों ट्रैप कर लिया है। यह घटना दर्शाती है कि आम जनता के छोटे-छोटे सरकारी काम भी बिना पैसे के पूरे नहीं हो रहे हैं।

भूमि नामांतरण के लिए 2000 रुपये की माँग क्यों की गई?
मामला महसुआ निवासी श्री राजेश कुमार यादव से जुड़ा है। शिकायतकर्ता राजेश यादव ने अपनी पत्नी के नाम पर हल्का बर्रेही, रायपुर कर्चुलियान में एक भूमि क्रय की थी। इस खरीदी गई भूमि का नामांतरण (Land Mutation) एक अनिवार्य और कानूनी प्रक्रिया है जिसे पटवारी को नियमानुसार करना होता है। लेकिन, पटवारी नवीन गुप्ता ने इस वैधानिक कार्य को करने के एवज में ₹2000 की सीधी माँग की।

लोकायुक्त को शिकायत कैसे करें? शिकायतकर्ता श्री राजेश यादव ने दिनांक 04.12.2025 को लोकायुक्त कार्यालय रीवा में एक शिकायत आवेदन पत्र प्रस्तुत किया, जिसमें उन्होंने पटवारी नवीन गुप्ता द्वारा ₹2000 रिश्वत मांगे जाने का पूरा विवरण दिया। यह दिखाता है कि भ्रष्टाचार से तंग आकर आम नागरिक अब आवाज़ उठा रहे हैं।

लोकायुक्त की रणनीति: सत्यापन से ट्रैप तक का पूरा घटनाक्रम
शिकायत मिलते ही, लोकायुक्त कार्यालय रीवा के प्रभारी पुलिस अधीक्षक श्री प्रवीण सिंह परिहार के निर्देश पर मामले का सत्यापन कराया गया। सत्यापन में क्या पाया गया? सत्यापन के दौरान यह स्पष्ट हो गया कि आरोपी पटवारी नवीन गुप्ता वास्तव में नामांतरण के काम के लिए रिश्वत की माँग कर रहे थे। एक बार रिश्वत की माँग की पुष्टि हो जाने पर, लोकायुक्त टीम ने ट्रैप की योजना को अंतिम रूप दिया।

ट्रैप कार्यवाही की तिथि और स्थान:

ट्रैप दिनांक: 06.12.2025
ट्रैप रिश्वत राशि: ₹500 (यह राशि कुल माँगी गई ₹2000 का हिस्सा थी)
घटना स्थल: कृष्णा कुंज कॉलोनी रीवा स्थित आरोपी पटवारी का आवास। पटवारी ने सरकारी काम के लिए अपने घर को रिश्वत लेने का अड्डा बना लिया था, जो एक गंभीर अनियमितता है।

मौके पर गिरफ्तारी और कानूनी कार्यवाही
आज, दिनांक 06.12.2025 को, प्रभारी पुलिस अधीक्षक के निर्देशन में, निरीक्षक श्री उपेंद्र दुबे के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई। इस टीम में स्वतंत्र शासकीय गवाह भी शामिल थे ताकि कार्यवाही पूरी तरह पारदर्शी हो।
कैसे पटवारी रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया? शिकायतकर्ता राजेश यादव ने जैसे ही पटवारी नवीन गुप्ता को ₹500 की रिश्वत राशि दी, लोकायुक्त टीम ने उन्हें रंगे हाथों पकड़ लिया। पटवारी के विरुद्ध तत्काल आपराधिक मामला दर्ज किया गया।

कौन सी कानूनी धाराएँ लगाई गईं? आरोपी पटवारी श्री नवीन गुप्ता के विरुद्ध धारा 7 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 संशोधन अधिनियम 2018 के अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध किया गया है। यह धारा सरकारी कर्मचारियों द्वारा वैध कार्य के लिए अवैध परितोषण (रिश्वत) लेने से संबंधित है।

आरोपी और शिकायतकर्ता का विवरण
भ्रष्टाचार के इस मामले में शामिल शिकायतकर्ता और आरोपी पटवारी का विवरण निम्नलिखित है:

शिकायतकर्ता: श्री राजेश कुमार यादव (उम्र 51 वर्ष)।
पिता का नाम: स्व. श्री रामविश्वास यादव।
निवास स्थान: ग्राम/पोस्ट महसुआ, थाना/तहसील रायपुर कर्चुलियान, जिला रीवा (म.प्र.)।
कार्य: उन्होंने अपनी पत्नी के नाम पर खरीदी गई भूमि का नामांतरण (Land Mutation) कराने के लिए आवेदन किया था।

  • आरोपी (Accused): श्री नवीन गुप्ता (उम्र 42 वर्ष)।
  • पद: पटवारी, हल्का बर्रेही, तहसील रायपुर कर्चुलियान, जिला रीवा।
  • पिता का नाम: श्री राममूर्ति गुप्ता।
  • निवास स्थान: कृष्णाकुंज कॉलोनी रीवा, थाना बिछिया, तहसील हुजूर, जिला रीवा।
  • कार्य: उन पर शिकायतकर्ता के नामांतरण के काम के लिए ₹500 की रिश्वत लेने का आरोप है, जिसके लिए उन्होंने कुल ₹2000 की माँग की थी।

लोकायुक्त रीवा की आमजन से अपील: भ्रष्टाचार को कैसे रोकें?
लोकायुक्त संगठन द्वारा लगातार भ्रष्टाचार के विरुद्ध कार्यवाही की जा रही है। इस कार्यवाही से एक सख्त संदेश गया है कि भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

  • लोकायुक्त रीवा की अपील: आमजन से अपील है कि यदि कोई अधिकारी या कर्मचारी किसी भी वैधानिक कार्य को करने के एवज में रिश्वत की माँग करता है, तो बिना डरे लोकायुक्त से संपर्क करें।
  • लोकायुक्त रीवा संपर्क सूत्र: मोबाइल नंबर: 98936 07619

पटवारी नामांतरण के लिए कितना पैसा मांगते हैं? इस मामले ने फिर से यह सवाल खड़ा कर दिया है कि पटवारी जैसे निचले स्तर के राजस्व कर्मचारी भी छोटे प्रशासनिक कार्यों के लिए बड़ी हिम्मत से रिश्वत की माँग करते हैं। लोकायुक्त की यह कार्यवाही भूमि नामांतरण की प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आरोपी पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
Q1: पटवारी नवीन गुप्ता को क्यों ट्रैप किया गया? A1: उन्हें शिकायतकर्ता राजेश कुमार यादव की पत्नी की खरीदी गई भूमि का नामांतरण (Land Mutation) करने के एवज में ₹500 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों ट्रैप किया गया।

Q2: पटवारी ने कुल कितनी रिश्वत की माँग की थी? A2: शिकायतकर्ता के अनुसार, पटवारी श्री नवीन गुप्ता ने कुल ₹2000 की रिश्वत की माँग की थी। ट्रैप की कार्यवाही ₹500 लेते हुए की गई।

Q3: आरोपी पटवारी के विरुद्ध कौन सी कानूनी धारा लगाई गई है? A3: उनके विरुद्ध धारा 7 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 संशोधन अधिनियम 2018 के अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध किया गया है।

Q4: ट्रैप की कार्यवाही कहाँ की गई? A4: यह कार्यवाही कृष्णा कुंज कॉलोनी रीवा स्थित आरोपी पटवारी श्री नवीन गुप्ता के आवास पर की गई।