"शर्म करो डॉक्टरों!" - SGMH में चाय से झुलसे बच्चे की मौत के बाद परिजनों का ज्वालामुखी फूटा; इलाज के नाम पर सिर्फ़ खानापूर्ति? रीवा के सबसे बड़े अस्पताल के लापरवाह स्टाफ पर सीधा एक्शन क्यों नहीं?
ऋतुराज द्विवेदी,रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) विंध्य क्षेत्र के सबसे बड़े चिकित्सा संस्थान, रीवा के संजय गांधी अस्पताल (SGMH), की कार्यप्रणाली पर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। अस्पताल में शुक्रवार देर रात इलाज के दौरान 11 महीने के एक मासूम बच्चे, लक्ष्य यादव, की मौत हो गई। बच्चा चाय गिरने से लगभग 35% झुलस गया था और इलाज के लिए भर्ती कराया गया था। परिजनों ने अस्पताल के डॉक्टरों और कर्मचारियों पर इलाज में घोर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया।
मृतक बच्चे, लक्ष्य यादव, के पिता लवकुश यादव ने बताया कि इलाज की शुरुआत से ही लापरवाही बरती जा रही थी। उन्होंने आरोप लगाया कि एडमिशन फाइल में बच्चे का नाम तक गलत दर्ज किया गया था, जो अस्पताल प्रबंधन की प्राथमिक चूक को दर्शाता है।
परिजनों ने बताया कि डॉक्टरों ने उन्हें बच्चे के लिए खून (Blood) लाने को कहा, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण जानकारी - बच्चे का ब्लड ग्रुप क्या है? - यही नहीं दी गई। इससे खून की व्यवस्था करने में अनावश्यक देरी हुई। परिजन पीयूषमणि यादव ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि, "इलाज में भारी लापरवाही हुई है। डॉक्टरों ने हमें अंधेरे में रखा और सही जानकारी नहीं दी। जब तक दोषियों पर कार्रवाई नहीं होती, हम चुप नहीं बैठेंगे।"
सीएमओ का आश्वासन: "निष्पक्ष जांच और विशेषज्ञों की टीम करेगी पोस्टमार्टम"
बढ़ते हंगामे और आरोपों की गंभीरता को देखते हुए, अस्पताल प्रबंधन को बैकफुट पर आना पड़ा। अस्पताल के सीएमओ डॉ. यत्नेश त्रिपाठी ने स्थिति को संभालने का प्रयास करते हुए परिजनों को आश्वासन दिया। उन्होंने बताया कि परिजनों की मांग मान ली गई है और अब बच्चे का पोस्टमार्टम (PM) विशेषज्ञों की टीम की निगरानी में और एफएसएल (FSL) टीम की मौजूदगी में कराया जाएगा ताकि पारदर्शिता बनी रहे।
डॉ. त्रिपाठी ने यह भरोसा दिलाया कि लापरवाही के आरोपों की निष्पक्ष और विस्तृत जांच की जाएगी। हालांकि, उन्होंने साथ ही कहा कि कुछ गंभीर आरोप निराधार भी हो सकते हैं, लेकिन हर पहलू की गहनता से जाँच की जाएगी।
यह निर्णय दर्शाता है कि अस्पताल प्रबंधन को इस मामले की संवेदनशीलता को स्वीकार करना पड़ा है और वह बाहरी दबाव के चलते एक पारदर्शी प्रक्रिया अपनाने को मजबूर हुआ है।
एक हफ्ते से विवादों में SGMH: "रीवा SGMH में लापरवाही कैसे हुई?"
यह घटना केवल एक पृथक मामला नहीं है। यह गौरतलब है कि संजय गांधी अस्पताल (SGMH) पिछले एक सप्ताह से लगातार विवादों के घेरे में है। अस्पताल पर आए दिन इलाज में लापरवाही के आरोप लग रहे हैं, जो विंध्य के सबसे बड़े अस्पताल की गिरती कार्यप्रणाली को उजागर करते हैं। हर नए विवाद के बाद, अस्पताल प्रबंधन की ओर से केवल जांच का आश्वासन ही मिलता है, लेकिन ठोस कार्रवाई के नाम पर कोई कदम नहीं उठाया जाता।
इस ताजा और गंभीर मामले ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि अस्पताल की आंतरिक व्यवस्था और जवाबदेही तंत्र बुरी तरह से विफल हो चुके हैं। बच्चे की मौत की यह घटना न केवल एक परिवार के लिए त्रासदी है, बल्कि यह उन सभी आम नागरिकों के लिए चिंता का विषय है जो इलाज के लिए इस अस्पताल पर निर्भर हैं। सवाल यह है कि दोषियों पर सीधी कार्रवाई कब होगी और इस तरह की जानलेवा लापरवाही पर रोक लगाने के लिए अस्पताल प्रशासन क्या ठोस कदम उठाएगा?
FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
सवाल: लक्ष्य यादव की मौत कैसे हुई?
जवाब: 11 महीने का लक्ष्य यादव चाय गिरने से लगभग 35% झुलस गया था और रीवा के संजय गांधी अस्पताल (SGMH) में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है।
सवाल: परिजनों ने इलाज में क्या-क्या लापरवाही बताई?
जवाब: परिजनों ने आरोप लगाया कि एडमिशन फाइल में बच्चे का नाम गलत दर्ज किया गया था और डॉक्टरों ने ब्लड लाने को कहा, लेकिन यह नहीं बताया कि बच्चे का ब्लड ग्रुप क्या है, जिससे इलाज में देरी हुई।
सवाल: अस्पताल प्रबंधन ने क्या कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है?
जवाब: सीएमओ डॉ. यत्नेश त्रिपाठी ने निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया है और बताया है कि बच्चे का पोस्टमार्टम विशेषज्ञों की टीम और एफएसएल (FSL) टीम की मौजूदगी में कराया जाएगा।
सवाल: क्या SGMH में यह लापरवाही का पहला मामला है?
जवाब: नहीं, जानकारी के अनुसार संजय गांधी अस्पताल बीते एक सप्ताह से लगातार विवादों में है और इस दौरान कई बार लापरवाही के आरोप लग चुके हैं।