रीवा TRS कॉलेज हत्याकांड: 'सोशल मीडिया पर हथियारों का क्रेज' और 'कॉलेज में विवाद', नितिन गहरवार के गुनहगारों को 'आजीवन कारावास'!
ऋतुराज द्विवेदी,रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) रीवा के टीआरएस कॉलेज में वर्ष 2018 में हुए सनसनीखेज नितिन सिंह गहरवार हत्याकांड ने पूरे विंध्य को झकझोर कर रख दिया था। यह घटना सिर्फ एक हत्या नहीं थी, बल्कि शहर के युवाओं में फेसबुक और सोशल मीडिया पर कट्टा-बंदूक के साथ फोटो डालने के बढ़ते चलन और पुलिस-प्रशासन की कथित लापरवाही का दुखद परिणाम भी थी। इस बहुचर्चित मामले में अब न्यायालय ने अपना बहुप्रतीक्षित फैसला सुना दिया है। छह आरोपियों में से तीन को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है, जबकि तीन अन्य को दोषमुक्त करार दिया गया है। यह फैसला पीड़ित परिवार के लिए न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
घटना की पृष्ठभूमि: सोशल मीडिया पर हथियारों का प्रदर्शन और पुलिस की अनदेखी? हाल के दिनों में रीवा के युवाओं में सोशल मीडिया पर अवैध हथियारों के साथ तस्वीरें पोस्ट करने का एक चलन बढ़ रहा था। अक्सर ऐसे मामलों में परिजनों और पुलिस दोनों की ओर से गंभीरता की कमी देखने को मिलती थी। इसी का खामियाजा 27 मार्च 2018, मंगलवार को नितिन सिंह गहरवार को भुगतना पड़ा, जिसकी विंध्य के सबसे बड़े महाविद्यालय, टीआरएस कॉलेज में दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस घटना ने समूचे विंध्य को हिलाकर रख दिया। सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक, जहां नितिन को श्रद्धांजलि दी जा रही थी, वहीं पुलिस प्रशासन को कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाने के लिए कोसा जा रहा था।
घटना का पूरा घटनाक्रम और विवाद का कारण: जांच के दौरान सामने आए तथ्यों और आरोपियों के बयानों के अनुसार, इस हत्याकांड की मुख्य वजह कॉलेज में प्रथम वर्ष की एक छात्रा से जुड़ा विवाद था। यह छात्रा रिश्ते में आरोपी वैभव सिंह की बहन लगती थी। उसे कॉलेज में पढ़ने वाला छात्र विपिन सिंह कथित तौर पर परेशान करता था और बीते कई दिनों से फोन भी कर रहा था। इससे परेशान होकर छात्रा ने अपनी मुश्किलें वैभव को बताईं और विपिन को समझाने की बात कही।
27 मार्च 2018 को मंगलवार दोपहर लगभग 2 बजे, वैभव अपनी बहन के साथ विपिन को समझाने के लिए कॉलेज परिसर में गया था। इसी दौरान दोनों पक्षों के बीच विवाद हो गया और विपिन से हाथापायी होने लगी। इसी बीच, छात्र नितिन सिंह गहरवार भी वहां पहुंच गया और कुछ लड़कों के साथ मारपीट में शामिल हो गया। विवाद बढ़ने पर, वैभव सिंह ने नितिन सिंह पर सरेआम गोली दाग दी। गोली लगते ही छात्र नितिन सिंह की मौके पर ही मौत हो गई। इस पूरी घटना का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया था जो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था।
पुलिस की शुरुआती कार्रवाई और गिरफ्तारी: घटना की सूचना मिलते ही पुलिस तत्काल घटनास्थल पर पहुंची। तब तक हत्या के मुख्य आरोपी वैभव सिंह और उसका साथी मयंक सिंह उर्फ संग्राम मौका देखकर फरार हो गए थे। हालांकि, सिविल लाइन पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए एक आरोपी संग्राम सिंह (जो बाद में मयंक संग्राम सिंह के नाम से दोषी ठहराए गए) को तुरंत दबोच लिया। जबकि हत्या का मुख्य आरोपी वैभव सिंह भागने में कामयाब रहा, जिसे बाद में पुलिस ने गिरफ्तार किया।
पुलिस जांच और दर्ज धाराएं: सिविल लाइन थाने में नितिन सिंह गहरवार हत्याकांड में एफआईआर क्रमांक 236/18 दर्ज की गई थी। पुलिस ने इस मामले में गहन छानबीन करते हुए कुल छह आरोपियों को नामजद किया था। आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की विभिन्न गंभीर धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया गया था, जिनमें मुख्य रूप से:
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धारा 302 (हत्या)
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धारा 120B (आपराधिक षड्यंत्र)
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धारा 109 (दुष्प्रेरण - अपराध के लिए उकसाना)
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धारा 176 (अपराध करने की योजना का लोप - जानकारी न देना)
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धारा 212 (अपराधी को संश्रय देना - आश्रय देना)
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धारा 33 (सामान्य आशय - समान इरादा) शामिल थीं।
न्यायालय का बहुप्रतीक्षित फैसला: पुलिस की गहन छानबीन, लंबी कानूनी प्रक्रिया, गवाहों के बयान और प्रस्तुत किए गए साक्ष्यों के आधार पर अदालत में इस मामले की सुनवाई चली। रीवा में काफी सुर्खियां बटोरने वाले इस मामले में समाज के विभिन्न वर्गों से न्याय की मांग उठ रही थी।
न्यायालय ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने और प्रस्तुत किए गए साक्ष्यों का अवलोकन करने के बाद, दिनांक 30/06/2025 को अपना ऐतिहासिक फैसला सुनाया।
दोषी करार और आजीवन कारावास की सजा: अदालत ने नितिन सिंह गहरवार की हत्या के तीन आरोपियों को दोषी पाया और उन्हें आजीवन कारावास (life imprisonment) की सजा से दंडित किया। इनमें शामिल हैं:
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मयंक संग्राम सिंह: इन्हें नितिन सिंह की हत्या का दोषी पाया गया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।
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सत्यम सिंह: इन्हें भी हत्या का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया गया।
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वैभव सिंह: तीसरे आरोपी वैभव सिंह को भी इस जघन्य अपराध में शामिल होने का दोषी ठहराया गया और आजीवन कारावास की सजा मिली।
दोषमुक्त हुए आरोपी: वहीं, मामले के तीन अन्य आरोपी पर्याप्त सबूतों के अभाव या संदेह का लाभ मिलने के कारण दोषमुक्त कर दिए गए। ये तीन आरोपी थे:
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मुन्नू
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देवेंद्र
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दिवाकर
अदालत के इस फैसले को टीआरएस कॉलेज नितिन हत्याकांड मामले में न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा गया है। इस घटना ने एक बार फिर शिक्षा परिसरों में बढ़ती आपराधिक गतिविधियों और सोशल मीडिया पर हथियारों के प्रदर्शन जैसे चलन पर गंभीर चिंता व्यक्त की थी, और प्रशासन को ऐसे मामलों पर गंभीरता से विचार करने के लिए मजबूर किया था। इस ऐतिहासिक फैसले से पीड़ित परिवार को अंततः न्याय मिला है।