विंध्या एकेडमी के प्रिंसिपल और टीचर पर FIR कब? बच्ची के सिर में चोट, अब मैनेजमेंट कर रहा 'शिकायत का नाटक'!
ऋतुराज द्विवेदी,रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) यह निंदनीय घटना सोमवार को रीवा के विंध्य एकेडमी पब्लिक स्कूल में हुई। चौथी कक्षा में पढ़ने वाली मासूम छात्रा को उसकी शिक्षिका ने केवल इसलिए क्रूरता का शिकार बनाया, क्योंकि उसने अपना गृहकार्य (Homework) पूरा नहीं किया था।
पीड़ित छात्रा के पिता ने मंगलवार सुबह बिछिया थाने पहुंचकर आधिकारिक शिकायत दर्ज कराई। पिता का आरोप है कि उनकी बेटी को बिना किसी मानवीय संवेदनशीलता के इतनी ज़ोर से मारा गया कि वह सदमे में है। उन्होंने कहा कि स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के लिए भेजा जाता है, न कि उनके साथ हिंसा करने के लिए। यह कृत्य सीधे तौर पर शैक्षणिक बर्बरता की श्रेणी में आता है।
पिटाई के बाद छात्रा की चोटें और मेडिकल रिपोर्ट
पुलिस को दिए अपने बयान में, पीड़िता छात्रा ने घटना का पूरा ब्योरा दिया। उसने बताया कि उसे बेरहमी से पीटा गया, जिससे उसके गाल लाल पड़ गए और चेहरे पर सूजन आ गई।
चोटों की प्रकृति:
- आँख में सूजन: पिटाई के कारण छात्रा की एक आँख बुरी तरह सूज गई।
- सिर पर गंभीर चोट: छात्रा के सिर पर भी वार किए गए, जिसके कारण उसे लगातार दर्द हो रहा है।
- मेडिकल पुष्टि: पुलिस द्वारा करवाए गए मेडिकल चेकअप की रिपोर्ट में भी छात्रा के सिर पर अंदरूनी चोट (Internal Injury) लगने की पुष्टि हुई है। यह रिपोर्ट छात्रा के पिता के आरोपों को बल देती है और शिक्षक की कार्रवाई की गंभीरता को दर्शाती है।
स्कूल प्रबंधन और पिता के बीच विवाद का कारण क्या है?
मामले को और भी जटिल बनाने वाला मोड़ तब आया जब दोनों पक्ष बिछिया थाने में आमने-सामने आ गए। पीड़िता के पिता ने बताया कि पिटाई की घटना के बाद, उन्होंने तुरंत विंध्य एकेडमी के संचालक और प्रिंसिपल से संपर्क साधा। उन्होंने शिक्षक की पहचान और इस अमानवीय व्यवहार की वजह जानने की बार-बार कोशिश की, लेकिन स्कूल प्रबंधन ने उनकी बात को अनसुना कर दिया। पिता का आरोप है कि अपनी गलती और करतूत छिपाने के लिए विंध्य एकेडमी प्रबंधन ने उल्टा उन पर दबाव बनाना शुरू कर दिया और उनके खिलाफ ही बिछिया थाने में लिखित शिकायत दर्ज करा दी।
सोशल मीडिया पर मुद्दा उठाने के बाद उलझा मामला
जब स्कूल प्रबंधन ने पीड़ित पिता की शिकायत पर ध्यान नहीं दिया, तो उन्होंने न्याय पाने की उम्मीद में यह पूरी घटना सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर साझा कर दी।
पिता ने बताया कि उनके पोस्ट के बाद लोगों की तीखी प्रतिक्रियाएं आईं, और कुछ आपत्तिजनक टिप्पणियां (Objectionable Comments) भी की गईं। विंध्य एकेडमी प्रबंधन ने इन्हीं आपत्तिजनक टिप्पणियों को आधार बनाकर और अपनी करतूत से ध्यान भटकाने के लिए, पिता के खिलाफ बिछिया थाने में शिकायत दर्ज करा दी। स्कूल प्रबंधन का रुख है कि लगाए गए आरोप निराधार हैं और उनका व्यवहार हमेशा छात्रों और अभिभावकों के प्रति सौहार्दपूर्ण रहा है।
पुलिस कार्रवाई:
बिछिया थाना पुलिस ने अब छात्रा की पिटाई और पिता पर पलटवार—दोनों मामलों को संज्ञान में लिया है। पुलिस अब शिक्षक के खिलाफ बाल दुर्व्यवहार और चोट पहुँचाने से संबंधित धाराओं पर विचार कर रही है, साथ ही पिता के खिलाफ की गई शिकायत की सत्यता भी जाँची जा रही है।
पुलिस और प्रशासन का रुख
यह घटना शिक्षा संस्थानों में बच्चों की सुरक्षा और शारीरिक दंड (Corporal Punishment) के गंभीर मुद्दे को उजागर करती है। पुलिस अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि मामले की निष्पक्ष और गहन जांच की जाएगी। बच्ची की मेडिकल रिपोर्ट मामले में एक महत्वपूर्ण सबूत साबित होगी।
पुलिस अधीक्षक ने सभी निजी स्कूलों को चेतावनी दी है कि बच्चों को शारीरिक दंड देना कानूनी रूप से अपराध है और ऐसी किसी भी घटना में शामिल शिक्षक या प्रबंधन के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। कानून के जानकारों का मानना है कि स्कूल प्रबंधन का पलटवार शायद दबाव बनाने की रणनीति हो सकती है, लेकिन नाबालिग छात्रा को चोट पहुँचाने का मामला बाल संरक्षण अधिनियम के तहत गंभीर है और इसमें शिक्षक को कानूनी परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।