शिक्षा का मंदिर कलंकित: रीवा के गंगेव में प्रिंसिपल पर छात्राओं के यौन उत्पीड़न का आरोप, प्रशासन में हड़कंप

 

ऋतुराज द्विवेदी,रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) रीवा। मध्य प्रदेश के रीवा जिले के शासकीय कन्या हाई स्कूल गंगेव से मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। यहाँ पदस्थ प्रिंसिपल पर छात्रावास में रहने वाली नाबालिग छात्राओं ने यौन उत्पीड़न और अशोभनीय व्यवहार के संगीन आरोप लगाए हैं। इस सनसनीखेज खुलासे के बाद समूचे जिले के शैक्षणिक जगत में आक्रोश और हड़कंप की स्थिति है। छात्राओं ने अपनी सुरक्षा को लेकर कलेक्टर कार्यालय में गुहार लगाई है।

कैसे उजागर हुई हैवानियत: डर की दीवार टूटी 

छात्राएं लंबे समय से प्रिंसिपल के व्यवहार से डरी और सहमी हुई थीं। आरोप है कि पद के रसूख और दबाव के कारण वे चुप रहीं। मामला तब सामने आया जब छुट्टियों में घर गईं छात्राओं के व्यवहार में अभिभावकों ने बदलाव देखा। गहन पूछताछ के बाद जब एक छात्रा ने आपबीती सुनाई, तो देखते ही देखते कई अन्य छात्राओं ने भी इसी तरह की शिकायतों की पुष्टि की। इसके बाद आक्रोशित परिजनों ने छात्रावास पहुंचकर मोर्चा खोल दिया।

प्रशासनिक एक्शन: प्रभारी कलेक्टर का सख्त रुख
मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रभारी कलेक्टर सौरभ सोनवड़े ने तत्काल कड़े कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने मीडिया से चर्चा में कहा:

"यह प्रकरण अत्यंत संवेदनशील और गंभीर है। मामला संज्ञान में आते ही हमने तत्काल जांच दल गठित कर दिया है। हर पहलू की बारीकी से जांच होगी। यदि प्रिंसिपल दोषी पाया जाता है, तो उस पर कड़ी वैधानिक और अनुशासनात्मक कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।"

वार्डन की चुप्पी पर सवाल: क्या जानबूझकर छिपाया गया मामला?
इस पूरे प्रकरण में छात्रावास की वार्डन की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, वार्डन ने स्वीकार किया है कि पूर्व में भी ऐसी शिकायत मिली थी, लेकिन उन्होंने केवल 'मौखिक चेतावनी' देकर मामले को रफा-दफा कर दिया। सवाल यह उठता है कि नाबालिग छात्राओं की सुरक्षा से जुड़े संवेदनशील मामले में वार्डन ने वरिष्ठ अधिकारियों को औपचारिक रिपोर्ट क्यों नहीं दी? क्या वार्डन प्रिंसिपल को संरक्षण दे रही थीं?

दबाव की राजनीति: समझौते की कोशिशों के आरोप
पीड़ित छात्राओं के परिजनों ने आरोप लगाया है कि शिकायत सार्वजनिक होने के बाद कुछ प्रभावशाली लोगों द्वारा मामले को दबाने का प्रयास किया गया। परिजनों पर आपसी समझौते के लिए दबाव बनाया गया ताकि प्रिंसिपल की छवि पर दाग न लगे। परिजनों का कहना है कि वे किसी भी कीमत पर अपनी बेटियों के सम्मान से समझौता नहीं करेंगे और आरोपी को जेल भिजवाकर ही दम लेंगे।

निष्कर्ष और आगे की राह
गंगेव की यह घटना शिक्षा विभाग की सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवालिया निशान है। वर्तमान में क्षेत्र में तनावपूर्ण शांति है और भारी पुलिस बल की तैनाती के संकेत हैं। स्थानीय लोगों ने मांग की है कि जांच निष्पक्ष हो और किसी भी राजनीतिक या प्रशासनिक दबाव में इसे न दबाया जाए।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
1. गंगेव कन्या स्कूल का पूरा मामला क्या है? प्रिंसिपल पर छात्रावास की नाबालिग छात्राओं के साथ छेड़खानी और यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगे हैं, जिसकी शिकायत कलेक्टर से की गई है।
2. प्रशासन ने अब तक क्या कार्रवाई की है? प्रभारी कलेक्टर सौरभ सोनवड़े ने मामले की जांच के लिए कमेटी बना दी है और जांच रिपोर्ट के आधार पर तत्काल निलंबन और FIR की बात कही है।
3. वार्डन पर क्या आरोप हैं? वार्डन पर आरोप है कि उन्हें जानकारी होने के बावजूद उन्होंने मामले को दबाया और उच्च अधिकारियों को सूचित नहीं किया।
4. क्या प्रिंसिपल को गिरफ्तार कर लिया गया है? फिलहाल जांच प्रक्रिया चल रही है; पुलिस और प्रशासन जांच रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं, जिसके बाद वैधानिक गिरफ्तारी हो सकती है।