यह सिर्फ खबर नहीं, पुलिस का 'दम' है! फर्जी पुलिसवाला बनकर किया दुष्कर्म, रीवा पुलिस ने 'पाताल' से निकाला
ऋतुराज द्विवेदी,रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) रीवा के सेमरिया थाना क्षेत्र में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। एक युवक ने खुद को साइबर सेल का हेड बताकर सोशल मीडिया पर एक युवती से दोस्ती की और उसे शादी का झांसा देकर छह महीने तक दुष्कर्म किया। साथ ही, उसने युवती को ब्लैकमेल भी किया। पीड़िता की शिकायत के बाद रीवा पुलिस ने एक खास रणनीति बनाकर आरोपी को उत्तराखंड के देहरादून से बुलाकर गिरफ्तार कर लिया।
कैसे रची गई थी धोखाधड़ी की साजिश?
आरोपी की पहचान अर्जुन कुमार के रूप में हुई है, जो खुद उत्तराखंड के देहरादून का रहने वाला है। वह सोशल मीडिया पर एक फर्जी आईडी बनाकर खुद को एक पुलिसकर्मी के तौर पर पेश करता था। उसने युवती को बताया कि वह देहरादून में साइबर सेल का हेड है। इस तरह, उसने युवती से दोस्ती की और धीरे-धीरे उस पर प्यार का दबाव बनाना शुरू किया। अपनी पुलिसकर्मी होने की धौंस दिखाकर उसने युवती को अपने जाल में फंसाया।
प्राइवेट फोटो-वीडियो से ब्लैकमेलिंग
एसडीओपी उमेश प्रजापति ने बताया कि अर्जुन कुमार ने धोखे से युवती के फोन से उसकी निजी तस्वीरें और वीडियो चुरा लिए थे। इसके बाद, वह इन्हीं फोटो-वीडियो का इस्तेमाल करके युवती को लगातार ब्लैकमेल करता रहा। वह इन निजी तस्वीरों और वीडियो को सोशल मीडिया पर भी अपलोड कर रहा था, जिससे युवती की मानसिक प्रताड़ना बढ़ती जा रही थी। यह सिलसिला करीब छह महीने तक चलता रहा।
पुलिस की 'स्पेशल स्ट्रैटेजी' से हुई गिरफ्तारी
जब युवती ने इस प्रताड़ना से तंग आकर रीवा पुलिस के सेमरिया थाने में शिकायत दर्ज कराई, तो पुलिस ने आरोपी को पकड़ने के लिए एक विशेष रणनीति बनाई। पुलिस ने पीड़िता को आरोपी से नरम लहजे में बात करने और उसे बिना शक हुए मिलने के लिए रीवा बुलाने की सलाह दी।
पीड़िता ने पुलिस की सलाह पर काम किया और लगातार आरोपी के संपर्क में रही। वह उससे बात करते हुए उसकी लोकेशन भी ट्रैक करती रही और पुलिस को जानकारी देती रही। आरोपी ने पीड़िता से मिलने के लिए 1000 किलोमीटर का सफर तय किया और गुरुवार देर शाम देहरादून से रीवा पहुंचा। जैसे ही वह रीवा पहुंचा, पहले से ही तैयार पुलिस की टीम ने उसे मौके पर ही दबोच लिया।
फर्जी आईडी और हथियार बरामद
गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने आरोपी अर्जुन कुमार के पास से कई आपत्तिजनक चीजें बरामद की हैं। उसके पास से एक फर्जी आईडी कार्ड मिला है, जिसमें वह खुद को 'साइबर सेल चीफ, उत्तराखंड' बताता है। इसके अलावा, उसके पास से एक प्लास्टिक की पिस्टल, एक चाकू, एक बाइक और कुछ अन्य दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं।
आरोपी को शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया है। यह मामला दिखाता है कि सोशल मीडिया पर किसी पर भी आँख बंद करके भरोसा करना कितना खतरनाक हो सकता है। रीवा पुलिस की यह रणनीति सराहनीय है, जिसने एक लंबी दूरी तय करके भी आरोपी को पकड़ने में सफलता हासिल की।