Rewa Weather Update : इतना घना कोहरा पहले कभी नहीं पड़ा! 11.40 बजे तक सड़कें थीं 'गायब', जरुरी काम हो तो ही निकले, हाड कपा देने वाली आ गयी ठंड 

 
सीजन के पहले घने कोहरे से रीवा और विंध्य क्षेत्र में भयावह स्थिति, दोपहर 11:38 बजे मिली राहत; लोग दुर्घटना के डर से घरों में दुबके रहे।

ऋतुराज द्विवेदी,रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) रविवार का दिन विंध्य क्षेत्र, विशेष रूप से रीवा, के निवासियों के लिए एक असामान्य और भयावह अनुभव लेकर आया। सुबह लोगों ने जो देखा, वह इस सीजन के पहले कोहरे की भयावहता थी, जिसने पूरे क्षेत्र को अपनी सफेद चादर में लपेट लिया। यह कोहरा इतना घना था कि इसका असर न केवल यातायात पर पड़ा, बल्कि लोगों को डर के मारे घरों से बाहर निकलने से भी रोक दिया।

दृश्यता शून्य: सुबह का भयावह मंज़र
शनिवार रात करीब 11 बजे तक कोहरा हल्का था, लेकिन मध्य रात्रि के बाद इसने धीरे-धीरे अपनी तीव्रता बढ़ानी शुरू कर दी। सुबह जब लोग जागे, तो उन्हें अपनी आँखों पर विश्वास नहीं हुआ। लोग डर के कारण घरों से बाहर क्यों नहीं निकले? सुबह 6 बजे जब लोग टहलने के लिए बाहर निकले, तो उन्हें लगा कि यह आग का धुआँ है। कोहरे की अत्यधिक सघनता (High Density) और विजिबिलिटी लगभग न होने के कारण, लोगों ने किसी भी दुर्घटना के डर से घरों के अंदर रहना ही सुरक्षित समझा।

चारों ओर सिर्फ धुंध का साम्राज्य था, और पास के घर या वाहन तक नजर नहीं आ रहे थे। कोहरे में दृश्यता कितनी थी? मौसम विभाग के अनुसार, इस दौरान दृश्यता (Visibility) 50 मीटर से भी कम दर्ज की गई, जिससे वाहन चलाना या बाहर निकलना लगभग असंभव हो गया था।

मौसम विज्ञान का विश्लेषण: कोहरे की तीव्रता के कारण

  • मौसम विज्ञान के आंकड़ों से पता चलता है कि यह कोहरा केवल घना नहीं था, बल्कि इसकी नमी (Humidity) भी बहुत अधिक थी।
  • रविवार को न्यूनतम तापमान (Minimum Temperature) 7.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।
  • ह्यूमिडिटी (Humidity) 97 फीसदी दर्ज की गई, जो कोहरे को और अधिक घना और देर तक टिकाए रखने के लिए जिम्मेदार होती है।

पहला कोहरा इतना भयानक क्यों था? अत्यधिक नमी और तापमान में अचानक गिरावट के संयोजन से यह इस सीजन का सबसे घना और भयावह कोहरा बन गया।

सड़कें थमीं, यात्री फंसे: यातायात पर कोहरे का असर
कोहरे का सबसे बुरा असर सड़कों पर देखने को मिला। विजिबिलिटी इतनी कम थी कि लंबी दूरी के यात्रियों और मालवाहकों ने बीच रास्ते में ही अपने वाहनों के पहिए थाम दिए।

कोहरे में यातायात ठप: 
सुबह के व्यस्त समय में भी सड़कें लगभग सुनसान रहीं। मालवाहकों और ट्रकों ने सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जहां जगह मिली, वहीं अपने वाहन खड़े कर दिए। सड़कों पर वाहन चालकों को दिन में भी हेडलाइट्स जलाकर चलना पड़ा, लेकिन इसके बावजूद 50 मीटर से आगे कुछ भी देख पाना मुश्किल था। कोहरे में वाहन कैसे चलाएं? इस मौसम में वाहन चलाना सबसे खतरनाक माना जाता है, और इसीलिए अधिकतर चालकों ने मौसम साफ होने का इंतजार करना ही बेहतर समझा।

घरों में कैद लोग: कोहरा छंटने का लंबा इंतज़ार
शहर के गली-मोहल्ले तक कोहरे की गिरफ्त में थे। लोग दोपहर 11 बजे तक कोहरा क्यों नहीं छंटा? कोहरा छंटने का इंतजार करते-करते लोगों ने लगभग सुबह का पूरा समय घरों के अंदर ही बिताया। घनी नमी के कारण सूर्य की किरणें (Sunlight) जमीन तक नहीं पहुंच पा रही थीं।

राहत का समय: 
लोगों को तब राहत मिली जब सुबह 11:38 बजे के बाद धीरे-धीरे धूप निकलनी शुरू हुई और कोहरा छंटने लगा। इसके बाद ही जनजीवन सामान्य हो सका।

सुरक्षा और सावधानी: कोहरे में एक्सीडेंट का खतरा क्यों बढ़ता है?
घने कोहरे के कारण सड़क दुर्घटना (Road Accident) का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। विजिबिलिटी कम होने से प्रतिक्रिया समय (Reaction Time) घट जाता है, जिससे वाहन आपस में टकरा सकते हैं।

कोहरे में एक्सीडेंट का खतरा क्यों बढ़ता है? मौसम विभाग ने आगाह किया है कि कोहरे की दस्तक ने दुर्घटनाओं की संभावना को बढ़ा दिया है। लोगों को सलाह दी गई है कि वे धीमी गति से वाहन चलाएं, फॉग लाइट का उपयोग करें, और अनावश्यक यात्रा से बचें।

आगे का मौसम: विंध्य में आने वाले दिन कैसे होंगे?
यह सीजन का पहला घना कोहरा था, जो आने वाले दिनों के मौसम का संकेत है। विशेषज्ञों का मानना है कि अब जैसे-जैसे सर्दी बढ़ेगी, कोहरे की तीव्रता और अवधि भी बढ़ेगी। विंध्य में आने वाले दिन कैसे होंगे? संभावना है कि न्यूनतम तापमान और नीचे जाएगा, और कोहरा अब एक नियमित घटना बन सकता है। नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे ठंड और कोहरे दोनों से निपटने के लिए तैयार रहें।