देशव्यापी हड़ताल से कामकाज ठप: रीवा में भी डाकघर कर्मचारी धरने पर, 21 सूत्रीय मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा

 

ऋतुराज द्विवेदी,रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो)  मंगलवार को देश भर के करोड़ों कर्मचारी सरकार की विभिन्न नीतियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर हड़ताल पर चले गए हैं। इस हड़ताल का आह्वान देश की 10 प्रमुख ट्रेड यूनियनों ने किया है, जिसमें बैंक, बीमा, कोयला खनन, राज्य परिवहन और निर्माण एजेंसियों सहित कई क्षेत्रों के कर्मचारी शामिल हैं। इसी देशव्यापी हड़ताल का हिस्सा रीवा में भी देखने को मिला, जहां अखिल भारतीय डाक कर्मचारी संघ के सदस्य भी धरने पर बैठ गए हैं, जिससे डाक सेवाएं पूरी तरह से ठप हो गई हैं।

डाकघर कर्मचारियों की 21 सूत्रीय मांगें

रीवा स्थित डाकघर के बाहर प्रदर्शन कर रहे अखिल भारतीय डाक कर्मचारी संघ के सिद्धेश्वर सिंह ने बताया कि डाकघर कर्मचारियों ने आज की हड़ताल का पूर्ण समर्थन किया है। उन्होंने जानकारी दी कि उनकी मुख्य रूप से 21 सूत्रीय मांगें हैं, जिनमें कई अहम मुद्दे शामिल हैं। इन मांगों में प्रमुख रूप से:

  • पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme) को बहाल करना।

  • न्यूनतम वेतन की गारंटी देना।

  • केंद्र और राज्य सरकारों के अधीन लगभग 2 करोड़ खाली पदों पर नियमित भर्ती करना।

  • निजीकरण पर रोक लगाना।

  • ठेका प्रथा (Contract System) को समाप्त करना।

  • पेंशन अमेंडमेंट बिल (Pension Amendment Bill) को वापस लेना।

  • सरकार के चार लेबर कोड (श्रम संहिता) में शामिल 'काले नियमों' को वापस लेना।

सिद्धेश्वर सिंह ने यह भी बताया कि इस राष्ट्रव्यापी हड़ताल में सभी प्रमुख मजदूर संगठन शामिल हैं।

विभागों में कामकाज ठप, अधिकारी भी समर्थन में

इस देशव्यापी हड़ताल के कारण रीवा सहित पूरे देश में विभिन्न सरकारी विभागों का कामकाज बुरी तरह प्रभावित हुआ है। डाकघर में सेवाएं पूरी तरह से ठप पड़ गई हैं, जिससे आम जनता को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सबसे खास बात यह है कि कर्मचारियों की इस हड़ताल का अधिकारियों ने भी नैतिक समर्थन दिया है, जो इस आंदोलन की व्यापकता को दर्शाता है।

मंगलवार को सुबह 11:28 बजे शुरू हुआ यह प्रदर्शन, शाम 11:53 तक अपडेट होता रहा, जिससे पता चलता है कि कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर दृढ़ हैं और उनका आंदोलन जारी है।