"विंध्य की राजनीति में 'पोस्टर वार' के बाद 'पोस्ट वार': बहू-बेटियों पर वीरेंद्र बघेल की विवादित पोस्ट से मचा कोहराम, ब्राह्मण समाज ने दी सीधी पुलिस को 3 दिन की मोहलत!

 
सीधी जिले में ब्राह्मण समाज पर टिप्पणी को लेकर मचा बवाल। भाजपा ने वीरेंद्र बघेल से झाड़ा पल्ला। 

ऋतुराज द्विवेदी,रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) मध्य प्रदेश का सीधी जिला इन दिनों वैचारिक बहस से आगे बढ़कर जातिगत विद्वेष की आग में झुलस रहा है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स, जो जुड़ाव का माध्यम होने चाहिए थे, अब एक-दूसरे के खिलाफ जहर उगलने के हथियार बन गए हैं। ब्राह्मण समाज और अन्य समुदायों के बीच शुरू हुआ यह विवाद अब कानूनी दहलीज तक पहुँच चुका है, जिससे प्रशासन की चिंताएं बढ़ गई हैं।

विवाद की शुरुआत: संतोष वर्मा की टिप्पणी और अजय प्रताप सिंह का समर्थन
इस पूरे घटनाक्रम की पटकथा तब लिखी गई जब संतोष वर्मा नामक व्यक्ति ने एक जातिगत टिप्पणी की। इस विवाद को हवा तब मिली जब भारतीय जनता पार्टी के पूर्व राज्यसभा सांसद अजय प्रताप सिंह ने इस बयान का समर्थन कर दिया। उन्होंने इसे 'सामाजिक समरसता' का नाम देते हुए उचित ठहराया।

अजय प्रताप सिंह जैसे कद्दावर नेता के इस कदम ने आग में घी डालने का काम किया। जहां एक पक्ष इसे अभिव्यक्ति की आजादी बता रहा था, वहीं ब्राह्मण समाज ने इसे अपनी गरिमा पर सीधा हमला माना। इसके तुरंत बाद सोशल मीडिया पर आरोपों-प्रत्यारोपों की बाढ़ आ गई।

एडवोकेट रोहित मिश्रा का मोर्चा: डिजिटल युद्ध की शुरुआत 
शुक्रवार शाम को विवाद तब और गहरा गया जब एडवोकेट रोहित मिश्रा ने अपनी एक पोस्ट के माध्यम से अजय प्रताप सिंह पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व सांसद जानबूझकर जातिगत द्वेष फैला रहे हैं और ब्राह्मण समाज के खिलाफ अपमानजनक शब्दावली को बढ़ावा दे रहे हैं। रोहित मिश्रा के इस विरोध के बाद अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज के कार्यकर्ता लामबंद होने लगे और मामले ने पूरी तरह से सामाजिक रंग ले लिया।

वीरेंद्र सिंह बघेल का दावा: जिसने राजनीतिक गलियारों में मचा दिया भूचाल
विवाद का सबसे संवेदनशील मोड़ शनिवार शाम को आया। भाजपा के पूर्व कार्यकर्ता कहे जाने वाले वीरेंद्र सिंह बघेल ने एक ऐसी आपत्तिजनक पोस्ट की, जिसने मर्यादाओं की सारी सीमाएं लांघ दीं। बघेल ने दावा किया कि जिले की 500 से अधिक ब्राह्मण बेटियां अन्य जातियों में विवाह कर चुकी हैं।

इस व्यक्तिगत और जातिगत प्रहार ने ब्राह्मण समाज के धैर्य का बांध तोड़ दिया। इस पोस्ट को न केवल अपमानजनक माना गया, बल्कि इसे महिलाओं की गरिमा और सामाजिक ढांचे को अस्थिर करने वाला प्रयास बताया गया। एडवोकेट रोहित मिश्रा ने तत्काल प्रभाव से सीधी पुलिस अधीक्षक (SP) से मिलकर बघेल के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की मांग की है।

अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज की चेतावनी: '3 दिन का अल्टीमेटम'
अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज के जिला अध्यक्ष पंडित राकेश दुबे ने इस मुद्दे पर कड़ा रुख अख्तियार किया है। उन्होंने सार्वजनिक रूप से वीरेंद्र सिंह बघेल को चुनौती दी है कि यदि उनके पास 500 बेटियों की कोई सूची है, तो उसे 3 दिनों के भीतर सार्वजनिक करें।

राकेश दुबे ने स्पष्ट किया:

  • यदि 3 दिन में प्रमाण नहीं मिले, तो पुलिस थाने में आधिकारिक FIR दर्ज कराई जाएगी।
  • यदि पुलिस कार्रवाई में ढिलाई बरतती है, तो पूरे जिले में उग्र आंदोलन किया जाएगा।
  • समाज अपनी बहू-बेटियों के सम्मान से कोई समझौता नहीं करेगा।

भाजपा का पल्ला झाड़ना: 'बघेल हमारे कार्यकर्ता नहीं' 
विवाद को बढ़ता देख भारतीय जनता पार्टी ने अपनी छवि बचाने के लिए मोर्चा संभाला। भाजपा जिला अध्यक्ष देव कुमार सिंह चौहान ने प्रेस के सामने आकर स्पष्ट किया कि वीरेंद्र सिंह बघेल का भाजपा से वर्तमान में कोई लेना-देना नहीं है।

चौहान के अनुसार:

  • वीरेंद्र सिंह बघेल गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के सक्रिय सदस्य रहे हैं।
  • उन्होंने पिछले चुनाव में दूसरी पार्टी का प्रचार किया था।
  • भाजपा की किसी भी आधिकारिक सूची में उनका नाम नहीं है।

भाजपा जिलाध्यक्ष ने यह भी जोड़ा कि उनकी पार्टी किसी भी जाति या धर्म के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी का समर्थन नहीं करती और पुलिस को ऐसे अराजक तत्वों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।

कानूनी पहलू: डिजिटल प्लेटफॉर्म पर जातिगत टिप्पणी और सजा
कानूनी विशेषज्ञों के अनुसार, सोशल मीडिया पर किसी विशेष जाति को लक्षित करना या महिलाओं के विरुद्ध अभद्र टिप्पणी करना IPC की धारा 153A, 295A और IT Act की धारा 67 के तहत दंडनीय अपराध है। सीधी पुलिस के सामने अब सबसे बड़ी चुनौती यह है कि वे कैसे इस मामले में बिना किसी राजनीतिक दबाव के कार्रवाई करते हैं ताकि जिले में सामाजिक सौहार्द बना रहे।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
1. सीधी जिले में हालिया विवाद का मुख्य कारण क्या है? विवाद का मुख्य कारण सोशल मीडिया पर की गई जातिगत टिप्पणियां हैं, विशेषकर वीरेंद्र सिंह बघेल द्वारा ब्राह्मण समाज की महिलाओं को लेकर किया गया आपत्तिजनक दावा।
2. वीरेंद्र सिंह बघेल ने अपनी पोस्ट में क्या दावा किया था? उन्होंने दावा किया था कि सीधी जिले की 500 से अधिक ब्राह्मण समाज की बहू-बेटियों ने अन्य जातियों में शादियां की हैं, जिसे समाज ने अपमानजनक माना है।
3. क्या वीरेंद्र सिंह बघेल भाजपा के सदस्य हैं? नहीं, भाजपा जिला अध्यक्ष देव कुमार सिंह चौहान ने स्पष्ट किया है कि बघेल भाजपा के नहीं, बल्कि गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के कार्यकर्ता रहे हैं।
4. ब्राह्मण समाज ने क्या अल्टीमेटम दिया है? समाज ने 3 दिन के भीतर साक्ष्य प्रस्तुत करने या माफी मांगने की मांग की है, अन्यथा FIR और व्यापक आंदोलन की चेतावनी दी है।
5. पुलिस इस मामले में क्या कर रही है? एडवोकेट रोहित मिश्रा की शिकायत के बाद पुलिस मामले की जांच कर रही है और सोशल मीडिया पोस्ट के तकनीकी साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं।