दुबई से दिल्ली तक 'ऑपरेशन सिंदूर': भारत ने नकवी को दी खुली चुनौती! यह सिर्फ क्रिकेट नहीं, राष्ट्रीय सम्मान की जीत है!
ऋतुराज द्विवेदी, रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) दुबई में हुए एशिया कप 2025 के फाइनल में भारत ने अपने चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को 5 विकेट से हराकर नौवीं बार यह प्रतिष्ठित खिताब जीत लिया। यह जीत भारत के लिए केवल एक खेल उपलब्धि नहीं थी, बल्कि इसके बाद जो घटनाक्रम हुआ, वह भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे कूटनीतिक तनाव को क्रिकेट के मैदान तक ले आया।
भारतीय टीम ने जीत के बाद एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) के अध्यक्ष और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) के चेयरमैन मोहसिन नकवी से ट्रॉफी लेने से स्पष्ट इनकार कर दिया। नकवी, जो पाकिस्तान के गृहमंत्री भी हैं, मंच पर भारतीय टीम का इंतजार करते रहे, लेकिन टीम ने उन्हें दरकिनार कर दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टीम इंडिया की इस जीत को 'ऑपरेशन सिंदूर खेल के मैदान पर भी जारी है' लिखकर बधाई दी, जो जीत के राजनीतिक महत्व को दर्शाता है।
ट्रॉफी लेने से इनकार: विवाद का केंद्र (Refusal to Accept Trophy: The Centre of the Controversy)
भारतीय टीम का यह अभूतपूर्व कदम पहलगाम आतंकी हमले और उसके जवाब में भारत द्वारा लॉन्च किए गए सैन्य अभियान 'ऑपरेशन सिंदूर' के विरोध के रूप में देखा गया।
- विरोध का कारण: भारतीय टीम ने पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद के समर्थन को देखते हुए, यह संदेश देने के लिए नकवी से ट्रॉफी लेने से इनकार कर दिया कि भारत हर मोर्चे पर आतंकवाद का समर्थन करने वालों का बहिष्कार करेगा।
- अभूतपूर्व प्रदर्शन: कप्तान सूर्यकुमार यादव ने औपचारिक ट्रॉफी की अनुपस्थिति में भी, साथी खिलाड़ियों के सामने खाली हाथ ही ऐसा जेस्चर बनाया मानो वे ट्रॉफी लेकर आ रहे हों। पूरी टीम ने इसे ही असली ट्रॉफी मानकर जश्न मनाया, जो विरोध का एक सशक्त प्रतीक बन गया।
- विवाद की जड़: बीसीसीआई (BCCI) ने साफ़ कर दिया था कि टीम नकवी के अलावा किसी भी अधिकारी से ट्रॉफी लेने को तैयार है, लेकिन नकवी मंच से हटने को तैयार नहीं हुए। एक घंटे तक प्रेजेंटेशन सेरेमनी में देरी हुई, जिसके बाद एसीसी ने भारतीय टीम द्वारा पुरस्कार न लेने की घोषणा कर दी और नकवी ट्रॉफी लेकर मंच से उतर गए।
🇮🇳 राजनीतिक पृष्ठभूमि: ऑपरेशन सिंदूर और विरोध (Political Background: Operation Sindoor and Protest)
भारतीय क्रिकेट टीम का यह विरोध अचानक नहीं था, बल्कि यह हालिया राजनीतिक घटनाओं का परिणाम था:
- पहलगाम हमला: 22 अप्रैल को कश्मीर घाटी के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत में पाकिस्तान के खिलाफ विरोध तेज हो गया था।
- ऑपरेशन सिंदूर: भारत ने इस हमले के जवाब में ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया था, जिसमें पाकिस्तान को करारा जवाब मिला था।
- मैदान पर विरोध: टीम इंडिया ने पूरे टूर्नामेंट के दौरान पाकिस्तानी खिलाड़ियों से हाथ मिलाने से परहेज किया। BCCI ने टूर्नामेंट की शुरुआत में ही यह तय कर लिया था कि अगर टीम चैंपियन बनती है तो वह किसी पाकिस्तानी ऑफिशियल से ट्रॉफी स्वीकार नहीं करेगी।
भारतीय प्रशंसकों ने भी विरोध में आवाज़ उठाई। जब नकवी प्रेजेंटेशन स्टेज पर आए, तो स्टैंड में बैठे भारतीय प्रशंसकों ने "भारत माता की जय" के नारे लगाने शुरू कर दिए।
नेताओं और कप्तानों की प्रतिक्रिया (Reactions of Leaders and Captains)
भारतीय पक्ष:
- सूर्यकुमार यादव (भारतीय कप्तान): मैच के बाद सूर्या ने कहा, "जब मैं क्रिकेट खेल रहा हूं तब से पहली बार देखा कि चैंपियन टीम को ट्रॉफी नहीं दी गई।" उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय ड्रेसिंग रूम में अपने सभी खिलाड़ियों के साथ होना ही उनके लिए असली ट्रॉफी है।
- देवजीत सैकिया (BCCI सचिव): उन्होंने नकवी की हरकत पर अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) में कड़ा विरोध जताने की बात कही और उम्मीद जताई कि ट्रॉफी जल्द मिल जाएगी।
पाकिस्तानी पक्ष:
सलमान अली आगा (पाकिस्तानी कप्तान): उन्होंने भारतीय टीम के व्यवहार की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि भारतीय टीम "क्रिकेट का अनादर" कर रही है। उनके अनुसार, हाथ न मिलाकर वे पाकिस्तान का नहीं, बल्कि क्रिकेट का अपमान कर रहे थे।
PCB चेयरमैन मोहसिन नकवी और विवादित हरकतें (PCB Chairman Mohsin Naqvi and Controversial Actions)
मोहसिन नकवी और पाकिस्तानी खिलाड़ी हारिस रऊफ पहले से ही विवादों में रहे हैं, जिससे भारतीय टीम के विरोध को और बल मिला।
- नकवी की विवादित पोस्ट: नकवी ने पिछले दिनों एक्स पर एक ऐसा वीडियो पोस्ट किया था जिसमें फुटबॉलर क्रिस्टियानो रोनाल्डो विमान क्रैश होने का इशारा करते दिख रहे थे। यह इशारा हारिस रऊफ के भड़काऊ इशारे से मिलता-जुलता था।
- हारिस रऊफ का भड़काऊ इशारा: हारिस रऊफ ने भारत के खिलाफ सुपर 4 मैच के दौरान भारतीय फैंस द्वारा विराट कोहली के नाम से चिढ़ाने पर विमानों को गिराने का इशारा किया था। यह इशारा पाकिस्तान के उस आधारहीन दावे से प्रेरित था जिसमें ऑपरेशन सिंदूर में 6 भारतीय फाइटर प्लेन गिराने की बात कही गई थी।
- मैदान पर अभद्र भाषा: रऊफ ने अपनी गेंदबाजी के दौरान भारतीय ओपनर्स शुभमन गिल और अभिषेक शर्मा को अपशब्द भी कहे थे।
भारतीय टीम का यह कठोर रुख स्पष्ट रूप से पाकिस्तान को यह संदेश देने का एक कूटनीतिक तरीका है कि आतंकवाद और खेल में अभद्र व्यवहार अस्वीकार्य है, और भारत हर स्तर पर इसका विरोध करेगा।
निष्कर्ष
दुबई में भारत की एशिया कप जीत एक ऐतिहासिक खेल सफलता थी, लेकिन मोहसिन नकवी से ट्रॉफी लेने से इनकार ने इसे एक उच्च स्तरीय कूटनीतिक विरोध में बदल दिया। भारतीय टीम ने अपनी जीत के जश्न को राष्ट्रीय सम्मान और आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता के संदेश में बदल दिया। BCCI द्वारा ICC में नकवी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के फैसले से यह विवाद अंतरराष्ट्रीय मंच पर और बढ़ेगा, जो यह दर्शाता है कि खेल के मैदान पर भी देश की संप्रभुता और सुरक्षा से समझौता नहीं किया जाएगा।