REWA : 8 साल बाद भी बेला-सतना फोरलेन का प्रोजेक्ट अधूरा : प्रशासनिक अनदेखी से ठेका कंपनी की मनमानी जारी, कोरोना का बहाना कर फिर एक्सटेंशन की तैयारी

 

REWA : 8 साल बाद भी बेला-सतना फोरलेन का प्रोजेक्ट अधूरा : प्रशासनिक अनदेखी से ठेका कंपनी की मनमानी जारी, कोरोना का बहाना कर फिर एक्सटेंशन की तैयारी

विंध्य के दो जिलों को जोड़ने वाले नेशनल हाईवे-39 के निर्माण की कछुआ चाल जारी है। आलम है कि 8 साल बाद भी बेला-सतना फोरलेन का प्रोजेक्ट अधूरा है। जबकि रीवा-सतना के मध्य वाहनों के दबाव को देखते हुए 10 साल पहले ही फोरलेन बनाने की योजना बनी थी।

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इसके बाद इस प्रोजेक्ट की सभी प्रक्रियाओं को पूर्ण करने के बाद वर्ष 2013 से काम शुरु हुआ था। लेकिन 8 साल बाद भी प्रोजेक्ट अधूरा है। शुरुआती दौर से अड़ंगे में रहे इस प्रोजेक्ट की वर्तमान ठेका कंपनी श्रीजी इंफ्रा को 4 बार एक्सटेंशन मिल चुका है। लेकिन जिस तरह से काम चल रहा है। उम्मीद नहीं है कि ये प्रोजेक्ट अपनी समय सीमा में पूरा होगा।

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कोरोना का बहाना कर फिर एक्सटेंशन की तैयारी

सूत्रों की मानें तो ठेका कंपनी के सामने सतना-कैमा रेलखंड के बीच आरओबी के काम को पूरा करना चुनौती है। इसके बाद छोटे काम शेष रह जाएंगे। लेकिन जिस तरह से रेलवे ओवर ब्रिज का काम चल रहा है। उससे नवंबर माह तक रेलवे आरओबी का काम पूरा होने की संभावना नहीं दिख रही है। ऐसे में निर्माण एजेंसी को एक बार फिर एक्सटेंशन लेने की तैयारी शुरू कर दी है।

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नवंबर 2021 है आखिरी डेट लाइन

नेशनल हाईवे के अधिकारियों ने बताया कि बेला-सतना फोरलेन प्रोजेक्ट को पूर्ण करने के लिए नवंबर माह तक का समय निर्धारित है। निर्माण एजेंसी को स्पष्ट निर्देश है कि समय में इसे पूरा करें। लेकिन अंदर खाने से दूसरी बातें भी चल रही है। दो आरओबी का काम सहित छोटे बड़े अन्य काम को इतने कम समय में पूरा करना आसान नहीं है। जिस गति से कंपनी काम कर रही है। प्रोजेक्ट को एक्सटेंशन देना तय है।

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वर्ष 2013 में शुरू हुआ था प्रोजेक्ट

बता दें कि बेला-सतना फोरलेन प्रोजेक्ट की शुरुआत 2013 में हुई थी। प्रोजेक्ट का टेंडर टाप वर्थ कंपनी को दिया गया था। फिर टाप वर्थ ने इस रोड का काम पेटी में दिलीप बि​ल्डकॉन को सौंप दिया। 50 प्रतिशत कार्य पूर्ण होने के बाद दोनों कंपनियों में पैसे को लेकर विवाद हो गया। जिससे पेटी कंपनी ने काम छोड़ दिया। इस तरह 3 साल तक काम बंद रहा। फिर सरकार की मध्यस्थता के बाद दिलीप बिल्डकान ने काम शुरू किया। 3 से 4 माह के बाद दोनों एजेंसिया फिर विवाद करने लगी। तो वर्ष 2018 तक कार्य रुका रहा। इसके बाद बैलेंस वर्क टेंडर श्रीजी इंफ्रा को दिया गया।

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अभी भी दो रेलवे के आरओबी अधूरे

उल्लेखनीय है कि बेला-सतना फोरलेन प्रोजेक्ट को बदखर तक चालू कर दिया गया है। जो सेमरिया जाने वाले मार्ग से सतना के बिरला रोड को छोड़ता है। हालांकि बदखर बाईपास से आगे सोहावल तक दो रेलवे आरओबी ब्रिज के कारण काम रूका है। जिसमे प्रयागराज-सतना रेल लाइन और रीवा-सतना रेल लाइन के दो अहम ब्रिज आज तक नहीं बने है। ये दोनों रेलवे के आरओबी ब्रिज आज भी अधूरे है।

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पहले दिसंबर 2019 तक थी आखिरी डेट लाइन

बता दें कि जुलाई 2018 में बैलेंस वर्क को जारी किए गए टेंडर की आखिरी डेट लाइन दिसंबर 2019 थी। कार्य पूर्ण न होने पर निर्माण एजेंसी ने 3 माह का एक्सटेंशन ले लिया। तभी मार्च 2020 में कोरोना का लॉकडाउन लग गया। लॉकडाउन के कारण तीन माह का फिर एक्सटेंशन मिल गया। इसके बाद भी प्रोजेक्ट अधूरा रहा। तभी एजेंसी ने फिर 6 माह का एक्सटेंशन ले​ लिया। ऐसे में अब प्रोजेक्ट को 2021 फरवरी या मार्च माह में पूर्ण हो जाना चाहिए था, लेकिन नहीं हुआ। इससे अब एक बार फिर नवंबर माह तक का समय निर्माण एजेंसी को दिया गया है।

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