Prayagraj Maha Kumbh Via Rewa : न खाने की व्यवस्था, न पीने को पानी, रीवा से UP बॉर्डर पर 25 किलोमीटर लंबा जाम :

प्रयागराज महाकुंभ में मची भगदड़ में करीब 40 लोगों की मौत हो चुकी है। 70 से ज्यादा लोग घायल हैं। मृतकों का आंकड़ा बढ़ने की आशंका है। प्रयागराज में भीड़ और न बढ़े इसलिए उत्तर प्रदेश बॉर्डर से सटे जिलों में श्रद्धालुओं को रोक दिया गया है। इससे सबसे ज्यादा दबाव रीवा प्रयागराज मार्ग पर बढ़ा है। हालात ये हैं कि यूपी बॉर्डर से रीवा के झरिया टोल तक करीब 25 किमी में ट्रैफिक थमा हुआ है। रीवा के पहले करीब 40 किमी तक गाड़ियां रेंग रही हैं।
इस जाम में फंसे लोग खाना तो दूर पानी तक के लिए परेशान हो रहे हैं। उनका कहना है कि 5 घंटे से बच्चों ने पानी तक नहीं पीया है। भोपाल के एक परिवार ने 50 किमी वापस लौटकर होटल में आसरा लिया है। वह जाम खुलने का इंतजार कर रहा है।
ड्रोन की नजर से देखें जाम की 3 तस्वीरें...
भोपाल के श्रद्धालु प्रयागराज के मुहाने से लौटे भोपाल के रहने वाले पवन कुमार आहूजा ने कहा- मैं परिवार के साथ कार से प्रयागराज के लिए निकला था। सुबह रीवा से आगे निकलकर टोल नाका पार कर लिया था। प्रयागराज से करीब 50 किमी पहले जाम देखकर परिवार से बात की। तय किया कि गाड़ी को वापस मोड़ना ही उचित होगा।
हमने गाड़ी मोड़ी और 50 किमी दूर एक होटल में जाकर रूम लिया। अब जाम खुलने का इंतजार कर रहे हैं। स्थिति देखकर यही लग रहा है कि 24 घंटे तक तो सोहागी घाट पर जाम खत्म नहीं होने वाला है। जो यहां आ रहे हैं, उनसे यही कहूंगा कि सारी व्यवस्था साथ लेकर ही घर से प्रयागराज के लिए निकलें।
स्थानीय लोग भोजन-पानी की व्यवस्था कर रहे रीवा के रमाशंकर सिंह पटेल ने बताया कि यहां रोके गए श्रद्धालुओं के लिए स्थानीय लोग भोजन-पानी की व्यवस्था कर रहे हैं। वहीं, श्रद्धालुओं का कहना है कि सुबह 5 बजे से उन्हें यहां रोका गया है। प्रशासन की तरफ से किसी भी प्रकार की कोई व्यवस्था नहीं की गई है।
रीवा में 25 किलोमीटर लंबा जाम लगा रीवा एसडीओपी उदित मिश्रा ने बताया- अभी सिर्फ रीवा की तरफ जाने वाला ट्रैफिक क्लियर है। प्रयागराज साइड जाने वाले वाहन रोके गए हैं। झिरिया टोल प्लाजा, चाकघाट से यूपी बॉर्डर तक वाहनों की कतार लगी है। करीब 25 किलोमीटर तक जाम है। यूपी के एरिया में कितना लंबा जाम है, ये पता नहीं?
हाईवे के थानों पर होल्डिंग प्वॉइंट बनाए डीएसपी हिमाली पाठक ने बताया कि मौनी अमावस्या की वजह से प्रयागराज में काफी भीड़ है। इसे देखते हुए वाहनों के आवागमन को प्रतिबंधित कर दिया गया है। प्रयागराज से लगे रीवा बॉर्डर पर वाहन बहुत अधिक संख्या में हैं।
जाम से यात्रियों को निजात दिलाने के लिए प्रयागराज-रीवा मार्ग पर पड़ने वाले सभी थानों पर होल्डिंग प्वॉइंट बनाए गए हैं। गाड़ियों को एक-एक घंटे रोककर धीरे-धीरे आगे बढ़ाया जा रहा है। खाने-पीने से लेकर अन्य सुविधाओं का ध्यान रखा गया है। कुछ यात्री होल्डिंग प्वॉइंट पर ही रुक गए हैं।
यात्री बोले- प्रशासन की तरफ से कोई व्यवस्था नहीं चाकघाट में फंसे पुणे के यात्री ने बताया- बॉर्डर सुबह 5 बजे से सील है। पुलिस से पूछने पर उन्होंने दोपहर 12 बजे तक बॉर्डर खुलने की बात कही थी। लेकिन अब कह रहे हैं कि आज बॉर्डर नहीं खुलेगा। यहां महिलाओं और बच्चों के लिए शौचालय या खाने-पीने की कोई प्रशासनिक व्यवस्था नहीं है। स्थानीय नागरिकों की मदद से कुछ राहत मिली है।
यात्रियों की शिकायत है कि प्रशासन को बॉर्डर खुलने का एक निश्चित समय बता देना चाहिए।
नगर परिषद ने हाईवे पर बड़ा टेंट लगवाया, भोजन की व्यवस्था की चाकघाट नगर परिषद के अध्यक्ष विभव जायसवाल ने बताया- महाकुंभ जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए पहले से टेंट लगाए गए थे। यहां पानी, शौचालय और विश्राम की व्यवस्था थी। लेकिन जैसे ही ये जानकारी मिली कि महाकुंभ में हादसा हो गया है तो नगर परिषद की ओर से हाईवे पर बड़ा टेंट लगवाया गया है।
एक मैरिज गार्डन में भी लोगों के ठहरने की व्यवस्था की गई है। स्थानीय लोग श्रद्धालुओं, ड्राइवरों के भोजन, पानी का प्रबंध कर रहे हैं। मुसीबत के समय में सब एक-दूसरे के साथ हैं।
कई राज्यों से 10 करोड़ श्रद्धालु रीवा होकर कुंभ पहुंचे पुलिस और जिला प्रशासन के मुताबिक, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, जम्मू-कश्मीर, छत्तीसगढ़, गोवा, बिहार समेत अन्य राज्यों के लोग रीवा होकर सड़क मार्ग से कुंभ मेले में पहुंचे हैं।
इनमें शामिल श्रद्धालु रोशन कुमार सिंह और मोनू सिंह ने बताया- 144 साल बाद ऐसा योग बना है, जो इस आयोजन को ऐतिहासिक बनाता है। हर 12 साल में एक सामान्य कुंभ मेला होता है। 12 पूर्ण कुंभ के बाद महाकुंभ का आयोजन होता है। महाकुंभ की सबसे अच्छी बात यह है कि हमें सभी संतों के दर्शन एक साथ मिल जाएंगे।
26 फरवरी तक चलेगा प्रयागराज महाकुंभ प्रयागराज महाकुंभ 13 जनवरी से शुरू हुआ है, जो 26 फरवरी तक चलेगा। इस दौरान कुल 6 स्नान हैं, जिनमें से तीन अमृत स्नान हैं। इस बार मेला प्रशासन ने श्रद्धालुओं की गिनती के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक का इस्तेमाल किया है।
पूरे प्रयागराज में 268 जगहों पर 1107 कैमरे लगाए गए हैं जबकि 100 से अधिक पार्किंग स्थलों पर 700 कैमरे वाहनों और श्रद्धालुओं की गिनती कर रहे हैं। मेलास्थल पर 200 अस्थायी सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।