रीवा में भूचाल! फर्जी डॉक्टर, नकली दवाएँ और क्लीनिकों का 'माफिया राज': अन्नपूर्णा के खुलासे के बाद शहर का सबसे बड़ा अवैध 'जीवन ज्योति' क्लीनिक सील!
ऋतुराज द्विवेदी, रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) रीवा जिले में नकली दवाइयों के कारोबार का खुलासा एक प्रमुख घटनाक्रम से हुआ, जब अन्नपूर्णा मेडिकल स्टोर के संचालक ने इस अवैध धंधे से जुड़े लोगों का नाम उजागर किया। इस खुलासे के बाद जिले का स्वास्थ्य विभाग (Health Department) कटघरे में आ गया, जिसकी किरकिरी (Discredit) होने लगी कि इतने बड़े पैमाने पर चल रहे अवैध कारोबार पर पहले कार्रवाई क्यों नहीं हुई।
जनता और मीडिया के बढ़ते दबाव के बाद, जिला स्वास्थ्य विभाग ने अपनी सक्रियता दिखाते हुए तुरंत कार्रवाई की। शुक्रवार शाम को, जिला स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) संजीव शुक्ला और उनकी टीम ने ढेकहा क्षेत्र में सालों से बिना किसी वैध अनुमति के चल रहे जीवन ज्योति क्लीनिक को सील (Sealed) कर दिया।
मुख्य घटना: जीवन ज्योति क्लीनिक पर कठोर कार्रवाई
जिला स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अचानक ढेकहा स्थित जीवन ज्योति क्लीनिक पर छापा मारा। कार्रवाई के दौरान, टीम ने पाया कि यह क्लीनिक न केवल बिना अनुमति के चल रहा था, बल्कि वहाँ चिकित्सा मानदंडों का घोर उल्लंघन किया जा रहा था।
- अवैध संचालन: क्लीनिक के पास न तो संचालन के लिए कोई वैध दस्तावेज था और न ही किसी वैध प्रक्रिया का पालन किया जा रहा था।
- डिग्री का उल्लंघन: क्लीनिक संचालक की पहचान संतोष कुमार शुक्ला के रूप में हुई, जिनके पास केवल BAMS (आयुर्वेदिक चिकित्सा और सर्जरी स्नातक) की डिग्री थी। इसके बावजूद, वह मरीजों का इलाज एलोपैथी दवाओं (Allopathy Medicines) से कर रहे थे, जो कि नियमों का सीधा उल्लंघन है।
- प्रमाण और सैंपल: टीम ने मौके पर मौजूद कर्मचारियों से सघन पूछताछ की और कई दवाइयों के सैंपल (Samples) भी जब्त किए, जिनकी जाँच की जाएगी।

मिलीभगत का संदेह और बड़ा सवाल
जीवन ज्योति क्लीनिक का सालों से अवैध रूप से संचालित होना जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
बड़ा सवाल: यह क्लीनिक, जो वैध दस्तावेजों और अनुमति के बिना चल रहा था, आखिर किसकी मिलीभगत (Connivance) या संरक्षण से इतने लंबे समय तक संचालित होता रहा?
इस कार्रवाई ने उन सभी अवैध क्लीनिकों, फर्जी डॉक्टरों और विशेष रूप से नकली दवाइयाँ लिखने वाले डॉक्टरों और उन्हें बेचने वाले मेडिकल स्टोर्स पर भी दबाव बढ़ा दिया है, जिन पर जनता लगातार कार्रवाई की मांग कर रही है। यह स्पष्ट संकेत है कि अन्नपूर्णा मेडिकल स्टोर के खुलासे के बाद अब जिले में अवैध स्वास्थ्य सेवाओं के खिलाफ जीरो टॉलरेंस (Zero Tolerance) की नीति अपनाई जा सकती है।
CMHO का आधिकारिक बयान
जिला स्वास्थ्य अधिकारी संजीव शुक्ला ने मीडिया को बताया:
"हमें सूचना मिली थी कि यह क्लीनिक अवैध रूप से संचालित हो रहा है। जाँच में पाया गया कि यह क्लीनिक बिना अनुमति चल रहा था। मौके पर कोई वैध दस्तावेज या रजिस्ट्रेशन नहीं मिला। संचालक के पास BAMS की डिग्री होते हुए भी वह एलोपैथी दवाओं से इलाज कर रहा था, जो नियमों का उल्लंघन है। इसलिए, हमने जीवन ज्योति क्लीनिक को सील कर दिया है और आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।"
निष्कर्ष: अवैध कारोबार पर शिकंजा
रीवा में नकली दवाओं के कारोबार से जुड़े इस घटनाक्रम ने जिला स्वास्थ्य विभाग को अपनी नींद से जगा दिया है। जीवन ज्योति क्लीनिक को सील करना एक शुरुआती कदम है, लेकिन प्रशासन के सामने अब बड़ी चुनौती उन सभी फर्जी डॉक्टरों और अवैध क्लीनिकों के नेटवर्क को तोड़ने की है जो सालों से स्वास्थ्य विभाग की नाक के नीचे चल रहे थे। इस कार्रवाई से यह उम्मीद जगी है कि जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और वैद्यता सुनिश्चित करने के लिए कड़ी निगरानी की जाएगी।
FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
Q1: जीवन ज्योति क्लीनिक को क्यों सील किया गया?
A1: जीवन ज्योति क्लीनिक को इसलिए सील किया गया क्योंकि यह सालों से बिना किसी वैध अनुमति या दस्तावेज के अवैध रूप से संचालित हो रहा था, और संचालक BAMS की डिग्री होने के बावजूद एलोपैथी दवाओं से इलाज कर रहा था।
Q2: स्वास्थ्य विभाग को कार्रवाई करने की प्रेरणा कहाँ से मिली?
A2: यह कार्रवाई तब हुई जब अन्नपूर्णा मेडिकल स्टोर के संचालक ने जिले में नकली दवाइयों के कारोबार को लेकर बड़ा खुलासा किया, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग की किरकिरी हुई और उस पर दबाव बढ़ गया।
Q3: क्लीनिक संचालक पर क्या आरोप हैं?
A3: क्लीनिक संचालक संतोष कुमार शुक्ला पर BAMS की डिग्री होते हुए भी अवैध रूप से एलोपैथी दवाओं से इलाज करने और क्लीनिक को बिना किसी वैध प्रक्रिया के संचालित करने का आरोप है।
Q4: अब आगे क्या कार्रवाई होगी?
A4: क्लीनिक को सील कर दिया गया है। मौके से बरामद दवाइयों के सैंपल की जाँच की जा रही है, और CMHO के अनुसार, आगे कानूनी कार्रवाई की जाएगी।