Rewa News : प्रधान आरक्षक गोलीकांड में बड़ा ट्विस्ट: मेडिकल रिपोर्ट पर दो अस्पताल आमने-सामने, कोर्ट जाने की तैयारी

 
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ऋतुराज द्विवेदी,रीवा। मध्य प्रदेश के सतना जिले के जैतवारा थाना क्षेत्र में प्रधान आरक्षक प्रिंस गर्ग को गोली लगने के मामले ने नया मोड़ ले लिया है। परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप रीवा के निजी अस्पताल पर लगाया है, जबकि अस्पताल ने सरकारी अस्पताल संजय गांधी मेडिकल कॉलेज पर संसाधनों की कमी का आरोप लगाया है।

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घटना का विवरण:
29 अप्रैल 2025 की रात, जैतवारा थाने में एक नकाबपोश युवक आदर्श शर्मा उर्फ अच्छू ने प्रधान आरक्षक प्रिंस गर्ग को बैरक में घुसकर गोली मार दी। गोली उनके कंधे के पास लगी। उन्हें तत्काल सतना जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया और बाद में संजय गांधी मेडिकल कॉलेज रीवा रेफर किया गया। हालत में सुधार न होने पर, उन्हें 7 मई को दिल्ली के मैक्स अस्पताल एयरलिफ्ट किया गया, जहां 9 मई को उनकी मृत्यु हो गई।

परिजनों के आरोप:
प्रिंस गर्ग के साले विनीत दुबे ने रीवा कलेक्टर को ज्ञापन देकर निजी अस्पताल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया कि अस्पताल ने इलाज में लापरवाही बरती, लाखों रुपए वसूले और गुमराह किया कि मरीज पूरी तरह ठीक हो जाएगा। यहां तक कि गोली निकालने का दावा भी किया गया, लेकिन सर्जरी के बाद जब मरीज को दिल्ली के मैक्स अस्पताल ले जाया गया तो डॉक्टरों ने कहा कि मरीज ब्रेन डेड है और पहले से गलत उपचार हुआ है।

अस्पतालों का पक्ष:
संजय गांधी मेडिकल कॉलेज: अस्पताल प्रबंधन ने स्पष्ट किया है कि मरीज को 29 अप्रैल की रात 3 बजे अस्पताल में भर्ती किया गया था और सुबह 10:30 बजे परिजन उसे अपनी मर्जी से निजी अस्पताल ले गए। अस्पताल के सीएमओ डॉ. यत्नेश त्रिपाठी ने कहा कि प्रिंस को समय रहते इलाज दिया गया और उसे स्टैबलिश कर दिया गया था। उन्होंने आगे कहा कि संजय गांधी मेडिकल कॉलेज में रीजन की एकमात्र सिटी स्कैन मशीन है, और निजी अस्पतालों के मरीज भी जांच के लिए यहीं भेजे जाते हैं। ऐसे में संसाधन की कमी का आरोप तथ्यहीन है।

मिनिर्वा अस्पताल: डॉ. शिरीष मिश्रा ने बयान में कहा कि जब मरीज को लाया गया तब गोली लगने के 24 घंटे बीत चुके थे और बीपी बेहद कम था। संजय गांधी अस्पताल में मरीज के गले में ट्यूब डालने का प्रयास किया गया, जो सफल नहीं हो पाया। उनका दावा है कि परिजन पहले जिला अस्पताल और फिर संजय गांधी अस्पताल ले गए, जिससे काफी समय नष्ट हो गया। हमने अपने स्तर से मरीज के इलाज में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी।

स्वास्थ्य मंत्री की प्रतिक्रिया:
स्वास्थ्य मंत्री ने मामले की जांच कराने की बात कही है। संजय गांधी अस्पताल प्रबंधन ने निजी अस्पताल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी दी है।

कांग्रेस की प्रतिक्रिया:
कांग्रेस के मीडिया प्रमुख मुकेश नायक ने इस घटना को लेकर राज्य सरकार की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि यह घटना कानून व्यवस्था की स्थिति को उजागर करती है और पुलिसकर्मी भी अब सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं की कमी और पुलिस संसाधनों की कमी की ओर भी इशारा किया।

निष्कर्ष:
इस मामले में दोनों अस्पतालों के बयानों के बीच विवाद और गहराता जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्री ने मामले की जांच कराने की बात कही है, जिससे यह मामला और भी जटिल हो गया है।

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