Rewa News : बहुचर्चित हनीट्रैप मामले में शिकायतकर्ता हरभजन सिंह का निधन
इंदौर नगर निगम के पूर्व इंजीनियर और बहुचर्चित हनीट्रैप मामले में शिकायतकर्ता हरभजन सिंह का शुक्रवार को निधन हो गया। रीवा स्थित पैतृक घर में उनकी शव मिला। सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने उनकी मौत की पुष्टि की। रीवा पुलिस के अनुसार, उनकी मौत संभवतः दिल का दौरा पड़ने (हार्ट अटैक) से हुई है। जानकारी मिलने के बाद पड़ोसियों ने उन्हें अस्पताल पहुंचाया, लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। उनकी पत्नी बच्चे इंदार में हैं, उन्हें जानकारी दे दी गई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के सही कारणों का पता लग पाएगा।
अस्पताल पहुंचने के पहले हो चुकी थी मौत
सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल रीवा कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. बीडी त्रिपाठी ने बताया कि...
मरीज को दोपहर में यहां लगाया गया था। हॉस्पिटल आने से पहले ही उनकी मौत हो चुकी थी। हमने उन्हें सीपीआर भी दिया, लेकिन रिवाइव नहीं किया जा सका। फैमिली मैंबर से हिस्ट्री ली गई तो पता चला कि उन्हें प्रीवियस कॉर्डियक हिस्ट्री थी। मार्च में हार्ट में इन्हें स्टेंट लगाया गया था। इसके बाद से इनकी दवाएं चल रही थीं।
मेड रोते हुए आई,सीपीआर देने की कोशिश की
सोसायटी मैनेजर गोविंद श्रीवास्तव ने बताया कि शुक्रवार दोपहर 1 बजे की बात है। जब हरभजन सिंह के घर में काम करने वाली मेड रोते हुए आई। हमने उससे पूछा की क्या हुआ है, तो उसने बताया कि पापा जी की हालत ठीक नहीं है। मैं दौड़ते हुए उनके घर पर पहुंचा। देखा तो उनकी स्थिति दयनीय थी। मैं समझ गया कि उन्हें हार्ट अटैक आया है। उन्हें सीपीआर देने की कोशिश की। सीपीआर देने के बाद उनकी हालत में थोड़ा सुधार आया, लेकिन अस्पताल पहुंचते-पहुंचते उन्होंने दम तोड़ दिया। सुपर स्पेशलटी अस्पताल के डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
शनिवार को रीवा पहुंचेगा परिवार
गोविंद श्रीवास्तव ने बताया कि परिवार शनिवार को रीवा पहुंचेगा। परिवार इंदौर स्थित घर पर गया हुआ था। हरभजन सिंह के तीन घर हैं। इनमें से दो घर रीवा में हैं और तीसरा घर इंदौर में। पत्नी और बेटा कुछ समय पहले इंदौर गए हुए थे। मौत की सूचना मिलने के बाद शनिवार को वापस आ रहे हैं। उनके शव को गल्ला मंडी स्थित गुरुद्वारा रोड में ले जाया गया है।
इंदौर के पलासिया थाने में की थी हनीट्रैप की शिकायत
करीब 5 साल पहले हरभजन सिंह ने पलासिया थाने में शिकायत की थी कि कुछ महिलाएं उसे उसके अश्लील फोटो और वीडियो के माध्यम से ब्लैकमेल कर तीन करोड़ रुपए की मांग कर रही हैं। पुलिस ने कुछ महिलाओं को गिरफ्तार किया। मामले में कई नेता और अधिकारियों के नाम भी सामने आए।
हरभजन सिंह पर पद के दुरुपयोग का लगा आरोप
हरभजन सिंह पर आरोप लगे कि उन्होंने पद का दुरुपयोग कर पकड़ी गई महिलाओं को आर्थिक लाभ पहुंचाया। कई सरकारी ठेके दिलवाए और शासन को करोड़ों रुपए की क्षति पहुंचाई। मामले में हरभजन सिंह और हनीट्रैप में शामिल एक युवती का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ।
इंदौर नगर निगम ने हरभजन को निलंबित कर दिया था, जिसके खिलाफ वह कोर्ट में गया था, जहां से निलंबन का आदेश रद्द कर दिया गया था। इसके बाद शासन ने उसे रीवा तबादला करते हुए दोबारा निलंबित कर दिया। सस्पेंड के कुछ दिनों तक हरभजन इंदौर में ग्रेटर कैलाश मार्ग स्थित मकान में रहे। बाद में वे रीवा स्थित अपने पैतृक निवास पर रहने चले थे, तब ये यहीं रह रहे थे।
हनी ट्रैप केस में आठ आरोपी, इनमें 6 महिलाएं
17 सितंबर 2019 में हनी ट्रैप मामला सामने आया था। नगर निगम इंदौर के तत्कालीन चीफ इंजीनियर हरभजन सिंह को कुछ युवतियों ने अश्लील वीडियो के नाम पर ब्लैकमेल किया था। 3 करोड़ रुपए की मांग की गई थी, इसकी पलासिया पुलिस थाने में शिकायत की थी।
पुलिस ने 6 महिलाओं समेत आठ को आरोपी बनाया था। बाद में सभी की जमानत हो गई थी। सिटी इंजीनियर हरभजन सिंह द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर में कई खुलासे हुए थे। उन्होंने बताया था कि इंदौर के एक होटल में मोबाइल से वीडियो बनाए थे। उसके बाद ब्लैकमेल का खेल शुरू हुआ, जो आठ माह चला। इसमें तीन बार वे पैसे दे चुके थे। वहीं 50 लाख रुपए लेने जब दो युवतियां इंदौर आईं तो उन्हें पकड़ लिया गया।