बच्चों के केंद्र के पास 'ड्रग्स' की एंट्री! झिरिया मोहल्ले से दो आरोपी रंगेहाथ पकड़े गए; क्या रीवा का बचपन खतरे में है? NDPS एक्ट में मामला दर्ज
ऋतुराज द्विवेदी, रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) रीवा, जो कभी गांजा और कोरेक्स (नशीली कफ सिरप) की अवैध बिक्री के लिए चर्चा में रहता था, अब एक गंभीर और अधिक खतरनाक समस्या की चपेट में है: ब्राउन शुगर और अन्य सिंथेटिक ड्रग्स की तस्करी। यह बदलाव न केवल तस्करी के पैटर्न में बदलाव को दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि अब उच्च जोखिम वाले और अधिक व्यसनकारी पदार्थ रीवा के युवाओं को निशाना बना रहे हैं।
विशेष रूप से, बैकुंठपुर और चाकघाट जैसे सीमावर्ती इलाके लंबे समय से अवैध गतिविधियों के लिए 'हॉटस्पॉट' रहे हैं, लेकिन चिंताजनक बात यह है कि अब रीवा शहर और मुख्यालय भी इस काले कारोबार से अछूते नहीं रहे हैं।
इस बढ़ते खतरे ने स्थानीय पुलिस और प्रशासन के लिए एक नई और बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। यह एक सामाजिक और कानूनी समस्या का मिलाजुला रूप है, जिसके गंभीर परिणाम हमारे युवाओं के भविष्य पर पड़ सकते हैं। हाल ही में हुई एक कार्रवाई ने इस बात की पुष्टि की है कि तस्कर अब खुलेआम शहर के रिहायशी इलाकों में भी सक्रिय हैं।
ब्राउन शुगर के तस्करों को पुलिस कैसे पकड़ती है: सिविल लाइन थाने की सफल घेराबंदी
रीवा की सिविल लाइन थाना पुलिस ने ड्रग्स के इस बढ़ते खतरे पर लगाम लगाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है। पुलिस को यह जानकारी मिली थी कि झिरिया मोहल्ला के पास दो व्यक्ति अवैध मादक पदार्थ ब्राउन शुगर बेचने की फिराक में घूम रहे हैं। इस तरह की गुप्त सूचनाएं अक्सर स्थानीय निवासियों या पुलिस के मुखबिरों द्वारा प्रदान की जाती हैं, जो तस्करी के नेटवर्क को तोड़ने में पहला और सबसे महत्वपूर्ण कदम होता है।
सूचना मिलते ही, थाना प्रभारी के निर्देश पर एक त्वरित और प्रशिक्षित पुलिस टीम का गठन किया गया, जिसने बिना समय गंवाए मौके पर घेराबंदी की रणनीति बनाई।
मौके पर, जैसे ही पुलिस टीम ने संदिग्धों को देखा, आरोपियों ने भागने का प्रयास किया। अपराधी भागने की फिराक में थे, जो उनकी संलिप्तता का स्पष्ट संकेत था। हालांकि, पुलिस स्टाफ की तत्परता और आपसी सहयोग के कारण, उनकी यह कोशिश नाकाम रही। पुलिस टीम ने रणनीतिक घेराबंदी (encirclement) कर दोनों आरोपियों को धर दबोचा। यह कार्रवाई दिखाती है कि पुलिस की त्वरित प्रतिक्रिया और टीम वर्क कैसे मादक पदार्थ तस्करों के मंसूबों पर पानी फेर सकता है।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान और बरामदगी
पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपियों की पहचान इस प्रकार की गई है:
पीयूष मिश्रा उर्फ राजा (21 वर्ष), पिता गुरु प्रसाद मिश्रा, निवासी करहिया नंबर 1
नागेन्द्र चतुर्वेदी (25 वर्ष), पिता सुरेंद्र चतुर्वेदी, निवासी बीरखाम चौरा
तलाशी के दौरान, पुलिस को आरोपियों के कब्जे से 11 ग्राम ब्राउन शुगर और एक सिल्वर रंग की इलेक्ट्रॉनिक तौल मशीन (digital weighing scale) बरामद हुई। तौल मशीन की बरामदगी स्पष्ट रूप से इंगित करती है कि ये व्यक्ति मादक पदार्थ की बिक्री और वितरण के कार्य में शामिल थे। 11 ग्राम ब्राउन शुगर की मात्रा एनडीपीएस एक्ट के तहत एक गंभीर अपराध की श्रेणी में आती है।
एनडीपीएस एक्ट क्या होता है और दर्ज हुआ अपराध क्रमांक 402/25
मादक पदार्थ जब्त करने के बाद, आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया और उनके खिलाफ सिविल लाइन थाना में अपराध क्रमांक 402/25 के तहत मामला दर्ज किया गया। यह मामला धारा 08 और 21 के तहत एनडीपीएस एक्ट (NDPS Act) यानी नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट, 1985 के तहत दर्ज किया गया।
एनडीपीएस एक्ट की मुख्य बातें
- धारा 08 (Section 08): यह धारा किसी भी व्यक्ति द्वारा मादक पदार्थों के उत्पादन, खेती, कब्ज़ा, बिक्री, खरीद, परिवहन, भंडारण और उपभोग को प्रतिबंधित करती है।
- धारा 21 (Section 21): यह धारा निर्मित दवाओं (manufactured drugs) जैसे ब्राउन शुगर, हेरोइन आदि की बिक्री, खरीद या उनके कब्ज़े से संबंधित है।
इसमें सजा की मात्रा जब्त की गई ड्रग्स की मात्रा (छोटी, व्यावसायिक) पर निर्भर करती है। 11 ग्राम ब्राउन शुगर एक महत्वपूर्ण मात्रा है, जिस पर कड़ी सजा का प्रावधान है।
गिरफ्तारी के बाद, दोनों आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया है, जबकि पुलिस ने तस्करी के इस पूरे नेटवर्क की जड़ तक पहुंचने के लिए अपनी पड़ताल (investigation) जारी रखी है। पुलिस यह जानना चाहती है कि ये ड्रग्स कहां से लाए गए थे और रीवा में इनका मुख्य खरीदार कौन था।
युवाओं को नशाखोरी से कैसे बचाएं और पुलिस अधिकारियों की अपील
रीवा में ड्रग्स की तस्करी में तेजी से हो रही वृद्धि समाज के लिए एक अलार्म है। पुलिस अधिकारियों ने इस पर चिंता व्यक्त की है और कहा है कि रीवा में ड्रग्स की तस्करी तेजी से बढ़ रही है, जिसका मुख्य शिकार युवा पीढ़ी बन रही है।
पुलिस अधिकारियों की अपील और भावी कार्रवाई
पुलिस अधिकारियों ने आम जनता से अपील की है कि वे ऐसे अवैध मामलों की सूचना तुरंत पुलिस को दें। यह जनता और पुलिस के बीच सहयोग की मांग है, क्योंकि तस्करी रुक सके इसके लिए स्थानीय जागरूकता और भागीदारी अत्यंत आवश्यक है।
- सतत निगरानी: अधिकारियों ने बताया कि शहर और आसपास के इलाके लगातार निगरानी में हैं।
- सख्ती: आने वाले समय में ऐसे मामलों पर और सख्ती बरती जाएगी और बड़े तस्करों पर नकेल कसने की योजना है।
माता-पिता और समाज की भूमिका
यह केवल पुलिस की जिम्मेदारी नहीं है। माता-पिता, शिक्षकों और समुदाय को मिलकर काम करना होगा:
- जागरूकता फैलाना: युवाओं को ड्रग्स के दीर्घकालिक खतरों के बारे में शिक्षित करना।
- नशा मुक्ति केंद्र: ड्रग्स की लत को कैसे छुड़ाएं इसके लिए उपलब्ध नशा मुक्ति केंद्रों और परामर्श सेवाओं के बारे में जानकारी देना।
- सकारात्मक विकल्प: युवाओं को खेल, कला और सामुदायिक गतिविधियों जैसे सकारात्मक विकल्पों से जोड़ना।
कैसे करें ड्रग्स की सूचना पुलिस को? स्थानीय पुलिस स्टेशन, डायल 100 या वरिष्ठ अधिकारियों के हेल्पलाइन नंबर पर गुप्त रूप से सूचना दी जा सकती है। हर नागरिक को यह समझना होगा कि अगर हम आज कार्रवाई नहीं करेंगे, तो कल हमें इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।