रीवा की 'सफाई' चालू: 3 साल तक छुपा रहा 'शुभम', पुलिस का 'शुभ' कदम... और खेल खत्म!
ऋतुराज द्विवेदी,रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) यह मामला रीवा जिले के सिरमौर पुलिस के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। पुलिस ने 8 अगस्त 2022 को हुई एक लूट की घटना में तीन साल से फरार चल रहे आरोपी शुभम सिंह उर्फ़ सिबू को आखिरकार गिरफ्तार कर लिया है। इस गिरफ्तारी से न केवल एक पुराना मामला सुलझ गया है, बल्कि यह भी साबित होता है कि अपराधी कितनी भी कोशिश कर लें, कानून के हाथ से बच नहीं सकते।
वारदात का पूरा ब्यौरा
8 अगस्त 2022 की सुबह, फरियादी सिद्धुमनी साहू अपनी स्कूटी से जा रहे थे, तभी सिरमौर थाना क्षेत्र में दो अज्ञात व्यक्तियों ने उन्हें रोका। बदमाशों ने बलपूर्वक उनसे उनका मोबाइल, कुछ पैसे और उनकी स्कूटी छीन ली और फरार हो गए। इस घटना ने क्षेत्र में दहशत फैला दी थी। पुलिस ने तुरंत केस दर्ज कर जांच शुरू की, लेकिन आरोपी पकड़ में नहीं आ रहे थे। हालांकि, पुलिस ने इस केस को बंद नहीं किया और अपनी जांच जारी रखी। कुछ दिनों बाद, लूटी गई स्कूटी पुलिस ने लावारिस हालत में बरामद कर ली, जो जांच के लिए एक महत्वपूर्ण सबूत बन गया।
कैसे पकड़ा गया आरोपी?
तीन साल बाद, मुखबिर से मिली एक अहम सूचना ने पुलिस की जांच को सही दिशा दी। थाना प्रभारी दीपक तिवारी को सूचना मिली कि लूट की घटना का एक आरोपी शुभम सिंह उर्फ़ सिबू अभी भी रीवा और राजगढ़ के इलाकों में घूम रहा है। इस सूचना पर तुरंत कार्रवाई करते हुए पुलिस टीम ने जाल बिछाया और आरोपी शुभम सिंह को धर दबोचा। पुलिस को आरोपी के पास से लूटा हुआ मोबाइल और ₹10,000 नकद भी बरामद हुए हैं।
गिरफ्तार आरोपी का आपराधिक रिकॉर्ड
गिरफ्तार हुआ आरोपी शुभम सिंह मूल रूप से राजगढ़ का निवासी है। पुलिस के रिकॉर्ड्स खंगालने पर यह पता चला है कि शुभम सिंह कोई साधारण अपराधी नहीं है, बल्कि उसके खिलाफ पहले भी लूट और अन्य गंभीर अपराधों के दो मामले दर्ज हैं। यह दिखाता है कि उसकी आपराधिक प्रवृत्ति काफी पुरानी है और वह एक आदतन अपराधी है। ऐसे अपराधियों को पकड़ना न केवल इस मामले को सुलझाता है, बल्कि समाज में अन्य अपराधों को रोकने में भी मदद करता है।
दूसरा आरोपी अभी भी फरार
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि इस घटना में दो आरोपी शामिल थे। पुलिस ने उनमें से एक, शुभम सिंह को तो गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन दूसरा आरोपी अभी भी फरार है। पुलिस ने साफ किया है कि दूसरे आरोपी की तलाश भी जारी है और उसकी गिरफ्तारी के लिए भी हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
यह मामला एक जटिल जांच का उदाहरण है, जिसमें पुलिस ने धैर्य, सतर्कता और मुखबिर नेटवर्क का सही इस्तेमाल कर सफलता पाई है। यह दर्शाता है कि आपराधिक मामलों को सुलझाने के लिए पुलिस की प्रतिबद्धता और निरंतरता कितनी महत्वपूर्ण होती है।
निष्कर्ष
रीवा पुलिस की यह सफलता समाज में यह विश्वास जगाती है कि कानून व्यवस्था अभी भी मजबूत है। भले ही अपराधियों को पकड़ने में समय लगे, लेकिन वे कानून के शिकंजे से बच नहीं सकते। आरोपी शुभम सिंह की गिरफ्तारी और उसे जेल भेजने की कार्रवाई यह दर्शाती है कि न्यायिक प्रक्रिया का सही पालन हो रहा है। पुलिस को अब दूसरे फरार आरोपी को भी जल्द से जल्द पकड़ना चाहिए ताकि न्याय पूरा हो सके और फरियादी को पूरी तरह से राहत मिल सके। यह घटना एक महत्वपूर्ण सीख भी है कि जनता और पुलिस के बीच बेहतर तालमेल अपराध नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।