सतना गोलीकांड: मिनर्वा अस्पताल के डॉक्टरों का दावा- गोली निकाली; पत्नी बोली- दिल्ली पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में गोली शरीर में फंसी होना ही पाया, पैसे कमाने के लिए किया गया गुमराह

 
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ऋतुराज द्विवेदी,रीवा। सतना में 28 अप्रैल की रात थाना परिसर में हुए गोलीकांड में जान गंवाने वाले हेड कॉन्स्टेबल प्रिंस गर्ग के परिवार ने जिले के निजी अस्पताल पर गंभार आरोप लगाए हैं। हेड कॉन्स्टेबल की पत्नी बबीता का कहना है कि मिनर्वा अस्पताल के डॉक्टरों का दावा था कि गोली निकाल ली गई है, लेकिन दिल्ली के अस्पताल की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में गोली शरीर में फंसी होना ही पाया गया है।

घटना का संक्षिप्त विवरण
28 अप्रैल 2025 की रात, मध्य प्रदेश के सतना जिले के जैतवारा थाना परिसर में प्रधान आरक्षक प्रिंस गर्ग पर एक नकाबपोश युवक ने गोली चला दी। गंभीर रूप से घायल गर्ग को सतना जिला अस्पताल, फिर रीवा के संजय गांधी मेडिकल कॉलेज और अंततः दिल्ली के मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां 9 मई को उनका निधन हो गया।

परिजनों के आरोप और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट
प्रिंस गर्ग की पत्नी बबीता ने मिनर्वा अस्पताल पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि अस्पताल ने दावा किया था कि गोली निकाल ली गई है, लेकिन दिल्ली के अस्पताल की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में गोली शरीर में ही फंसी पाई गई। इसके अलावा, उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अस्पताल ने इलाज के लिए 10 लाख रुपये जमा करवाए, और वरिष्ठ अधिकारियों को गलत जानकारी दी कि मरीज रिकवर कर रहा है।

पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई
पुलिस ने आरोपी अच्छू शर्मा को एक शॉर्ट एनकाउंटर के बाद गिरफ्तार कर लिया है। वह बाइक चोरी के मामले में थाने बुलाए जाने से नाराज था और बदले की भावना से इस हमले को अंजाम दिया।

निष्पक्ष जांच की मांग
परिजनों ने मिनर्वा अस्पताल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और सख्त कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने जिला कलेक्टर से मिलकर निष्पक्ष जांच की मांग की है, ताकि भविष्य में ऐसी लापरवाही दोबारा न हो।

पैसे कमाने के लिए किया गया गुमराह
परिजन ने कहा, यदि मिनर्वा अस्पताल समय पर बता देता कि यह केस उनके बस का नहीं है, तो वे मरीज को बेहतर इलाज के लिए कहीं और ले जा सकते थे। लेकिन पैसे कमाने के लालच में उन्हें गुमराह किया गया। परिजन ने अस्पताल संचालकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और सख्त कार्रवाई की मांग की है। साथ ही निष्पक्ष जांच की भी मांग उठाई है। मामले में अब तक न तो अस्पताल प्रबंधन की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी किया गया है और न ही जिला प्रशासन की तरफ से कोई प्रतिक्रिया सामने आई है। परिजनों की मांग है कि इस हाई-प्रोफाइल मामले की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों को कड़ी सजा मिले।

राज्य सरकार की मदद और श्रद्धांजलि
एसपी आशुतोष गुप्ता ने बताया कि पुलिस विभाग गहरे शोक में है। इस दुख की घड़ी में पूरी तरह से परिवार के साथ है। शहीद के परिवार को 1 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। साथ ही पत्नी को अनुकंपा नियुक्ति मिलेगी। इलाज के लिए राज्य सरकार पहले ही 9 लाख 60 हजार रुपये की सहायता दे चुकी है। इलाज का पूरा खर्च भी सरकार की तरफ से वहन किया जाएगा। हेड कॉन्स्टेबल प्रिंस गर्ग की शहादत सिर्फ एक व्यक्तिगत क्षति नहीं, बल्कि एक पूरे विभाग की वीरता और समर्पण की मिसाल है। उनकी बहादुरी हमेशा याद की जाएगी।

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