'गांजा तस्कर' बनी मंत्रीजी की फैमिली! भाई जेल में, जीजा पहले से बंद; मीडिया पर क्यों भड़कीं MP की 'मैडम'?
ऋतुराज द्विवेदी, रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) मध्य प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री (Minister of State) प्रतिमा बागरी के बड़े भाई अनिल बागरी को गांजा तस्करी के गंभीर आरोपों में सतना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। अनिल बागरी के साथ उसके एक साथी पंकज सिंह को भी इस मामले में पकड़ा गया है। यह गिरफ्तारी ऐसे समय में हुई है जब राज्यमंत्री बागरी के बहनोई शैलेन्द्र सिंह भी इसी तरह के आरोपों में पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं। यह घटनाक्रम सत्ता के गलियारों में और सतना ज़िले में चर्चा का विषय बना हुआ है।
पुलिस की बड़ी कार्रवाई: 46 किलोग्राम गांजा ज़ब्त
रामपुर बघेलान पुलिस ने एक गुप्त सूचना के आधार पर 7 और 8 दिसंबर की दरमियानी रात को मरौहा गांव में पंकज सिंह के घर पर छापा मारा। एडिशनल एसपी प्रेमलाल धुर्वे के अनुसार, तलाशी के दौरान घर के बाहर बने टीन शेड में धान की बोरियों के नीचे छिपाकर रखी गई 4 बोरियाँ मिलीं। इन बोरियों में कुल 48 पैकेट गांजा बरामद किया गया, जिसका कुल वज़न लगभग 46 किलोग्राम है। जब्त किए गए गांजे की बाज़ार में अनुमानित कीमत 9 लाख 22 हज़ार 680 रुपए बताई गई है।
प्रारंभिक पूछताछ में पंकज सिंह ने खुलासा किया कि बरामद गांजा अनिल बागरी और उसके बहनोई शैलेन्द्र सिंह का है, जिसके बाद पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए अनिल बागरी को भी गिरफ्तार कर लिया।
आरोपियों की पेशी और न्यायिक हिरासत
गांजा तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपी, अनिल बागरी (पिता जय प्रताप बागरी, निवासी भरहुत नगर हरदुआ) और पंकज सिंह (पिता सतेंद्र सिंह, निवासी मतहा) को सोमवार को विशेष अदालत में पेश किया गया। एनडीपीएस एक्ट की विशेष कोर्ट के न्यायाधीश शशिकांत वर्मा के समक्ष पेशी के बाद, न्यायालय ने दोनों आरोपियों को 19 दिसंबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।
फरार आरोपी: जीजा शैलेन्द्र सिंह की संलिप्तता
सतना पुलिस के अनुसार, इस पूरे तस्करी रैकेट में एक अन्य आरोपी शैलेन्द्र सिंह (पिता सुरेंद्र सिंह, निवासी विराट नगर) भी शामिल है, जो फिलहाल फरार है। महत्वपूर्ण बात यह है कि शैलेन्द्र सिंह, अनिल बागरी का बहनोई है।
जाँच में यह सामने आया है कि अनिल बागरी अपने जीजा शैलेन्द्र सिंह के साथ मिलकर गांजा की तस्करी का काम करता था। दिलचस्प है कि शैलेन्द्र सिंह पहले से ही गांजा तस्करी के एक अन्य मामले में उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में बंद है। उसे 3 दिसंबर को बांदा पुलिस ने इसी आरोप में गिरफ्तार किया था। इस घटना से यह साफ होता है कि यह गिरोह अंतरराज्यीय स्तर पर नशीले पदार्थों की तस्करी में सक्रिय था।
क्या कर रहे थे अनिल बागरी और शैलेन्द्र सिंह?
अनिल और शैलेन्द्र मिलकर नशीले पदार्थों की तस्करी का एक संगठित रैकेट चला रहे थे। पुलिस को शक है कि वे बड़े पैमाने पर गांजा की खरीद-फरोख्त और वितरण में शामिल थे।
रामपुर बघेलान थाने में अनिल और पंकज के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 8, 20, 29 के तहत अपराध क्रमांक 1079/25 दर्ज किया गया है, जो एनडीपीएस एक्ट से संबंधित है।
मीडिया के सवालों पर मंत्री की प्रतिक्रिया
जब खजुराहो के महाराजा कन्वेंशन सेंटर से बाहर निकलते समय मीडियाकर्मियों ने राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी से उनके भाई की गिरफ्तारी के संबंध में सवाल किया, तो वह झल्लाती नज़र आईं। उन्होंने पत्रकारों से नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए कहा, "फालतू की बात करते हो आप लोग।"

दूसरी ओर, इस मामले पर अनिल बागरी के पिता और पूर्व ज़िला पंचायत सदस्य जय प्रताप बागरी ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। उन्होंने फोन पर कहा कि उनकी आंख का ऑपरेशन हुआ है और वह अभी बात नहीं कर सकते, यह कहकर उन्होंने कॉल काट दिया। परिवार की ओर से इस मामले पर कोई स्पष्टीकरण या बचाव सामने नहीं आया है।
अनिल बागरी और शैलेन्द्र सिंह का आपराधिक इतिहास
यह पहली बार नहीं है जब शैलेन्द्र सिंह कानूनी शिकंजे में आया है।
- नशीली कफ सिरप तस्करी: शैलेन्द्र सिंह को इससे पहले सतना की सिंहपुर थाना पुलिस ने नशीली कफ सिरप की तस्करी के एक बड़े मामले में गिरफ्तार किया था। इस मामले में लगभग साढ़े 5 करोड़ रुपए के अवैध ट्रांजेक्शन का भी खुलासा हुआ था।
- अन्य मामले: शैलेन्द्र सिंह पहले भी गांजा एवं शराब तस्करी के मामलों में पकड़ा जा चुका है, जो उसकी आपराधिक गतिविधियों की लंबी फेहरिस्त को दर्शाता है।
अनिल बागरी की गिरफ्तारी और शैलेन्द्र सिंह की संलिप्तता ने राज्यमंत्री के परिवार को एक बड़े विवाद में खींच लिया है, जिसने मध्य प्रदेश की राजनीति में एक नया मोड़ ला दिया है। पुलिस मामले की गहन जाँच कर रही है और यह जानने की कोशिश कर रही है कि इस तस्करी नेटवर्क के तार कहाँ तक फैले हुए हैं।