REWA : रीवा से मचा शोर भोपाल तक पहुंचा : झोला भरकर 11 लाख रुपए की घूस लेने वाला अफसर एपी सिंह सस्पेंड

 

रीवा में 11 मरीजों की ब्लैक फंगस से मौतरीवा में झोला भरकर रिश्वत लेने वाले मप्र औद्योगिक विकास निगम (MPIDC) के अफसर को आखिरकार सस्पेंड कर दिया गया है। क्षेत्रीय महाप्रबंधक एपी सिंह का 11 लाख रुपए झोले में रिश्वत लेते का VIDEO वायरल हुआ था। उसने हरियाणा के रोहतक की धर्मपाल एण्ड कंपनी के सचिव से रिश्वत के रूप में पैसे लिए थे। वीडियो वायरल होने के बाद अपने बचाव के लिए एपी सिंह ने बालू ठेकेदार श्रीकांत चतुर्वेदी से वीडियो बनवाकर रिश्वत के पैसे को अपना निजी पैसा बताकर सफाई जारी कराई थी।

11 लाख की घूस लेते औद्योगिक विकास निगम के अफसर का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल

वहीं विनोद कुमार का वीडियो भी जारी कराया था। शाम तक पीएस के नाम का पत्र व एफिडेविट नोटरी के साथ अपने बचाव में मीडिया में जारी किया था। लेकिन रीवा से मचा हुआ शोर भोपाल तक पहुंचा। ऐसे शुक्रवार की शाम MPIDC के प्रबंध संचालक जान किंग्सली ने 25 मई के पत्र को आधार बनाकर एपी सिंह को निलंबित कर दिया है। साथ ही निलंबन अवधि में मुख्यालय रीवा क्षेत्रीय कार्यालय नियत किया है। इसको लेकर भी विरोध शुरू हो गया है। शिकायतकर्ता का आरोप है कि एपी सिंह के रीवा में रहने से जांच प्रभावित होगी। ऐसे में निलंबन अवधि में मुख्यालय रीवा छोड़कर कहीं और रखा जाए। जिससे निष्पक्ष जांच हो सके।

                                             बाई ओर निलंबन पत्र, दाई ओर शिकायती पत्र।

क्या है पूरा मामला

बता दें कि गुरुवार को एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ। वीडियो में रीवा औद्योगिक विकास निगम में प्रभारी कार्यकारी संचालक एपी सिंह दिखाई दे रहे थे। वीडियो में 11 लाख रुपए से भरे झोले में रिश्वत लेते नजर आ रहे है। आरोप है, एपी सिंह ने हरियाणा के रोहतक की धर्मपाल एंड कंपनी को दिए गए कार्यों के एवज में बतौर कमीशन यह राशि ली है। दावा है, कंपनी द्वारा रीवा के गुढ और सिंगरौली के बैढ़न में कराए जा रहे कार्यों के एवज में संचालक एपी सिंह ने पैसे मांगे थे। तब ठेकेदार उनके बाल भारती स्कूल के पास स्थित सिरमौर चौराहा के पास बने मकान में दिया था। इसकी शिकायत भी अरुण कुमार सिंह ने रीवा कमिश्नर सहित MPIDC के प्रबंध संचालक से की थी।

नहीं काम आया एपी सिंह का रसूख

बता दें, प्रभारी कार्यकारी संचालक एपी सिंह अक्सर चर्चा में रहते हैं। वह सतना में जनपद पंचायत सीईओ की पदस्थापना के दौरान भ्रष्टाचार के मामले में विवादों में रहे। इसके बाद MPIDC कार्यालय पहुंच गए। यहां तबादले के बाद कोर्ट के स्टे पर जमे हैं। खुद को विंध्य के बड़े भाजपा नेता का रूम मेट और कांग्रेस नेता का करीबी बताते हैं। आरोप है, उनके भाई पुलिस विभाग में हैं। वे मामले को मैनेज करने के लिए ठेकेदार पर दबाव बना रहे थे। ऐसे में बीते दिन अपने बचाव के लिए वीडियो का काउंटर वाॅर किया था। ऐसे में सोशल मीडिया में वीडियो वायरल होने के बाद एपी सिंह का रसूख काम नहीं आया। अंतत: निलंबित कर ही दिया गया।