एक्शन में रीवा कलेक्टर : महिला एवं बाल विकास की 11 परियोजना अधिकारियों को वेतन वृद्धि रोकने का नोटिस, जानिए वजह

 

प्रदेशभर में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा मुख्यमंत्री बाल आशिर्वाद योजना लागू की गई है। इस योजना के तहत जिन बच्चों के माता-पिता का देहांत हो गया है। उन्हें भरण-पोषण के लिए 4 हजार रुपए की राशि एक वर्ष तक हर माह दी जाती है। यह राशि बच्चे एवं उसके संरक्षक के संयुक्त बैंक खाते में प्रदान की जाती है। इसी तरह कोरोनाकाल में जिन बच्चों के माता-पिता की मौत हो गई है।

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उनको 18 साल आयु पूरा होने तक मुख्यमंत्री कोविड बाल सेवा योजना से 4 हजार रुपए की सहायता राशि प्रदान की जा रही है। इस योजना के तहत वर्तमान में 29 बच्चो का ऑनलाइन पंजीयन किया जा चुका है। रीवा कलेक्टर मनोज पुष्प ने पात्र बच्चों के सर्वेक्षण में रूचि न दिखाने और पात्र बच्चों का ऑनलाइन पंजीयन न कराने पर मैदानी अमले को फटकार लगाई है।

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वहीं महिला एवं बाल विकास विभाग की 11 परियोजना अधिकारियों को 2-2 वार्षिक वेतनवृद्धियां रोकने का नोटिस दिया है। इन अधिकारियों को नोटिस का तीन दिवस में उत्तर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। समय-सीमा का पालन न करने और उत्तर संतोषजनक न होने पर इनके विरूद्ध एक पक्षीय कार्यवाही की जायेगी। कलेक्टर के इस आदेश के बाद अधिकारियों व कर्मचारियों में हड़कंप की स्थित बनी हुई है।