Rewa News : फर्जी कागजातों से हथियाई अनुकंपा नियुक्ति निरस्त, पर नियुक्ति देने वाले पर कोई कार्यवाही नहीं,कलेक्टर के बिना अनुमोदन से हुई नियुक्ति अब सवालों के घेरे मे
ऋतुराज द्विवेदी,रीवा/भोपाल डेस्क। रीवा. शासकीय सेवक के सेवाकाल में मृत्यु के उपरांत आश्रित को अनुकंपा नियुक्त दिए जाने के शासनादेश है, किन्तु रीवा के शिक्षा विभाग में एक ऐसा चौंकाने वाला मामला आया है जहां अनुकंपा नियुक्ति तो दे दी गई लेकिन मृतक शिक्षक कहां पदस्थ रहा आज तक पता ही नहीं है, जांच के बाद पता चला की जी बेलाकली कोल को विभाग ने सहायक शिक्षक मानकर उसके पुत्र बृजेश कोल को भृत्य के पद पर नौकरी देकर शा उ. मा. वि जोडौरी मैं चपरासी के पद पर पदस्थ किया है उसकी मां तो कभी शासकीय सेवा में रही ही नहीं.
इस पूरे खेल के पीछे कोई और नहीं बल्कि डीईओ कार्यालय रीवा में अटैच लिपिक रमा प्रसन्न द्विवेदी है, बताया गया है कि श्री द्विवेदी रीवा डीईओ सुदामा लाल गुप्ता के अति करीबी है यही कारण है की वीईओ रीवा कार्यालय में पदस्थापन होने के बावजूद उन्हें डीईओ कार्यालय में अटैच करके रखा गया है और मलाईदार शाखा का प्रभारी बनाया गया, शाखा प्रभारी ने बृजेश कोल से 3 लाख में सौदा किया सारे फर्जी दस्तावेज स्वयं तैयार करवाकर राशि का बंदर बाट करते हुए बिना कलेक्टर के अनुमोदन के ही नियुक्ति आदेश जारी करवा दिया.
विभाग में जब खलबली मची तो अपने ही हस्ताक्षर से जारी आदेश को डीईओ ने निरस्त भी कर दिया किंतु अभी तक ना तो शाखा लिपिक को हटाया और ना ही उसके खिलाफ कोई कार्यवाही की, जिससे साफ जाहिर होता है कि अधिकारी और लिपिक के मिली भगत से यह पूरा खेल खेला गया है.
कलेक्टर एवं विभाग के बड़े अधिकारी को अंधेरे में रखा गया, और नियुक्ति समाप्त कर ईति श्री कर ली गई, इस तरह की अन्य और नियुक्तियां है जिनका शीघ्र ही खुलासा होगा, जिले की तेज तर्रार कलेक्टर प्रतिभा पाल को चाहिए कि सबसे पहले उक्त शाखा लिपिक रमा प्रशन्न द्विवेदी को निलंबित करें उससे शाखा का प्रभार अन्य को दें ताकि आगे के कागजातों में छेड़छाड़ ना कर सके.
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