रीवा शिक्षा विभाग का ब्लास्ट! 4 करोड़ घोटाले के बाद अब मरे हुए की फाइल बनाकर बेटा नौकरी पर,फाइल खुलते ही हड़कंप : डीईओ ऑफिस में धांधली की फैक्ट्री

ऋतुराज द्विवेदी, रीवा। रीवा जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय एक बार फिर विवादों के घेरे में है। जिला शिक्षा अधिकारी रामनरेश पटेल के कार्यकाल में 4 करोड़ के अनुदान घोटाले की फाइल अभी बंद भी नहीं हुई थी कि अब अनुकंपा नियुक्ति घोटाले का मामला सामने आया है। इस बार आरोप सीधे-सीधे अनुकंपा नियुक्ति सेक्शन के प्रभारी राम प्रपन्नधर द्विवेदी पर लगे हैं, जो वर्षों से मलाईदार पोस्टिंग के लिए डीईओ कार्यालय में अटैच हैं।
मृत व्यक्ति को शिक्षक बनाकर दे दी अनुकंपा नियुक्ति!
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, राम प्रपन्नधर द्विवेदी ने ऐसे व्यक्ति को अनुकंपा नियुक्ति दे दी, जिसके माता-पिता कभी शिक्षा विभाग में पदस्थ ही नहीं थे।
बताया गया है कि बेलाकली कोल नामक महिला को सहायक शिक्षक मृत घोषित कर उसके पुत्र बृजेश कोल को भृत्य के पद पर अनुकंपा नियुक्ति दे दी गई। 15 अप्रैल 2025 को उसकी जॉइनिंग भी करवा दी गई। लेकिन जब वेतन बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई तो मामला सामने आ गया।
जांच में निकला फर्जीवाड़ा
जैसे ही इस घोटाले की भनक डीईओ सुदामा लाल गुप्ता को लगी, उन्होंने रीवा और मऊगंज के सभी विकास खंड शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर बेलाकली कोल की जानकारी मांगी। रिपोर्ट में साफ हुआ कि इस नाम की कोई महिला कभी सहायक शिक्षक पद पर पदस्थ नहीं रही।
शाखा लिपिक की भूमिका संदिग्ध
पूरे प्रकरण में अनुकंपा नियुक्ति शाखा प्रभारी राम प्रपन्नधर द्विवेदी की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। आरोप है कि डीईओ कार्यालय में मलाईदार पोस्टिंग का फायदा उठाकर उन्होंने फर्जी तरीके से नियुक्ति कर दी।
डीईओ फिलहाल जांच का बहाना
फिलहाल डीईओ सुदामा लाल गुप्ता ने मामले की जांच की बात कहकर इसे टाल दिया है। अब देखना यह होगा कि डीईओ अपने खास लिपिक पर कार्रवाई करते हैं या घोटालेबाज नियुक्ति को निरस्त कर मामला रफा-दफा किया जाएगा।