REWA : रीवा के नवागत कलेक्टर मनोज पुष्प ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर किया पदभार ग्रहण

 

रीवा के नवागत कलेक्टर आईएएस (IAS) मनोज पुष्प ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर पदभार ग्रहण किया।पदभार ग्रहण करने के तुरंत बाद उन्होंने जिले के सभी विभागाप्रमुखों के साथ बैठक कर शासन की प्राथमिकता वाली योजनाओं की समीक्षा की। संबंधित अधिकारियों को जनता की समस्याओं के तुरंत निराकरण करने के निर्देश दिए। समीक्षा बैठक में उन्होंने जिले के विभागाप्रमुखों को सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों के त्वरित निराकरण करने के निर्देश दिए।

गलवान घाटी में शहीद दीपक सिंह की पत्नी भारतीय सेना में होंगी शामिल, पर्सनेलिटी और इंटेलिजेंस टेस्ट किया क्लीयर : जल्दी शुरू होगी ट्रेनिंग

राज्य प्रसासनिक सेवा के अधिकारी हैं IAS मनोज पुष्प

रीवा के नवागत कलेक्टर मनोज पुष्प वर्ष 1996 बैच के राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी है। वर्ष 2011 में भारतीय प्रशासनिक सेवा में आये। IAS मनोज पुष्प इससे पूर्व मध्य प्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इंदौर में मुख्य् महाप्रबंधक पद पर पदस्थ रहें है। आईएएस मनोज पुष्प मंदसौर कलेक्टर के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं।

युवती से रेप करके वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर किया वायरल, परिजनों के उड़े होश

कर्तव्य के प्रति बेहद गंभीर हैं मनोज पुष्प 

IAS मनोज पुष्प एक गंभीर और कर्मठ स्वभाव के अधिकारी हैं, जहां-जहां उन्होंने अपनी सेवाए दी हैं वहां उन्होंने अपराध और माफिया राज में लगाम लगाई। मनोज पुष्प की कार्यप्रणाली तब सुर्ख़ियों में आई थी,जब पिछले साल मार्च में उन्होंने अपनी अस्वस्थ मां को हॉस्पिटल में वेंटिलेटर में छोड़ कर कोविड प्रभारी मंत्री हरदीप सिंह डंग की बैठक में शामिल होने के लिए गए थे। 

कलेक्टर इलैयाराजा टी के स्थानांतरित होने से उनके चाहने वालों को लगा झटका, जनता ने कहा DM हो तो ऐसा...

उन्होंने यह बात किसी को भी नहीं बताई थी।जब वो बैठक में गंभीर मामलों में मीटिंग ले रहे थे तभी उनकी पत्नी ने उन्हें फोन में मैसेज कर मां के दुःखद निधन की जानकारी दी थी. लेकिन IAS मनोज पुष्प VC ख़त्म होने तक बैठक छोड़कर नहीं गए. अपनी ड्यूटी पूरी करने के बाद मनोज पुष्प ने अपनी मां स्व-स्नेह प्रभा का अंतिम संस्कार किया।

रीवा जिला के नए कलेक्टर होंगे मनोज पुष्प : इलैयाराजा टी का जबलपुर के लिए स्थानांतरण

इतना ही नहीं कोरोना के माहौल में दुःख व्यक्त करने आने वाले लोगों को भी घर आने से रोक दिया था और घर के बाहर कोई शोक मानाने ना आए का पोस्टर लगा दिया था क्योंकी अगर कलेक्टर स्वयं शोक में बैठ जाते तो कोरोना के वक़्त उनके जिले की हालत बिगड़ने लगती।