JAYPEE CEMENT REWA : कंपनी प्रबंधन पर लगा मनमानी का आरोप, 300 कर्मचारियों को निकला बाहर : मजदूरों और कर्मचारियों ने शुरू की भूख हड़ताल

 

रीवा. जेपी फैक्ट्री के कर्मचारी एवं मजदूरों ने जेपी नगर सीमेंट फैक्टी के पास भूख हड़ताल शुरू कर दी। उनका कहना है कि सीमेंट कंपनी के प्रबंधन की मनमानी को लेकर न सिर्फ उन्होंने पूर्व में कई बार कंपनी प्रबंधन एवं शासन-प्रशासन को जानकारी दी, बल्कि निकाले गए मजदूरों को काम पर वापस लिए जाने एवं बकाया मजदूरी दिलाए जाने सहित अन्य मांगों से अवगत करा चुके है। लेकिन उन्हें अभी तक न्याय नहीं मिला है। जिसके चलते वे अब गांधीवादी आंदोलन करते हुए कंपनी के पास भूख हड़ताल कर रहे हैं।


बता दें कि जेपी सीमेंट कंपनी ने लॉकडाउन की आड़ में 300 कर्मचारियो को बाहर निकाल दिया। इसके विरोध में कर्मचारी व मजदूर 4 महीने से आंदोलनरत हैं। लेकिन कंपनी प्रबधन की ओर से कोई सुनवाई नही हो रही है। इस मालमें सतना के कांग्रेस विधायक भी मजदूरो के आंदोलन में पहले दिन से ही शरीक हैं। अनशन के चलते उनकी सेहत बिगड़ी तो जिला प्रशासन यह आश्वसन देते हुए अनशन तुड़वा दिया था कि कंपनी प्रबंधन से बात कर सभी निकाले गए कर्मचारियों की बहाली कराई जाएगी। लेकिन अब तक ऐसा हो नहीं सका है। ऐसे में बुधवार को सीमेंट मजदूर एकता यूनियन सीटू के बैनर तले सैकड़ों की तादात में नौबस्ता स्थित सीमेंट एकता यूनियन के पदाधिकारियों ने भूख हड़ताल शुरू कर दी। उन्होंने शासन-प्रशासन से तत्काल इस मामले में हस्तक्षेप कर कर्मचारियों की मांग पूरी कराने की आवाज बुलंद की


कर्मचारियों की मांग व आरोप
जेपी सीमेंट में काम करने वाले मजदूर जिस रूप में काम कर रहे थे उसी रूप में वापस लिया जाए तथा लॉकडाउन की अवधि का पूरा वेतन भुगतान करवाया जाए। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन की अवधि में किसी को भी वेतन नहीं मिला है। कर्मचारियों ने बताया कि कंपनी के द्वारा स्थानांतरण एवं अन्य तरह की बातें करते हुए पुराने कर्मचारियों को बाहर किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जेपी सीमेंट में 530 तथा एचडब्ल्यू में 80 श्रमिक हैं। जिन्हें काम पर वापस नहीं लिया गया। प्रबंधन की इस नीति का सबसे बड़ा शिकार ठेका श्रमिकों को बनाया जा रहा। आज की स्थिति में 327 ठेका श्रमिक हैं जिन्हें काम पर वापस नहीं लिया गया है उन्हें वापस लिया जाए। उन्होंने बताया कि कंपनी द्वारा छटनी के नाम पर 300 लोगों का रोजगार छीन लिया गया। उन्हें रोजगार मुहैया कराया जाए।


सीमेंट एकता यूनियन के लोगों ने रैली के माध्यम से कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर जिला प्रशासन को ज्ञापन पत्र दे कर अपनी समस्याओं से अवगत कराने के साथ ही चेतावनी दी है कि सीमेंट कंपनी के मजदूरों एवं कर्मचारियों के साथ न्याय किया जाए और उन्हें रोजगार दिलाने के साथ ही बकाया वेतन का भुगतान करवाया जाए अन्यथा वे अब उग्र आंदोलन करेंगे।