MP : प्रेम की अजब कहानी : लड़की चल नहीं सकती, युवक को आंखों से दिखता नहीं; नौकरी आड़े आई, दूरियां भी बढ़ी पर अंत में प्यार जीता

 

मध्यप्रदेश के बैतूल में दिव्यांगों के प्रेम की अजब कहानी सामने आई है। प्रेमी को आंखों से दिखता नहीं है और प्रेमिका दोनों पैर से दिव्यांग है। प्रेमिका भोपाल में सरकारी दफ्तर में नौकरी करती है और प्रेमी बेराेजगार है, इसलिए प्रेमी ने जिद पकड़ ली कि नौकरी लगने से पहले शादी नहीं करुंगा। इससे दोनों का रिश्ता टूटने की कगार पर पहुंच गया। 11 साल की प्रेम कहानी को शादी के मुकाम तक पहुंचाने के लिए प्रेमिका परिवार परामर्श केंद्र पहुंच गई। यहां महिला सेल स्टाफ और सामाजिक कार्यकर्ताओं की मदद से दोनों एक-दूजे के हुए।

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DSP पल्लवी ने बताया आरती और महेश (परिवर्तित नाम) की प्रेम कहानी 11 साल पुरानी है। आरती ने महेश से शादी के लिए कहा। दोनों के बीच कुछ गलतफहमियाें के चलते रिश्ता टूटने की कगार पर पहुंच गया। दोनों पक्षों के परिवार को महिला सेल और परिवार परामर्श केंद्र बुलाकर समझाइश दी। इसके बाद दोनों पक्षों की रजामंदी से आर्य समाज के रीतिरिवाज से 28 जून विवाह कराया गया।

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11 साल पहले कॉलेज से शुरू हुई प्रेम कहानी

आरती और महेश एक-दूसरे को 11 साल से जानते हैं। कॉलेज लाइफ में दोनों की दोस्ती हुई। कुछ साल पहले आरती ने प्रतियोगी परीक्षा पास की और उसकी सरकारी नौकरी लग गई। वे भोपाल में तैनात है।

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स्वाभिमानी दिव्यांग प्रेमी, नौकरी की जिद

DSP पल्लवी गौर ने बताया लड़का स्वाभिमानी है। प्रेमिका की जॉब लगने से लड़का खुश था और हताश भी। लड़के के सामने उसका स्वाभिमान आ रहा था। उसने खुद की नौकरी लगने के बाद ही शादी करने की जिद पकड़ ली। प्रेमिका आरती ने उसे कई बार शादी करने के लिए कहा, लेकिन वो नौकरी लगने के बाद ही शादी करने के लिए राजी था। इससे रिश्ता टूटने की कगार पर पहुंच गया है। आरती परिवार परामर्श केंद्र पहुंच गई। दोनों को बुलाकर सामाजिक कार्यकर्ता पुष्पारानी आर्य ने समझाइश दी। इसके 2 दिन बाद 28 जून को दोनों ने सात जन्मों के लिए एक-दूजे का हाथ थाम लिया।