नई रिसर्च का खुलासा : प्रेग्नेंसी में पार्टनर के साथ खराब रिश्ते होने पर हार्ट रेट वेरिएबिलिटी और डिप्रेशन की आशंका अधिक

 

नई रिसर्च के अनुसार, अपने पार्टनर के साथ रिश्तों का बुरा असर महिलाओं की प्रेग्नेंसी को प्रभावित करता है। इससे न सिर्फ डिप्रेशन होता है, बल्कि अन्य बीमारियों या मौत होने की आशंका भी अधिक हाती है। जर्नल साइकोन्यूरोएंडोक्रायनोलॉजी की यह रिसर्च जुलाई 2021 के अंक में प्रकाशित हुई। यह रिसर्च राइस यूनिवर्सिटी, ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी ओर द यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, इरविन द्वारा की गई स्टडी पर आधारित थी। इस रिसर्च में ये देखा गया कि गर्भावस्था में पार्टनर के साथ खराब रिश्ते होने से हार्ट रेट वेरिएबिलिटी प्रभावित होती है। इस वजह से डिप्रेशन हो सकता है। इन तकलीफों की आशंका प्रेग्नेंसी के आखिर तीन महीनों और डिलिवरी के एक साथ बाद तक अधिक रहती है।

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ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी में साइकेट्री एंड बिहेवियरल हेल्थ की एसोसिएट प्रोफेसर और को ऑथर लिसा क्रिस्टिन के अनुसार, पति के साथ खराब रिश्ते होने पर गर्भवती महिलाओं का मेंटल, बायोलॉजिकल और साइकोलॉजिकल स्वास्थ्य बुरी तरह प्रभावित होता है। शोधकर्ताओं ने डिलिवरी के एक साल के दौरान इस रिसर्च में भाग लेने वाले प्रतिभागियों की हार्ट रेट वेरिएबिलिटी की निगरानी की। उन्होंने ये पता लगाया कि प्रेग्नेंसी में पति के साथ अच्छे रिलेशन न होने पर एचआरवी कम हो जाती है और डिप्रेशन अधिक होता है।

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इस स्टडी की लीड ऑथर रियॉन लीन ब्राउन के अनुसार, एचआरवी लॉन्ग टर्म हेल्थ और वेलनेस को बनाए रखने में मुख्य भूमिका निभाती है। हाई एचआरवी होने का मतलब है कि आप तनाव बर्दाश्त करके आगे बढ़ सकते हैं। अगर एचआरवी कम है तो आप स्ट्रेट बर्दाश्त करने में असमर्थ हैं। ब्राउन ने बताया कि इस रिसर्च से ये पता चला कि पति के साथ अच्छे या बुरे रिश्तों का सीधा असर गर्भवती महिलाओं की हेल्थ पर होता है।