HIGH COURT ने प्रदेश के 15 अधिवक्ताओं को वरिष्ठ नामांकित किया : रीवा के सुशील तिवारी को बनाया सीनियर एडवोकेट

 

जबलपुर। हाई कोर्ट ने प्रदेश के 15 अधिवक्ताओं को वरिष्ठ नामांकित किया है। इनमें से जबलपुर के आठ, इंदौर के तीन व ग्वालियर के दो अधिवक्ता शामिल हैं। इसके अलावा भोपाल व रीवा के एक-एक अधिवक्ता को भी वरिष्ठ नामांकित किया गया है। हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल कृष्णमूर्ति मिश्रा ने इस संबंध में शुक्रवार को अधिसूचना भी जारी कर दी है।

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सुप्रीम कोर्ट द्वारा इंदिरा साहनी विरुद्ध सर्वोच्च न्यायालय मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता नामांकन के लिए नियम बनाने के फैसले के बाद मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में यह पहले राउंड का नामांकन है। इसमें वरिष्ठता का ओहदा प्राप्त करने आवेदन पेश करने वाले वकीलों को मुख्य न्यायाधीश के समक्ष साक्षात्कार से भी गुजरना पड़ा है। वरिष्ठ अधिवक्ताओं की सूची जारी होते ही बधाइयों को दौर शुरू हो गया।

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वरिष्ठ अधिवक्ता नामांकन सूची में जबलपुर के शशांक शेखर, मनोज शर्मा, संजय अग्रवाल, अरुण कुमार श्रीवास्तव, अतुलानंद अवस्थी, हेमंत श्रीवास्तव, इम्तियाज हुसैन व केसी घिल्डियाल शामिल हैं। वहीं इंदौर के अजय बागड़िया, गिरीश पटवर्धन, रविंद्र सिंह छाबड़ा, ग्वालियर के अरविंद डूडावत, एमपीएस रघुवंशी, भोपाल के अजय गुप्ता व रीवा के सुशील तिवारी को भी वरिष्ठ से नामांकित किया गया है। इन सभी के अलावा अन्य वकील भी इस सूची में शामिल थे, लेकिन मौका सीमित संख्या में मिला। इसलिए उम्मीद है कि भविष्य में नई सूची जारी होगी। इस तरह नए वरिष्ठ अधिवक्ता भी सामने आएंगे।

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उल्लेखनीय है कि वरिष्ठ अधिवक्ता नामांकित होने के लिए लंबे समय से इंतजार किया जा रहा था। इस बार इंटरेक्शन प्रक्रिया अपनाई गई। इसके तहत दावेदारों को न्यायाधीशों के सामने रूबरू होना पड़ा। उनके सवालों के जवाब देने पड़े। इससे उनकी समस्त जानकारी सामने आई। इसी आधार पर मेरिट को देखते हुए सम्मान दिया गया। वरिष्ठ अधिवक्ता बनने के साथ ही अब न्यायालय में गरिमा बढ़ जाएगी। मामलों में जूनियर वकीलों के वकालतनामों के साथ पैरवी करने खड़े होंगे। वरिष्ठ अधिवक्ता का वकालतनामा नहीं लगता।