साध्वी प्रज्ञा को अश्लील वीडियो कॉल करने वाले के हौसले बुलंद : स्टाफ ने फोन कर कहा गलत जगह हाथ डाला, जालसाज बोला; ऐसे तो कई आए और गए

 

भोपाल सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को अश्लील वीडियो कॉल करने वाले जालसाजों के हौसले बुलंद हैं। कॉल आने के बाद सांसद के स्टाफ ने आरोपी को कॉल किया था। उन्होंने जालसाज से कहा कि तुमने गलत जगह हाथ डाल दिया है। इस पर जालसाज बोला- ऐसे तो कई आए और गए। हम वहीं हैं और वहीं रहेंगे। इसके बाद आरोपी ने फोन काट दिया। ये एक्सक्लूसिव जानकारी मीडिया को खुद फोन लगाने वाले स्टाफ ने दी।

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इस मामले में सायबर सेल ने भी मामले की जांच शुरू कर दी है। TI चैन सिंह रघुवंशी ने बताया कि इस गिरोह के तार झारखंड से जुड़ते नजर आ रहे हैं। यहां के सायबर फ्रॉड पुलिस पर हमला करने तक से नहीं चूकते हैं। गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने भी जालसाजों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है।

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गांव के लोग ही आरोपियों को बचाते हैं

करीब 8 महीने पहले सायबर फ्रॉड के मामले में झारखंड पहुंची भोपाल पुलिस पर जामताड़ा में हमला किया गया था। गाड़ी में तोड़फोड़ भी की गई थी। पुलिस वहां से कुछ जालसाजों को पकड़कर लाई थी। सायबर फ्रॉड गिरोह झारखंड के जामताड़ा के 308 गांवों से नेटवर्क चला रहे हैं। बैंक और प्रशासन में पहुंच होने से आरोपी बच निकलते हैं। गांव के लोग ही इन्हें बचाते हैं।

झारखंड को छोड़ देश भर में करते हैं ठगी

आरोपियों ने पूछताछ में बताया था कि यह पूरा गिरोह वे मोबाइल फोन से ऑपरेट करते हैं। उनके टारगेट पर ज्यादातर हिंदी बेल्ट के राज्य रहते हैं। वे झारखंड में किसी को भी कॉल नहीं करते। कारण है कि वे लोकल पुलिस को अपने खिलाफ खड़ा नहीं करना चाहते।

ATM मास्टर कहलाते हैं

असल में, झारखंड में सायबर फ्रॉड को क्राइम नहीं माना जाता। उनका मानना है कि सिर्फ मारपीट करना, लूट और चोरी ही अपराध हैं। इस तरह से पैसा कमाने वालों को यहां ATM मास्टर कहा जाता है। जो जितना बड़ा ATM मास्टर हो जाता है, उसकी शादी भी पक्की हो जाती है। पुलिस ने आरोपियों को पकड़ने के लिए लड़की की शादी की बात कहकर फंसाया था। इसके बाद एक-एक कर आरोपियों को पकड़ा।

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गांव वालों की मदद करते हैं आरोपी

आरोपी जिस गांव में रहते हैं, वहां लोगों की आर्थिक मदद करते हैं। जैसे, शादी के लिए पैसे देना। उधार और अन्य तरह से मदद करते हैं। इस कारण गांव वाले इनके पक्ष में रहते हैं। झारखंड के अलावा किसी और राज्य की गाड़ी इलाके में आती है, तो पेट्रोल पंप से लेकर गांव के बाहर बैठे लोग तत्काल आरोपियों को सूचना दे देते हैं। ऐसे में आरोपी वहां से जंगलों की तरफ भाग जाते हैं। नक्सली इलाका होने के कारण पुलिस पीछा करने से भी बचती है।

झारखंड के दो जिलों में सबसे ज्यादा जालसाज

झारखंड के जामताड़ा और देवघर सबसे ज्यादा नक्सल प्रभावित क्षेत्र माने जाते हैं। महज 10वीं या 12वीं पास बेरोजगार युवकों को तनख्वाह पर रखकर देशभर में जालसाजी कराई जाती है। बाकायदा कॉल सेंटर की तर्ज पर काम करते हुए ये गिरोह लोगों को कॉल कर झांसा देते हैं।

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इस तरह चलता है नेटवर्क

आरोपी ठगी का पैसा ट्रांसफर कराने के लिए गरीब लोगों के बैंक खातों का उपयोग करते हैंष इसके बदले वे उन्हें पैसा देते हैं। ग्राहक से यह रुपए एक खाते में डलवाते हैं। उसके तुरंत बाद ही रुपए दूसरे खाते और फिर तीसरे खाते में ट्रांसफर कर दिए जाते हैं। तीसरे बैंक खाते में रुपए पहुंचते ही पहले से ATM के पास खड़े व्यक्ति को फोन किया जाता है। वह तत्काल रुपए निकाल लेता है। इसके बाद ATM को भी फेंक दिया जाता है।

इसलिए पकड़ना मुश्किल

आरोपी झारखंड में अपराध नहीं करते। यह फ्रॉड नेटवर्क आरोपी मोबाइल फोन से ही चलाते हैं। इसके लिए सिम बंगाल और ओडिशा से 2 हजार रुपए में खरीदते हैं। दोनों राज्यों में सिम का फर्जीवाड़ा बड़ी संख्या में है। यहां एक-एक आदमी के नाम पर पांच से छह सिम हैं। आरोपी कॉल करने के बाद पैसा आते ही सिम और मोबाइल फोन तोड़कर फेंक देते हैं।