BHOPAL : भाजपा के चक्रव्यूह में फंसी कमलनाथ सरकार ,क्या विधायकों के आते ही दूर हो जाएगा कोरोना का संकट

 
BHOPAL : भाजपा के चक्रव्यूह में फंसी कमलनाथ सरकार ,क्या विधायकों के आते ही दूर हो जाएगा कोरोना का संकट

भोपाल । भाजपा के चक्रव्यूह में फंसी कमलनाथ सरकार अपने बचाव के लिए रास्ते तलाश रही है लेकिन, वह अपने ही बयानों में उलझ गई है। विपक्षी नेता कांग्रेस के विरोधाभासी बयानों पर हमलावर हो गए हैं। सरकार ने कोरोना का बहाना लेकर विधानसभा का सत्र स्थगित कर दिया है लेकिन, सीएम के यह कहने कि बंधक बनाए गए विधायकों के लौटने पर फ्लोर टेस्ट कराया जाएगा, तीखी प्रतिक्रिया हो रही है।
मध्यप्रदेश के सियासी संकट को लेकर निगाहें तो बुधवार को होने वाली सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पर टिकी हैं, लेकिन इस बीच जुबानी जंग भी जारी है। संसदीय कार्य मंत्री के प्रस्ताव पर विधानसभा अध्यक्ष ने 26 मार्च तक के लिए सदन स्थगित कर दिया है। इस बीच राज्यपाल के दोबारा फ्लोर टेस्ट कराये जाने के आदेश के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ कह रहे हैं कि बंधक बनाये गये 16 विधायक वापस आ जाएं तो फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार हूं।
कमलनाथ के इस बयान पर भाजपा नेताओं ने तंज कसना शुरु कर दिया है। ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में जाते ही कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले पूर्व प्रदेश प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी सवाल उठाते हैं कि क्या विध्ाायकोें के आने के बाद कोरोना का संकट समाप्त हो जाएगा।
कांग्रेस सरकार ने सिंधिया समर्थक इन विधायकों को बंधक बनाये जाने का आरोप भी लगाया है लेकिन बेंगलुरु में इन विधायकों ने पत्रकारों के सामने दो टूक कह दिया कि उन्हें भोपाल जाने मेें खतरा है। वह बंधक नहीं बनाए गए हैं। अगर सिंधिया के काफिले पर हमला हो सकता है तो वे लोग असुरक्षित हैं। चतुर्वेदी कहते हैं कि सत्त्ता के मोह में कमलनाथ सरकार लोकतंत्र का मजाक उड़ा रही है और मुख्यमंत्री से लेकर विधानसभा अध्यक्ष तक विरोधाभासी बयान दे रहे हैं।

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