REWA : प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर JD सख्त : DEO से मांगी जानकारी

 
REWA : प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर JD सख्त : DEO से मांगी जानकारी

रीवा। प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर संयुक्त संचालक लोक शिक्षण ने सख्त कदम उठाया है। जेडी ने संभाग के सभी डीइओ से उन सभी प्राइवेट विद्यालयों की सूची मांगी है जिन्होंने अभी तक किताबों के प्रकाशकों की सूची नहीं दी है। इन विद्यालयों के विरुद्ध मान्यता व समाप्त करने को लेकर संबंधित बोर्ड को पत्राचार किया जाएगा। एक महीने बाद अभी तक ५० फीसदी प्राइवेट स्कूलों द्वारा लगाई जा रही किताबों के प्रकाशकों की सूची नहीं डीइओ ऑफिस में नहीं दी है।

नए शैक्षिणक सत्र के प्रारंभ प्रतिवर्ष प्राइवेट स्कूल के संचालक किताबों के प्रकाशक बदल देते है। साथ ही सीबीएसइ और माध्यमिक शिक्षा मंडल से स्वीकृत पाठ्यक्रम के अतिरिक्त पुस्तकें लगाते है। इतना ही नहीं इन निजी प्रकाशकों की किताबें महज एक दुकान में उपलब्ध रहती है। इससें अभिभावकों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है वहीं उन पर आर्थिक बोझ बढ़ता है। साथ ही अनावश्यक किताबो थोपने बच्चों में बस्तें का बोझ बढ़ रहा है। इस लेकर स्कूल शिक्षा विभाग के आदेश का पालन करने जेडी से १५ जनवरी तक सभी प्राइवेट स्कूलों में नए सत्र में लगने वाली किताबों के प्रकाशकों की सूची मांगी थी। लेकिन समय सीमा समाप्त होने के बावजूद अभी तक सूची डीइओ कार्यालय में उपलब्ध नहीं हुई है। इस पर जेडी ने अब डीइओ से सूची नहीं देने वाले विद्यालयों की जानकारी सात दिवस में तलब की है। 


तत्कालीन डिपो प्रबंधक निलंबित

मध्य प्रदेश पाठ्य पुस्तक में पदस्थ तत्कालीन डिपो प्रबंधक नरेन्द्र मिश्रा व्याख्या को लोक शिक्षण संचालनालय ने निलंबित कर दिया। इनका मुुख्यालय जेडी कार्यालय रीवा बनाया गया है। बताया जा रहा है कि २१ जनवरी को शहर के निजी गोदाम में पाठय पुस्तक निगम की ५ लाख रुपए की किताबें पुलिस ने जब्त की थी। इसका खुलासा होने के बाद डिपो प्रबंधक नरेन्द्र मिश्रा की प्रतिनियुक्त समाप्त करते हुए उन्हें मूल विभाग भेज दिया गया था। इसके साथ ही मामले की जांच महाप्रबंधक को सौंपी गई थी। जांच में पाया गया कि नियम विरुद्ध तरीके से १०हजार किताबें बाजार में बेचने के लिए रखी गई थी। प्रथम दृष्टवा में डिपो प्रबंधक को दोषी मानते हुए डिपो प्रबंधक को निलंबित कर दिया गया है।

कड़ी कार्रवाई होगी।
डीइओ से उन निजी विद्यालयो के नाम मांगे गए है जिन्होनें अभी तक किताबों के प्रकाशकों की सूची नहीं दी। इनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अंजनी कुमार त्रिपाठी जेडी, लोक शिक्षण

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