REWA : घर में बैठकर टीवी के सहारे और पूजा-पाठ करके काटा पूरा दिन

 
REWA : घर में बैठकर टीवी के सहारे और पूजा-पाठ करके काटा पूरा दिन

रीवा । जनता कर्फ्यू के दौरान किसी ने टीवी देखकर तो किसी ने पूजा-पाठ करते हुए दिन बिताया। वरिष्ठ अधिवक्ता शशिकांत त्रिपाठी बताते हैं कि जनता कर्फ्यू के दौरान वे घर के अंदर ही रहे। इस दौरान उन्होंने सुबह जहां न्यूज पेपर से दिन की शुरुआत किए वहीं टीवी के सामने बैठकर देश सहित विदेश तक फैले वायरस की जानकारी लेते रहें। बीच-बीच में ब्रेकिंग व बचाव के तरीके पर गहन चिंतन करते रहे। उन्होंने बताया कि उनके जीवन में पहली बार ऐसा हुआ है जब इतनी बडी संख्या में लोगों ने जनता कर्फ्यू के दौरान न केवल देश के प्रधानमंत्री के अपील का समर्थन किया है बल्कि लोग घरों में कैद होकर कोरोना वायरस की जानकारी लेते रहें।
बंद के दौरान रिसर्च व चिंतन : मीडिया से बातचीत करते हुए प्रोफेसर आरएन तिवारी ने बताया कि उच्च शिक्षा विभाग द्वारा अवकाश घोषित करने के साथ ही है कहा गया था कि प्रोफेसरों द्वारा इस अवधि में चिंतन व रिसर्च की तैयारी करनी चाहिए। खुद लक्ष्मण सिंह सम्मान से सम्मानित प्रोफेसर डॉ आरएन तिवारी के दिन की शुरुआत चाय के साथ हुई। इस दौरान उन्होंने खाना खाने के बाद रिसर्च पेपर लिखना शुरू किया। पूरा दिन पढने व रिसर्च उन्होंने लगाया। उन्होंने कहा कि आज के बंद के दौरान यहां प्रदूषण लेवल में कमी आई है वहीं जागरूकता के अस्तर का भी पता चला है।
मागा विश्वकल्याण का आशीर्वाद : डॉ सरिता तिवारी ने बताया कि उक्त वायरस का असर न केवल भारत में है बल्कि विश्व में है। उन्होंने कहा कि उनके दिन की शुरुआत पूजा से शुरू हुई। पूजा के दौरान उन्होंने न केवल संस्कृत के श्लोकों का वाचन किया बल्कि विश्व कल्याण का आशीर्वाद है भगवान से मांगा है। उन्होंने कहा कि बधाों के आ जाने पर उन्हें भोजन बनाने और घर के काम के साथ ही भगवान का मनन करके पूरे दिन का समय निकाला है। 
दिनभर किया रामचरित का वाचन : महिला मोर्चा की जिला उपाध्यक्ष व भाजपा नेत्री सरोज तिवारी द्वारा जनता कर्फ्यू के दौरान घर पर ही महिलाओं को इकट्ठा कर उनके साथ रामचरित मानस की चौपाइयों का गायन किया गया। इस दौरान उन्होंने कहा कि रामचरितमानस में हर प्रकार की परिस्थितियों से निपटने के लिए उपाय बताए गए हैं। उन्होंने कहा कि पूजा पाठ व सुविचार जीवन में एक अहम योगदान रखते हैं। लिहाजा जिले व क्षेत्र को इस समस्या से निपटने के लिए उन्होंने रामचरितमानस के पाठ का वाचन किया है।

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