REWA : लॉकडाउन में हजारों लोगों के घर में नहीं जल रहे चूल्हे, यहां जानिए समाजसेवियों ने किस तरह दी मदद

 
REWA : लॉकडाउन में हजारों लोगों के घर में नहीं जल रहे चूल्हे, यहां जानिए समाजसेवियों ने किस तरह दी मदद

रीवा। कोरोना संक्रमण की वजह से शहर लॉकडाउन है। शहर की सारी गतिविधियां ठप हैं। करीब सप्ताह भर से कामकाज बंद होने के चलते गरीब बस्तियों के लोगों के सामने भोजन का संकट उत्पन्न हो गया है। प्रशासन ने अपने स्तर पर व्यवस्थाएं बनाने का आश्वासन दिया है लेकिन जिस तरह से फौरी सहायता चाहिए वह नहीं मिल पा रही है। इस बीच शहर के लोगों ने एक बार फिर आपदा में एकजुटता का परिचय दिया है। कई मोहल्लों में लोगों ने राहत के तौर पर भोजन उपलब्ध कराया है। कहीं पर दाल, चालव, सब्जी पहुंचाई गई तो कई जगहों में भोजन के पैकेट भी बांटे गए हैं। इस कार्य में कुछ लोग व्यक्तिगत तौर पर लगे हैं तो कई बड़ी संस्थाएं भी आगे आई हैं। ऐसे लोगों को प्रशासन ने भी संसाधन उपलब्ध कराने के लिए कहा है।

- सेंट्रल किचन से मोहल्लों तक पहुंचाया भोजन
शहर में मध्यान्ह भोजन का वितरण करने वाली संस्था निर्मला ज्योति महिला मंडल ने सेंट्रल किचन में भोजन बनाकर जरूरतमंदों तक पहुंचाया। इस संस्था को कलेक्टर ने भी निर्देशित किया था कि लोगों को भोजन की व्यवस्था कराएं। जिसके चलते चिरहुला कालोनी, ललपा तालाब, पीके स्कूल, कोठी कंपाउंड, अमहिया नाला के पास, विधि कालोनी, रेलवे स्टेशन के पास, कृषि विज्ञान केन्द्र, सुखदेव रेसिडेंसी में भोजन वितरित किया गया। जिसमें दाल, चावल, सब्जी एवं रोटियां शामिल थी।
- शिव बारात आयोजन समिति के आधा सैकड़ा लोग जुटे, भोजन के पैकट बनाकर पहुंचा रहे
लॉकडाउन के दौरान लोगों को सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए शिव बारात आयोजन समिति ने बड़े पैमाने पर व्यवस्था शुरू किया है। इस समिति के लोगों ने आटा, सब्जी, चावल, दाल आदि का सहयोग दिया है। साथ ही करीब दर्जन भर की संख्या में लोग स्वयं भोजन पका रहे हैं। समिति के संयोजक मनीष गुप्ता ने बताया कि शहर के हर हिस्से के लोग जुड़े हैं। इसलिए क्षेत्रवार लोगों को जिम्मेदारियां दी गई हैं। बड़ी संख्या में दूसरे शहरों से आए लोग जो बस स्टैंड एवं अन्य स्थानों पर भटक रहे हैं, उन्हें भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। साथ ही अस्पतालों के आसपास मरीजों के परिजन भी परेशान हो रहे हैं, उन्हें भी पैकेट दिए जा रहे हैं। इसके अलावा बस्तियों में जाकर भोजन बांटा जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रशासन से भी कहा है कि अन्य जो भी सहयोग होगा पूरी समिति हर समय तैयार है। बताया जा रहा है कि अलग-अलग मोहल्लों और बस्तियों में करीब एक हजार की संख्या में पैकेट वितरित किए गए हैं।

- माता का दरबार संस्था ने खाद्यान्न का पैकट दिया
माता का दरबार सांस्कृतिक सामाजिक सेवा समिति की ओर से भी शहर में लोगों की मदद शुरू की गई है। संस्था की ओर से पुलिस कंट्रोल रूम में २५ नग खाद्यान्न के पैकेट वितरित किए गए। जिसमें दो किलो आटा, डेढ़ चावल, आधा किलो दाल एवं एक पैकेट नमक शामिल था। इसी तरह वार्ड एक के दोही में १०० पैकट वितरित किए गए। संस्था के सदस्यों ने खन्ना चौराहे के पास लोगों का हाथ सेनेटाइजर से धुलवाया और मास्क एवं टोपियां वितरित की। इस दौरान राजेन्द्र मिश्रा, सत्यप्रकाश सचदेव, तेजमोहन प्रणामी, प्रतीक पाण्डेय, डॉ. बसंत अग्रिहोत्री, सुरेश, किशोर, विभू सूरी, मिट्ठू, मनोज, बृजलाल, सतीश सहित अन्य मौजूद रहे।
- चिरहुला में भोजन के पैकेट वितरित
शहर के वार्ड क्रमांक 43 के चिरहुला में वृंदावन कालोनी स्थानीय लोगों ने गरीब परिवारों को भोजन के पैकेट वितरित किए। जिसमें सब्जी और पूडिय़ां बांटी गई। बताया गया है कि स्थानीय लोगों का समूह बीते कई दिनों से मोहल्ले में यह सेवा लोगों तक पहुंचा रहा है। इसमें किन्नरेश पाठक, आरआर तिवारी, अरुण तिवारी, अभय पाठक, दशमत विश्वकर्मा, सुधीर द्विवेदी सहित अन्य शामिल रहे।
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एक हजार परिवारों को राशन पहुंचाने की तैयारी
शहर के करीब एक हजार परिवारों तक २१ दिन का भोजन उपलब्ध कराने के लिए राशन के पैकेट पहुंचाने की तैयारी की गई है। रीवा विधायक राजेन्द्र शुक्ला ने अपने कार्यकर्ताओं को खाद्य सामग्री एकत्र करने के लिए कहा है। माय रीवा-माय प्राइड ग्रुप द्वारा खाद्यान्न का संकलन किया जा रहा है। इस कार्य का संयोजन व्यवसायी मोहित टंडन को सौंपा गया है। इस पुनीत कार्य में शहर के पंजाबी समाज, सिंधी समाज, अग्रवाल समाज, ताम्रकार समाज सहित अन्य कई समाजों की ओर से भी योगदान किया गया है। तैयार किए जा रहे पैकेट में 15 किलो आटा, 6 किलो चावल, 3 किलो दाल, 1-1 किलो तेल एवं नमक उपलब्ध कराया जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि उक्त राशन से एक छोटे परिवार का २१ दिन का भोजन तैयार होगा। कलेक्टर को यह सामग्री सौंपी जाएगी।

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