REWA : कोरोना वारयास से टीबी-कुपोषितों मरीजों को ज्यादा खतरा, अलग रखने की सलाह

 
REWA : कोरोना वारयास से टीबी-कुपोषितों मरीजों को ज्यादा खतरा, अलग रखने की सलाह


रीवा. जिले में कोरोना वायरस को लेकर टीबी और कुपोषित बच्चों के लिए चिकित्सकों ने विशेष एडवाजरी जारी की गई है। चिकित्सकों ने सलाह दी है कि कुपोषित, टीबी, बुखार, सर्दी, जुकॉम के मरीजों को घर में भी अलग से रखा जाए। जिससे संक्रमण की चपेट में नहीं आएं।

दहशत में टीबी के पांच हजार मरीज
जिले में 4500 से अध्ािक टीबी मरीजों का फालोअप किया जा रहा है। मेडिकल ऑफीसर डॉ बीएल मिश्रा ने बताया कि जिले में हर साल पांच हजार टीबी के मरीज चिह्ंित किए जा रहे हैं। टीबी मरीजों की प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। इस लिए टीबी मरीजों के आस-पास विशेष सावधानी बरते की आश्यकता है। टीबी के मरीजों के खांसने, छींकने पर सतर्कता बरतें। आश्वयकता न हो तो बाहर नहीं निकलें।

बुजुर्ग व बच्चों को घर से बाहर निकलने की सलाह
एसजीएमएच की सेवानिवृत्त बाल्य एवं शिशु विभागाध्य डॉ ज्योति ङ्क्षसह ने पांच साल से छोटे व बुजुर्ग बच्चों को घर से बाहर नहीं निकलने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि कुल बच्चों की संख्या में दो से तीन फीसदी बच्चे कुपोषित होते हैं। ऐसे बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है। बाहर नहीं निकालें। एहतियातन घरों में रखा जाए। रीवा में डेढ़ हजार से ज्यादा बच्चे कुपोषित न्रभावित हैं। जीएमएच में बच्चों के इलाज में सावधानी बढ़ा दी गई है।

इन्हें भी अलर्ट रहने की सलाह
चिकित्सकों ने डायबटीज, एचआइवी, अस्थमना सहित अन्य संक्रमित बीमारियों के चपेट में इलाज कराने वाले मरीजों के लिए विशेष सावधानी बरतने की आवयकता है।

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