REWA : रीवा के अस्पताल में पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्यूपमेंट की कमी, स्टाफ ने कहा कोरोना से कैसे लड़ेंगे मास्क तक नहीं
Mar 29, 2020, 21:52 IST
रीवा। कोरोना वायरस के संक्रमण का खौफ आम लोग ही नहीं मेडिकल स्टाफ पर भी है। संजयगांधी अस्पताल की नर्सों ने एक वीडियो जारी कर व्यवस्थाओं को आइना दिखाया है। नर्सों ने कहा है कि वह मरीजों की सेवा के लिए हर समय तत्पर रहती हैं। कोरोना संक्रमण को लेकर उनके मन में भी भय है। अस्पताल प्रबंधन की ओर से पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्यूपमेंट(पीपीई) की पूरी तरह से अनदेखी की जा रही है।
इसकी सूचना अस्पताल के अधिकारियों को दी तो उनका जवाब होता है कि जब तक व्यवस्थाएं नहीं बनती तब तक ऐसे ही काम चलाओ। नर्सों ने कहा कि वह ग्लब्स को कई दिनों तक उपयोग कर रही हैं, इसलिए उसे हर दिन धोना पड़ रहा है। कुछ तो बाजार से भी खरीदकर ला रही हैं। इतना ही नहीं मास्क भी नहीं है तो घर से कपड़े लाती हैं और उसके सहारे ही अपनी सुरक्षा कर रही हैं।
सेनेटाइजर और स्प्रिट की भी व्यवस्थाएं नहीं है। अब वह मजबूर होकर अपनी व्यथा को सार्वजनिक कर रही हैं। इनका कहना है कि अस्पताल में कोई भी जिम्मेदार अधिकारी उनकी समस्याओं को नहीं सुन रहा है। सीएमओ से जब समस्या बताई तो उन्होंने कहा कि मास्क और ग्लब्स लेने वाहन भेजा जा रहा है। कोरोना को वैश्विक महामारी घोषित किया गया है, इससे निपटने के लिए इंतजाम हर जगह नाकाफी हैं। मेडिकल स्टाफ की व्यक्तिगत सुरक्षा पर ध्यान नहीं देने की कई दूसरे जिलों से भी शिकायतें आई हैं।
अस्पताल प्रबंधन की ओर से भी जारी कराया गया वीडियो
नर्सों द्वारा सिस्टम पर सवाल उठाए जाने के चलते विवादों में घिरता देख संजयगांधी अस्पताल प्रबंधन ने भी एक वीडियो जारी कर उक्त आरोपों का खंडन किया है। इस वीडियो में पांच नर्सों द्वारा कहा जा रहा है कि उन्हें सभी संसाधन मुहैया कराए जा रहे हैं। अधिकारियों द्वारा भी समस्याओं पर ध्यान दिया जा रहा है। अस्पताल के सीएमओ डॉ. यत्नेश त्रिपाठी की ओर से वीडियो शेयर किया गया है, जिसमें दावा किया गया है सभी आवश्यक व्यवस्थाएं अस्पताल के पास मौजूद हैं।
कुछ नर्सों को वीडियो वायरल हुआ तो हमने पता लगाया। शिफ्ट बदलने पर अलग सामग्री इश्यू होती है, उन्होंने अपने प्रभारी से बात नहीं की और वीडियो जारी कर दिया। हालांकि बाद में वह उनकी ओर से ही खंडन भी किया गया है। हमारा फोकस संक्रमण रोकने का है, जिस पर पूरे प्रयास किए जा रहे हैं।
डॉ. पीके लखटकिया, अधीक्षक एसजीएमएच रीवा