BHOPAL : MP के 29 जिलों के 342 मजदूर विशेष ट्रेन से पहुँचे अपने घर ,खुशी का नहीं रहा ठिकाना

 
BHOPAL : MP के 29 जिलों के 342 मजदूर विशेष ट्रेन से पहुँचे अपने घर ,खुशी का नहीं रहा ठिकाना

भोपाल । इंगतपुरी के गर्ल्स हॉस्टल में एक महीने से ठहरे थे। घर की बहुत याद आ रही थी। कोई विकल्प नजर नहीं आ रहा था। परेशान थे। शुक्रवार सुबह अचानक खबर मिली कि तैयार रहो आप लोगों को भोपाल और वहां से फिर आपके घर छोड़ा जाएगा। यह सुनकर भूख गायब हो गई। घर के सदस्यों को फोन करके बताया तो वे भी खुश हो गए। आज तड़के विशेष ट्रेन से भोपाल में उतर कर बहुत खुश हैं। यह कहना है दतिया जिले के हेमंत केवट व अन्य जिलों के दर्जनों मजदूरों का। हेमंत केवट ने बताया कि वह अपने परिवार के चार सदस्यों के साथ महाराष्ट्र के कल्याण में फूलों का करने गया था। लाकडाउन के बाद से काम बंद हो गया, वे किसी तरह घर जाने के लिए 1 महीने पहले निकले थे जिन्हें इंगतपुरी में प्रशासन ने पकड़ लिया और एक गर्ल्स हॉस्टल में कवारांटाइन कर दिया।

हेमंत ने बताया कि इस दौरान कई संघर्षों से गुजरना पड़ा। हालांकि प्रशासन ने ध्यान रखा लेकिन घर में खुद के हाथों से निकालकर खाना खाने में और दूसरों के द्वारा दिए गए खाने से पेट भरने और जीवन यापन करने में बहुत दिक्कत होती है। इस तरह 1 महीने तक नासिक के हॉस्टल में गुजरना पड़ा है। महाराष्ट्र के नासिक से शनिवार तड़के भोपाल के मिसरोद स्टेशन पर उतरे अन्य मजदूरों ने भी इसी तरह 1 महीने के संघर्ष की कहानी सुनाई।

विशेष ट्रेन में प्रदेश के 29 जिलों के 342 मजदूरों को लाया गया है। पूर्व में ट्रेन को भोपाल स्टेशन पर रोका जाना था लेकिन प्रशासन की तरफ से प्रस्ताव था कि भोपाल की बजाय मिसरोद स्टेशन भीड़-भाड़ से अलग और स्वतंत्र है यहां से मजदूरों को बगैर भीड़ के बीच से बसों के जरिए उनके गृह जिले भेजा जा सकता है इसलिए ट्रेन को मिसरोद में रोका जाए। इस पर रेलवे ने ट्रेन को मिसरोद स्टेशन पर रोकने का इंतजाम किया। इस स्टेशन पर मजदूरों को उनके गृह जिलों में छोड़ने के लिए रात 1 बजे से ही इंतजाम करने शुरू कर दिए थे। तड़पके बसें भी पहुंच गई थी पहले से पुलिस जवानों की ड्यूटी लगाई गई थी। मेडिकल टीम भी मजदूरों की जांच के लिए आ गई थी।

जैसे ही ट्रेन पहुंची सबसे पहले प्रशासन के अधिकारियों ने मजदूरों को समझाइश दी कि उन्हें एक-दूसरे से शारीरिक दूरी बना कर रखना है। किसी भी स्थिति में एक जगह एकत्रित नहीं होना है। प्रशासन के निर्देशों का पालन करना है। इसके बाद मजदूरों को नाश्ता कराया गया और सुबह 6:30 बजे के बाद जिलेवार जांच करने के बाद मजदूरों को उनके गृह जिले भेजने की शुरुआत कर दी गई है। सुबह 8:30 बजे तक 29 में से 15 जिलों के मजदूरों को भेजा जा चुका था।

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