REWA : पूर्व मंत्री राजेन्द्र शुक्ला को कांग्रेस प्रत्याशी अभय मिश्रा ने दिया बड़ा झटका ,चुनाव शून्य करने वाली याचिका खारिज करने से हाईकोर्ट का इंकार

 
REWA : पूर्व मंत्री राजेन्द्र शुक्ला को कांग्रेस प्रत्याशी अभय मिश्रा ने दिया बड़ा झटका ,चुनाव शून्य करने वाली याचिका खारिज करने से हाईकोर्ट का इंकार

जबलपुर। मध्य प्रदेश में चल रही मंत्रिमंडल गठन की कवायदों के बीच भाजपा के विधायक और शिवराज सरकार में कभी मंत्री रह चुके विंध्य क्षेत्र के दिग्गज नेता राजेन्द्र शुक्ला को बड़ा झटका लगा है। हाई कोर्ट जबलपुर ने शुक्ला के चुनाव को शून्य घोषित करने दायर की गई याचिका को खारिज करने से इंकार कर दिया है। शुक्ला के निर्वाचन को चुनौती देने कांग्रेस प्रत्याशी अभय मिश्रा ने हाई कोर्ट में चुनाव याचिका दाखिल की थी।

हाई कोर्ट जबलपुर ने वर्ष 2018 में रीवा विधानसभा सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी रहे अभय मिश्रा द्वारा दायर की गई चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका खारिज करने से इंकार कर दिया है। इसके बाद यह स्पष्ट हो गया है कि  पूर्व मंत्री और रीवा से भाजपा विधायक राजेन्द्र शुक्ला के खिलाफ चुनाव याचिका पर सुनवाई जारी रहेगी। गौरतलब है कि 2018 का विधानसभा चुनाव हारे कांग्रेस प्रत्याशी अभय मिश्रा ने भाजपा विधायक राजेन्द्र शुक्ला के खिलाफ चुनाव याचिका दायर की है।

चुनाव याचिका में कांग्रेस प्रत्याशी अभय मिश्रा ने राजेन्द्र शुक्ला पर आरोप लगाया है कि उन्होंने विधानसभा चुनाव में धन – बल का इस्तेमाल किया और अपनी संपत्ति का ब्यौरा छिपाते हुए गलत जानकारी दी। मिश्रा ने हाई कोर्ट में निर्वाचन याचिका पेश कर राजेन्द्र शुक्ला का चुनाव शून्य घोषित करने और रीवा विधानसभा सीट पर पुनः चुनाव कराने की मांग की है। शुक्ला के अधिवक्ता ने याचिका को निराधार बताते हुए उसे खारिज करने की मांग की थी । लेकिन उच्च न्यायालय ने याचिका को खारिज करने से इंकार कर दिया है।

18 हजार से अधिक मतों से हारे थे मिश्रा 
विधानसभा चुनाव 2018 में रीवा विधानसभा सीट से कुल 26 प्रत्याशी मैदान में थे। इस चुनाव में भाजपा के राजेन्द्र शुक्ला को 69806 तथा कांग्रेस के अभय मिश्रा को 51717 वोट मिले थे। प्रतिष्ठापूर्ण चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी अभय मिश्रा को 18089 मतों से हार के सामना करना पड़ा था।

प्रदेश मंत्रिमंडल में विस्तार के बीच झटका
उच्च न्यायालय के इस फैसले को पूर्व मंत्री राजेन्द्र शुक्ला और भाजपा के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। यह निर्णय ऐसे समय पर आया है जब मध्य प्रदेश में सियासी पारा भी चढ़ा हुआ है। प्रदेश मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर खींचतान मची हुई है। शुक्ला भी मंत्री पद के बड़े दावेदारों में शुमार हैं। हालांकि इस बार उनके नाम को लेकर विरोध भी कम नही है। विंध्य में ही विधायक इस बार खिलाफत के स्वर बुलंद कर रहे हैं। अब अदालत का यह निर्णय शुक्ला का विरोध करने वालों के लिए एक बड़ा हथियार भी बन सकता है।


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