REWA : रीवा जिले में चक्रवाती तूफान ने जमकर मचाई तबाही, बिजली के खम्भे एवं टीन-टप्पर हुए धराशायी

 
REWA : रीवा जिले में चक्रवाती तूफान ने जमकर मचाई तबाही, बिजली के खम्भे एवं टीन-टप्पर हुए धराशायी

रीवा। गुरुवार की शाम चक्रवाती तूफान ने जिले में जमकर तबाही मचाई है। कई पेड़ धराशायी हो गए, वहीं बिजली के खम्भे एवं घरों के टीन-टप्पर पत्तों की तरह उड़ गए। तकरीबन 15 मिनट तक डेढ़ सौ किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चले तूफान से शिल्पी प्लाजा में एक व्यक्ति की मौत होर्डिंग गिरने से हो गई।

बिजली के खम्भे टूट जाने से विद्युत सप्लाई बंद हो गई। शहर से ज्यादा गांव में तबाही का मंजर देखा गया है जहां सैकड़ों वर्ष पुराने पेड़ जमीन से उखड़ गए हैं। कई कच्चे घरों को काफी नुकसान होने की खबर सामने आई है। खरीदी केन्द्र के सामने खुले आसमान के नीचे रखा हजारों क्विंटल गेहूं बारिश की भेंट चढ़ गया।

50 हजार क्विंटल गेहूं भीगा

जिले के विभिन्न खरीदी केन्द्रों में परिवहन न हो पाने की स्थिति में खुले आसमान के नीचे रखा तकरीबन 50 हजार क्विंटल गेहूं तेज बारिश से भीग गया है। गौर करने वाली बात यह है कि बुधवार से खरीदी बंद हो जाने के बाद भी गेहूं का परिवहन पूरा नहीं हो पाया है। परिवहनकर्ताओं की गड़बड़ी के चलते शासन को लाखों रुपए का नुकसान हुआ है। सबसे ज्यादा नुकसान तराई क्षेत्र के त्योंथर, जवा में बताया गया है। जबकि नईगढ़ी एवं मऊगंज के कई खरीदी केन्द्रों में खुले आसमान के नीचे बोरियों में गेहूं डम्प किया गया था। सूत्रों की मानें तो जिले में जो खरीदी की गई है, उसके भण्डारण की पर्याप्त व्यवस्था होने के बाद भी गेहूं का भण्डारण न हो पाना विभागीय अधिकारियों के कार्य प्रणाली पर प्रश्न चिन्ह खड़ा कर देता है। हालांकि यह पहली बार नहीं हुआ है। खरीदी के समय पर्याप्त व्यवस्था नहीं हो पाती और शासन को लाखों रुपए का नुकसान उठाना पड़ता है।

REWA : रीवा जिले में चक्रवाती तूफान ने जमकर मचाई तबाही, बिजली के खम्भे एवं टीन-टप्पर हुए धराशायी


रीवा-गोविंदगढ़ मार्ग बाधित

रीवा-गोविंदगढ़ मार्ग में बिछिया पुल के पास जाम लगा हुआ है। उसका कारण यह बताया गया है कि इस मार्ग में एक पुराना दरख्त जमीन से उखड़कर 33 हजार केवी लाइन में गिर गया है। जिसके चलते जहां विद्युत सप्लाई बाधित हो गई है वहीं सड़क पर पेड़ गिर जाने से आवागमन पूरी तरह से बाधित हो गया है। प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो जो पेड़ सड़क पर गिरा पड़ा है वह काफी पुराना बताया गया है। ऐसे में यह सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि तूफान की रफ्तार कितनी तेज रही होगी जो पुराने पेड़ों को भी धराशायी कर दी है। 

मृगनयनी के समीप गिरी होर्डिंग, बैंक मैनेजर की मौत

शिल्पी प्लाजा स्थित मृगनयनी एम्पोरियम के पास गिरी होर्डिंग से एक व्यक्ति की मौत हो गई है। मौत की सूचना के बाद मौके पर पहुंची अमहिया पुलिस को मृतक के जेब से ड्राइविंग लायसेंस मिला जिससे उसकी पहचान हुई है। अमहिया थाना प्रभारी शिवा अग्रवाल द्वारा बताया गया है कि मृतक का नाम देवेन्द्र सिंह परिहार पिता एलएम सिंह परिहार है जो उपवन नगर रीवा का निवासी है। पुलिस ने मृतक देवेन्द्र सिंह को संजय गांधी अस्पताल पहुंचा दिया है। लोगों द्वारा दी गई जानकारी में बताया गया है कि मृतक देवेन्द्र सिंह अपेक्स बैंक में मैनेजर के पद पर थे। वह घर जा रहे थे। उसी समय तेज आंधी के चलते वहीं पर वह रुक गए। बिल्डिंग के ऊपर लगी होर्डिंग तेज हवा से उड़कर मृतक को अपनी चपेट में ले लिया। बताया गया है कि काफी वजनी होर्डिंग ऊपर से गिरी थी जिसके चलते उनकी मौत हो गई है। 

घटनास्थल पर पहुंचे एसडीएम और सीएसपी

अम्बेडकर बाजार स्थित मृगनयनी के पास गिरे होर्डिंग से हुई देवेन्द्र सिंह की मौत के बाद जहां उनके शव को संजय गांधी स्मृति अस्पताल पहुंचा दिया गया है वहीं घटनास्थल पर मौके का जायजा लेने एसडीएम फरहीन खान एवं सीएसपी शिवेन्द्र सिंह बघेल पहुंचे। उन्होंने पूरी तरह से मौके का निरीक्षण किया, जहां पर प्रथम दृष्टया यह पाया गयाा है कि मार्केट के ऊपर होर्डिंग लगाने का टॉवर लगा हुआ था जो तेज आंधी से नीचे गिर गया और युवक की मौत हो गई। हालांकि उक्त होर्डिंग टॉवर वैध था या अवैध इसकी जांच की जाएगी। माना यह जा रहा है कि छह माह पूर्व एक एडवरटाइजिंग कंपनी को उक्त होर्डिंग के टॉवर की मंजूरी दी गई थी। जो वर्तमान समय में अब नहीं है। यह जांच के बाद ही पता चल पाएगा कि वह वैध था या अवैध।

33 हजार केवी लाइन टूटी

गुरुवार की शाम आए तूफान ने पूरे जिले में तबाही मचा दी। लोही ओवरब्रिज के पास 33 हजार केवी लाइन टूट गई है। जिसे सुधारने में बिजली विभाग के कर्मचारी लगे हुए हैं। आलम यह है कि बड़ी लाइन के टूट जाने से पूरे क्षेत्र में ब्लैकआउट की स्थिति पैदा हो रही है। बिजली विभाग के अधिकारियों से मिली जानकारी में बताया गया है कि कई जगह बिजली के तार एवं खम्भे टूटकर गिर गए हैं। जिन्हें सुधारने में वक्त लगेगा। माना यह जा रहा है कि शहर में विद्युत आपूर्ति बहाल करने में काफी समय लगेगा। यहां पर यह बता दें कि जैसे ही तेज आंधी ने अपनी रफ्तार पकड़ी लोग घरों में कैद हो गए। यहां तक कि सड़क में चलने वाले वाहन के पहिए भी थम गए। जानकारों की मानें तो गुरुवार की शाम तूफान की रफ्तार 150 से 160 किलोमीटर प्रति घंटा बताई गई है।

पूरे जिले में रहा ब्लैक आउट

तूफान के चलते विद्युत सप्लाई शाम 5 बजे से ही बंद हो गई। पेड़, टॉवर, बिजली के खम्भे जमीदोज हो गए। कई जगहों पर 33 केवी की लाइनें टूट गर्इं तो खम्भे उखड़ जाने से तारें अलग हो गर्इं। सिलपरा में स्थित टोंस विद्युत परियोजना के मुख्य फीडर में पेड़ गिर गया। वहीं विद्युत विभाग के पीछे से गुजरने वाली 33 केवी लाइन में भी पेड़ उखड़कर गिर गया। ऐसा कोई क्षेत्र नहीं बचा जहां विद्युत की तारों में क्षति न पहुंची हो। तूफान थमते ही विद्युत अमला नुकसान का आंकलन करने जुट गया। गौर करने वाली बात यह है कि विद्युत विभाग के अधिकारी समय पर मेंटीनेंस में लेटलतीफी एवं लापरवाही बरतते हैं यह भी एक बड़ी समस्या है। मेंटीनेंस करते समय जो पेड़ तार से छू रहे होते हैं उन्हें भी विद्युत विभाग के अधिकारी नहीं काट पाते हैं। तूफान से हुए नुकसान के चलते पूरे जिले में ब्लैक आउट रहा।


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