SATNA : कैमिकल अटैक से दो समूहों में बटकर गांव छोड़ भागे टिड्डीदल : जंगल में ली पनाह

 
SATNA : कैमिकल अटैक से दो समूहों में बटकर गांव छोड़ भागे टिड्डीदल : जंगल में ली पनाह

सतना। जिले में टिड्डीदल का हमला शुक्रवार को लगातार चौथे दिन जारी रहा। रात में मैहर के जरियारी गांव के बगीचे में रुके टिड्डी दल पर कृषि विभाग की टीम ने सुबह कैमिकल अटैक किया तो वह दो समूहों में बटकर अलग- अगल दिशाओं में भाग खड़े हुए। टिड्डियों का एक दल रामनगर क्षेत्र के गांवों में दिनभर अक्रमण करता रहा तो दूसरा समूह मैहर नगर पंचायत क्षेत्र एवं शारदा मंदिर पहाड़ी के पास पेड़ों में शक्रिय रहा। शाम को टिड्यिों के दोनों दल परसमनियां पठार के ऊपर जंगल में मिले और अचानक दिशा बदलते हुए पन्ना की और दिकल गया। लेकिन शाम को पश्चिम दिशा से आए तूफान ने टिड्डी दल की रफ्तार रोक दी और व पश्चिम दिशा में आगे बढऩे की बजाया सतना पन्ना की सीमा से लगे श्यामगिरी व कल्दा घाटी में डेरा डाल दिया।

फिर हमले के आसार

कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि टिड्डीदल के हमले का खतरा अभी टला नहीं हैं। चार दिन से गांवों में हो रहे कैमिकल अटैक से बचने टिड्डीदल ने अपनी रणनीति बदलते हुए गांवों की बजाय जंगल में रात्रि विश्राम के लिए उतर गया है। शुक्रवार की रात में टिड्डीदल की लोकेशन कल्दा जंगल में मिली है। इसलिए अभी खतरा टला नहीं हैं। इस समय हवा का रुख पश्चिम से पूर्व की ओर है। इसलिए शनिवार की सुबह टिड्डीदल पन्ना की ओर जाने की बजाया परसमनिया पठार से लगे गांवों में हमला कर सकता है।

पठार के गांवों की बढ़ाई निगरानी

उप संचालक कृषि बीएल कुरील ने बताया की टिड्डी दल के पन्ना सीमा के जंगल में रूके होने की जानकारी के बाद परसमनिया पठार के गांवों एवं पठार से लगे गावों में निगरानी बड़ा दी गई है। मैहर एसडीओ अपनी टीम के साथ शारदा पड़ाही के आसपास निगरानी कर रहे हैं। वहीं एसडीओ नागौद ओपी तिवारी टीम के साथ जसो क्षेत्र के गांवों में रात्रि विश्राम करेगे। कृषि विभाग की एक टीम को पहाड़ के ऊपर बचे गोवों की निगरानी के लिए लगाया गया है। सुबह जहां पर भी टिड्डी दल की लोकेशन मिलेगी वहां फायर ब्रिगेड से कैमिकल अटैक किया जाएगा।

बैकफुट पर कृषि विभाग

टिड्डी दल के प्रथम हमले पर कृषि विभाग ने कैमिकल अटैक कर उनके खात्मे की योजना बनाई थी। लेकिन चार दिन से लगातार हो रहे हमले को देखते हुए कृषि विभाग अब बैकफुट पर आ गया है। कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि टिड्डीदल के पेड़ों पर रुकने से किसानों को कोई नुकसान नहीं हैं। इसलिए अब इस पर जोर दिया जा रहा है कि टिड्डी दल खेतों में न उतरे। यदि वह खेतों में हमला करता है तो गांव पहुंच कर कीटनाशक से अटैक किया जाएगा।


दूसरों की गलतियों से सीखो, अपने ही अनुभव से सीखने को तुम्हारी आयु काम पड़ जायेगी



Related Topics

Latest News