साल के पहले सूर्य ग्रहण की आज रविवार को भारत में सबसे पहले मुंबई और पुणे में शुरुआत हुई। वैसे दुनिया में सबसे पहले सूर्य ग्रहण बहरीन में देखने को मिला। मुंबई में सुबह 10 बजे सूर्य ग्रहण शुरू हुआ था और जेसे ही इसके खत्म होने का समय आया, दोपहर 1.20 बजे के करीब बारिश शुरू हो गई।
देश में कई जगहों पर बादल छाए हुए थे, इसलिए पूरे समय बादल और सूर्य के बीच लुकाछुपी चलती रही। कई शहरों में सूर्य ग्रहण को देखने के लिए उचित व्यवस्था की गई थी और लाखों लोगों ने इसके जरिए सूर्य ग्रहण को देखने के अवसर का लाभ उठाया।
इसका सूतक शनिवार रात 10 बजे से लग गया था। सूतक काल के साथ ही मंदिरों के पट बंद कर दिए गए थे। इस बार का सूर्य ग्रहण वलयाकार (रिंग ऑफ फायर) होने की वजह से बेहद खास है। इसमें चंद्रमा की छाया पूरी तरह सूर्य को ढक नहीं पाती है और सूर्य का बाहरी हिस्सा आग के छल्ले की तरह नजर आता है।
नेपाल में यूं नजर आया सूर्य ग्रहण:
नेपाल में सूर्य ग्रहण सुबह 10.52 बजे से दोपहर 2.32 बजे तक दिखेगा। हजारों लोगों ने बीपी कोइराला मेमोरियल वैधशाला में इसे देखा।
उत्तराखंड में ऐसा दिखा सूर्य ग्रहण
उत्तराखंड के देहरादून में कुछ इस तरह चरम पर नजर आया सूर्य ग्रहण।
दिल्ली में सूर्य ग्रहण का दृश्य
(मध्य प्रदेश के ग्वालियर में सूर्य ग्रहण का दृश्य)
(पानीपत में सूर्य ग्रहण की तस्वीर)
(दिन में 11 बजे देहरादून में ऐसे नजर आए सूर्य देवता)
यूएई में सबसे पहले नजर आई रिंग ऑफ फायर:
दुनिया में सबसे पहले संयुक्त अरब अमीरात में सूर्य ग्रहण के दौरान रिंग ऑफ फायर का नजारा देखने को मिला। इस खाड़ी देश में सूर्य ग्रहण 11.15 बजे तक दिखाई देगा।
नेहरू तारामंडल में लोगों ने देखा सूर्य ग्रहण का नजारा:
दिल्ली के नेहरू तारामंडल में लोगों के लिए सूर्यग्रहण देखने की व्यवस्था की गई थी। यहां लोगों ने उपयुक्त चश्मा लगाकर सूर्यग्रहण देखा, खास बात यह थी कि हर व्यक्ति ने कोरोना वायरस के मद्देनजर फेस मास्क भी लगा रखा था।
राजस्थान में दोपहर 1.44 बजे तक सूर्य ग्रहण दिखाई देगा। इसका सबसे ज्यादा असर सुबह 11.55 बजे देखने को मिलेगा।
सूर्य ग्रहण आज सुबह 9.15 बजे शुरू हुआ और दोपहर 3.03 बजे तक रहेगा, लेकिन भारत में यह 10.01 बजे से दोपहर 2.20 बजे तक रहेगा। देश में यह सबसे पहले पुणे और मुंबई में इसकी शुरुआत हुआ। यह अधिकांश भूमंडल पर दिखाई देगा। यह सूर्य ग्रहण कई हिस्सों में वलयाकार तो कहीं पर आंशिक सूर्य ग्रहण के रूप में दिखाई देगा।
साल के सबसे बड़े दिन होने वाला सदी का दूसरा सूर्य ग्रहण:
21 जून को साल का सबसे बड़ा दिन होता है। इस सदी में 21 जून को होने वाला यह दूसरा सूर्य ग्रहण है।
सूर्य ग्रहण को नंगी आंखों से देखने से बचें:
सूर्य ग्रहण को नंगी आंखों से नहीं देखना चाहिए, वरना रेटिना को क्षति पहुंचने के साथ आंखों की रोशनी भी जा सकती है। सूर्य ग्रहण देखने के लिए हमेशा सोलर चश्मा या विशेषज्ञों द्वारा निर्देशित सुरक्षा उपकरण से ही इसे देखना चाहिए।
एक महीने के अंतराल में तीन ग्रहण:
यह जून महीने का दूसरा ग्रहण है, इससे पहले 5 जून को चंद्र ग्रहण लगा था। आज (21 जून को) सूर्य ग्रहण है और अब 5 जुलाई को भी चंद्र ग्रहण लगेगा। इस तरह एक महीने के अंदर तीन ग्रहण होंगे। 30 दिनों में तीन ग्रहण लगने का दुर्लभ योग इससे पहले 1962 में आया था। अब ऐसा योग 119 साल बाद बनेगा।
चूड़ामणि ग्रहण:
रविवार के दिन पड़ने से इसे चूड़ामणि ग्रहण कहा जाता है। कुछ समय के लिए यह कंकण आकृति में भी दिखाई देगा, इसलिए इसे कंकणामृति ग्रहण भी कहेंगे।
दो साल बाद भारत में फिर दिखाई देगा सूर्य ग्रहण:
भारत के अलावा ये सूर्य ग्रहण नेपाल, पाकिस्तान, सऊदी अरब, यूएई, इथियोपिया और कांगो में दिखाई देगा। भारत में अगला सूर्यग्रहण 25 अक्टूबर को दिखाई देगा।