SURYA GRAHAN : ग्रहण के दौरान बंद नहीं होते महाकाल मंदिर के पट, जानिये क्या है कारण

 
SURYA GRAHAN :  ग्रहण के दौरान बंद नहीं होते महाकाल मंदिर के पट, जानिये क्या है कारण

उज्जैन। आम तौर पर किसी भी ग्रहण के दौरान मंदिरों के पट श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए जाते हैं लेकिन महाकाल मंदिर में ऐसा नहीं किया जाता है। आज सूर्यग्रहण समाप्ति के बाद मंदिर का शुद्धिकरण किया गया।

धर्मधानी उज्जयिनी में विश्व प्रसिद्ध ज्‍योतिर्लिंग महाकाल म्रंदिर के पट ग्रहण के दौरान भी खुले रहते हैं। हालांकि इस दौरान न तो पूजा अर्चना होती है और न ही शिवलिंग का स्‍पर्श किया जा सकता है। पंडितों का इस बारे में कहना है कि महाकाल मंदिर पर ग्रहण के सूतक का कोई असर नहीं होता। माना जाता है कि भगवान महाकाल चूंकि काल के देवता हैं इसलिये उन पर ग्रहण का असर नहीं होता है। कुछ पं‍डितों के अनुसार ग्रहण के दौरान वैष्‍णव मंदिरों के द्वार भक्तों के लिए बंद कर दिए जाते हैं जबकि शैव मंदिरों के द्वार खुले रखे जाते हैं।

आषाढ़ी अमावस्या पर रविवार को कंकण आकृति सूर्य ग्रहण होने से धर्मधानी उज्जयिनी में ग्रहण काल के दौरान मंदिरों में आरती-पूजन का समय बदल दिया गया। महाकाल मंदिर में सुबह 10 बजे होने वाली भोग आरती दोपहर 2.30 बजे होगी। शक्तिपीठ हरसिद्धि, कालभैरव व सांदीपनि आश्रम में भी ग्रहण काल के दौरान गर्भगृह के पट बंद रहे। सुबह भस्‍मारती और धूप आरती हुई। इसके बाद मृत्युलोक के राजा की आराधना चलती रही।

ग्रहण मोक्ष के बाद मंदिरों में शुद्धि के बाद भगवान का अभिषेक-पूजन आरंभ होगा। कोरोना संक्रमण को देखते हुए प्रशासन ने मोक्षदायिनी शिप्रा में स्नान पर रोक लगा दी। घाट पर पुलिस बल तैनात किया गया।

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