गाड़ी पलटी, और हो गया विकास दुबे का ENCOUNTER

 
गाड़ी पलटी, और हो गया विकास दुबे का ENCOUNTER

आठ पुलिस कर्मियों के मौत के जिम्मेदार कुख्यात विकास दुबे को यूपी एसटीएफ ने शुक्रवार सुबह कानपुर के सचेंडी इलाके में मार गिराया। बताया जा रहा है गाड़ी पलटने के बाद विकास ने हथियार छीन कर भागने की कोशिश की। जवाबी हमले में पुलिस ने उसे ढेर कर दिया। जानिए क्या है पूरा घटना क्रम।

विकास दुबे महाकाल का भक्त है। हर दिन वो दो घंटे पूजापाठ करता है। उसे यकीन हो गया था कि यूपी पुलिस के हत्थे चढ़ा तो वह मार दिया जाएगा। शायद इसी अकाल मौत से बचने के लिए उज्जैन महाकाल मंदिर पहुंचा। उज्जैन पुलिस की पूछताछ में उसने खुलासा भी किया है कि मंदिर परिसर पहुंचकर वह खुद को सुरक्षित महसूस कर रहा था।

तय योजना के मुताबिक वह महाकाल के दरबार पहुंचा। विकास ने बताया कि वह कानपुर के परमट मंदिर में भी हर सोमवार दर्शन करने जाता था। उसने बताया है कि 2001 में भाजपा नेता संतोष शुक्ला की शिवली थाने में की गई हत्या में वो आरोपी बना था। बरी होने पर उसने घर में मंदिर भी बनवाया था।

पिछले हफ्ते आठ पुलिसवालों की हत्या करने वाले कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे को शुक्रवार सुबह पुलिस ने मुठभेड़ में मार दिया है। उसे मध्यप्रदेश से कानपुर ला रही यूपी एसटीएफ की गाड़ी रास्ते में पलट गई। मौका पाकर उसने पुलिसकर्मियों से हथियार छीनकर भागने की कोशिश की जिसके बाद पुलिस ने उसे मुठभेड़ में ढेर कर दिया। इस तरह आतंक का पर्याय बन चुके दुबे का अंत हो गया। वहीं गाड़ी में मौजूद एसटीएफ के दो कर्मचारी भी घायल हुए हैं। उन्हें इलाज के लिए हैलेट अस्पताल पहुंचाया गया है

खून की स्याही से लिखी गई जुर्म की इबारत पर कानून ने समाप्त की मुहर लगा ही दी। और इसी के साथ कानपुर के बिकरू गांव में सीओ सहित आठ पुलिस वालों की हत्या करने वाले पांच लाख रुपये के इनामी गैंगस्टर विकास दुबे की कहानी आखिरकार खत्म हुई।

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