REWA : कलेक्ट्रेट में तीन माह बाद पहले दिन लगी जनसुनवाई ,डिस्टेंसिंग के लिए फर्श पर फरियादियों की लगवाई कतार

 
REWA : कलेक्ट्रेट में तीन माह बाद पहले दिन लगी जनसुनवाई ,डिस्टेंसिंग के लिए फर्श पर फरियादियों की लगवाई कतार

रीवा. कलेक्ट्रेट में फरियादियों की भीड़ ने कोरोना प्रोटोकाल को तोडकऱ कलेक्टर कक्ष में पहुंच गए। तीन माह बाद इस मंगलवार से जनसुनवाई शुरू की गई। लॉकडाउन के बाद पहले दिन जनसुनवाई में आवेदकों की बड़ी संख्या में भीड़ पहुंची। भीड़ बेकाबू होते देख सोशल डिस्टेसिंग के लिए कलेक्टर इलैया राजा टी को स्वयं आगे आना पड़ा। कार्यालय के वेटिंग हाल से लेकर गेट के बाहर तक फर्श पर आवेदकों की लंबी कतार रही।

दोपहर बाद अचानक बड़ी भीड़ 
कलेक्ट्रेट में भीड़ दोपहर 12 बजे अचानक भीड़ बढऩे पर कलेक्टर को अपर कलेक्टर समेत दो डिप्टी कलेक्टर्स को गेट के बाहर भेजकर सुनवाई करानी पड़ी। दोपहर बाद ढाई बजे तक फरियादियों की लंबी कतार लगी रही। जनसुनवाई में 150 से अधिक शिकायतों के आवेदन दिए गए हैं। राजस्व, पुलिस, बिजली, पेंशन, खाद्यान्न, पंचायत एवं ग्रामीण विकास सहित अन्य विभागों की शिकायतें शामिल रहीं। 

अनुकंपा नियुक्ति के लिए दौड़ रहे 
कलेक्टर कार्यालय में बारी-बारी से फरियादियों की शिकायते ंसुन रहे थे। शहर के वार्ड-36ा उपरहटी निवासी शिवानी ङ्क्षसह ने आवेदन देकर कहा, साहब चार साल से अनुकंपा नियुक्ति के लिए दौड़ रहे हैं। मेरे पिता कैलाश सिंह सामाजिक न्याय विभाग में कार्यरत थे। सेवा में रहते पिता कैंसर बीमारी के कारण वर्ष 2016 में अचानक उनकी मृत्यु हो गई। घर में माता के साथ ही तीन बहनें व एक छोटा भाई है। परिवार का खर्च चलना मुश्किल है। शिवानी सिंह ने दस्तावेज दिखाते हुए कहा कि साहब मेरी योग्तानुसार अनुकंपा नियुक्ति की जाए। जिससे परिवार का भरणपोषण हो सके। मामले में कलेक्टर ने सहायक संचालक सामाजिक न्याय विभाग को तलब किया। कलेक्टर ने गाइड लाइन के तहत कार्रवाई करने का आदेश दिए। 

कलेक्टर ने नियंत्रक को किया तलब 
जिले के मऊगंज क्षेत्र के बहेरा डाबर निवासी दिव्यांग रामअवतार साकेत पुत्र छठीलाल साकेत को दो माह से खाद्यान्न नहीं दिया गया। यही नहीं पोर्टल से गरीब का नाम तक उड़ा दिया गया। कोरोना काल में महज पांच किलो विशेष कोटा देकर इति श्रीकर लिया। कलेक्टर ने मामले में नियंत्रक को तलब किया और तत्काल खाद्यान्न दिलाने को कहा। नियंत्रक ने पोर्टल पर नाम जोडऩे के लिए भोपाल पत्र भेजकर राशन दिए जाने के लिए विक्रेता को निर्देश दिया है।


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