कोरोना महामारी में सेक्स बना आखिरी सहारा, 75 रुपये में देह व्यापार
 Aug 16, 2020, 16:10 IST
                                    
                                 
   नई दिल्ली. कोरोना वायरस (Coronavirus) की इस महामारी ने लोगों की जिंदगियां तबाह कर दी है. बड़ी मुश्किल से जिंदगी बसर करने वाले लोगों के लिए ये समय किसी त्रासदी से कम नहीं है. हालात ऐसे हैं कि परिवार पालने के लिए महिलाएं देह व्यापार करने को मजबूर हैं. दरअसल, साउथ अमेरिका के वेनेजुएला (Venezuela) में रिफ्यूजी महिलाएं इन दिनों मंदी और कोरोना महामारी की दोहरी मार झेल रही हैं. ज्यादातर लोग कोरोना की वजह से घरों में कैद हैं. ऐसे में महिलाओं को घर चलाने के लिए सेक्स का सहारा लेना पड़ रहा है. 
 
 
 
   The Guardian की रिपोर्ट के मुताबिक, 30 साल की लुइसा हर्नांडेज 6 बच्चों की मां हैं. लुइसा ने बताया, 'मेरे घर में खाने के लिए कुछ भी नहीं था. अपने बच्चों को भूखा देखना मेरे लिए असहनीय है. जिंदगी गुजारने के लिए हम सड़कों पर पड़ा खाना उठाकर खाते थे, ये कोई जिंदगी नहीं थी इसलिए मैंने ये काम छोड़ दिया, लेकिन कोरोना महामारी की वजह से हम अधर में फंस गए हैं.' वेनेजुएला इस समय बड़े आर्थिक संकट से गुजर रहा है. बेरोजगारी, तबाही और खराब स्वास्थ्य सेवा की वजह से लाखों लोग देश छोड़ कर जा रहे हैं. सबसे ज्यादा असुरक्षित यहां की रिफ्यूजी महिलाएं हैं, जिन्हें परिवार का पेट भरने के लिए देह व्यापार करना पड़ रहा है. 
 
 
  1 डॉलर में वेश्यावृति के लिए मजबूर  
 
 
 
   सेक्स वर्कर रहीं करीना ब्रावो कहती हैं, 'कोरोना महामारी की वजह से सेक्स वर्कर्स की हालत चिंताजनक हो गई है. क्वारंटाइन की वजह से वो इतने पैसे नहीं कमा पा रही हैं कि अपने परिवार व खुद का पेट पाल सकें.' उन्होंने बताया कि वेनेजुएला की ज्यादतर रिफ्यूजी महिलाएं अपने घर पैसे भेजती हैं. 2 साल पहले तक उन्हें वेश्यावृति के काम के लिए 9 डॉलर (675 रुपये) मिलते थे. लेकिन अब महामारी के संकट में जिंदा रहने के लिए 1 डॉलर (75 रुपये) में वेश्यावृति करनी पड़ रही है. 
 
 
  महिलाओं को क्लाइंट ढूंढने के लिए भेजा जा रहा 
 
 
 
   इक्वाडोर के केयर इंटरनेशनल एनजीओ के डायरेक्टर एलेक्जेंड्रा मोनकाडा का कहना है कि महामारी की वजह से सिर्फ इक्वाडोर से ही हर रोज 400 लोग देश छोड़कर बाहर जा रहे हैं. मकान का किराया नहीं दे पाने के कारण परिवार सड़कों पर सोने को मजबूर हैं. वहीं वेनेजुएला की शरणार्थी महिलाओं को सेक्स के लिए मजबूर किया जाता है. कुछ सेक्स वर्कर्स का कहना है कि यहां इसके अलावा महिलाओं के पास कोई विकल्प भी नहीं है. बता दें कि इक्वाडोर में अप्रैल के महीने में क्वारंटाइन अनिवार्य कर दिया गया था, लेकिन मई में वेनेजुएला के रेड लाइट एरिया की लड़कियों और महिलाओं को बाहर निकालकर उनसे क्लाइंट ढूंढने के लिए कहा जा रहा है. 
 
 
 
 