उड़ाता पंजाब के तर्ज पर चल पड़े REWA और SATNA, गांजा व नशीली कफ सीरप का गढ़ बना रीवा : केंद्र सरकार ने शुरू की मुहिम

 
उड़ाता पंजाब के तर्ज पर चल पड़े REWA और SATNA, गांजा व नशीली कफ सीरप का गढ़ बना रीवा : केंद्र सरकार ने शुरू की मुहिम

रीवा। एक दशक से जहां विंध्य के दो जिले क्रमशः रीवा व सतना उड़ाता पंजाब के तर्ज पर चल पड़े हैं। वहीं बढ़ती हुई नशे की प्रवृत्ति को रोकने केंद्र सरकार ने भी मुहिम शुरू कर दी है। केंद्र सरकार द्वारा कराए गए सर्वे में देश के कुल 739 जिलों में से 272 जिलों को चिन्हित कर उन जिलों में नशा मुक्ति अभियान चलाए जाने का निर्णय लिया गया है। इस संबंध में 12 अगस्त को दिल्ली में बैठक आयोजित की गई। बता दें कि इन 272 जिलों में विंध्य के 2 जिले क्रमशः रीवा सतना भी शामिल हैं जहां पर यह अभियान शुरू किया गया है। सर्वे में की गई समीक्षा के दौरान यह बातें सामने आई हैं कि रीवा, सतना में गांजा व नशीली कफ सीरप एवं नशीली दवाएं प्रचुर मात्रा में युवाओं द्वारा प्रयोग में लाई जाती हैं यही कारण है कि रीवा व सतना नशे के कारोबार में प्रदेश में नंबर 1 व नंबर 2 की स्थिति पहुंच गए हैं। उक्त सर्वे के दौरान चलाए जा रहे अभियान के तहत संबंधित जिले के जिला दंडाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक की जवाबदारी तय की जाएगी।

कीमत कम होना भी बड़ा कारण
नशा मुक्ति अभियान से जुड़े प्रोफेसर डॉ.आरएन तिवारी बताते हैं कि नशीली कफ सीरप एवं गांजा नसे के लिए रीवा व सतना में ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। उसके पीछे दो कारण हैं। पहला शराब की अपेक्षा गांजा व नशीली कफ सीरप दोनों ही सस्ती है दूसरा कफ सीरप का नशा करने वाले युवाओं को इस बात का भरोसा होता है कि नशा करने के बाद उन्हें महक से सहज नहीं पकड़ा जा सकता। साथ ही बाहरी तौर पर दांत खराब होने या की अन्य चिन्हित लक्षण भी दिखाई नहीं देते और दोनों ही नशे की सामग्री सहजता से एवं सस्ती कीमत पर उपलब्ध हो जाती है।

समीक्षा में यह भी
सर्वे के दौरान देश के कुल 739 जिलों में युवाओं में नशे की प्रवृत्ति को रोकने के लिए मिले डेटा की समीक्षा करते हुए केंद्रीय गृह विभाग की टीम ने पाया था कि पैसे के लालच में मैदानी स्तर पर तैनात पुलिस कर्मचारी व अधिकारी भी कहीं ना कहीं नशे के कारोबार में लिप्त लोगों की मदद करते है। जिसके कारण पूरे अभियान का प्रभारी कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक को बनाया गया है।

गांजे का बड़ा जाल
रीवा-सतना में पूरे देश में प्रतिबंधित गांजे का बड़ा नेटवर्क तैयार हो गया है। ओडीसा से लेकर रीवा व सतना तक प्रतिबंधित गांजे का परिवहन व बिक्री बेखौफ की जाती है। बता दें कि रीवा व सतना में प्रतिबंधित गांजे की बिक्री करने वाले लोग गांजे के शौकीनों को चिलम तक उपलब्ध कराते हैं।

कार्रवाई के बाद भी राहत नहीं
आईजी रीवा चंचल शेखर ने जानकारी देते हुए बताया कि लगातार दो वर्षों में रीवा जिले में अब तक कुल 54 क्विंटल गांजा जब्त किया जा चुका है जबकि सतना में 84 क्विंटल गांजा जब्त किया गया है। इसी तरह रीवा व सतना में मिलाकर तकरीबन 745 लोगों को नशीली कफ सीरप के कारोबार करने के आरोप पर मामला दर्ज कर उन्हें जेल भेजा जा चुका है। बावजूद इसके अभी भी प्रतिबंधित गांजा व नशीली कफ सीरप का कारोबार चल रहा है। पुलिस द्वारा लगातार अभियान चलाकर कार्रवाई की जा रही है।

जिम्मेदारी तय, होगी कार्रवाई
रीवा पुलिस कप्तान आरके सिंह द्वारा साफ तौर पर थाना प्रभारियों को निर्देशित किया जा चुका है कि अगर उनके थाना क्षेत्र अंतर्गत प्रतिबंधित गांजा नशीली कफ सीरप का कारोबार होता पाया गया तो उनके विरुद्घ भी कार्रवाई तय की जाएगी। इतना ही नहीं उन्होंने अपना व्हाट्सएप नंबर जारी कर सूचनाकर्ताओं को सीधे उस नंबर पर सूचना देने के लिए भी अपील की है। उन्होंने आदेश जारी कर साफ कहा है कि उनके द्वारा निलंबन या लाइन अटैच की कार्रवाई नहीं की जाएगी। अगर किसी भी पुलिसकर्मी की संलिप्तता नशे के कारोबार में पाई गई तो सीधे उनके विरुद्घ चार्जशीट लगाकर उन्हें बर्खास्त करने की कार्रवाई की जाएगी।

वर्जन
रीवा व सतना में नशे के कारोबारियों पर शक्ति से कार्रवाई करने की जरूरत है। लगातार अभियान चलाकर तकरीबन एक पंचवर्षीय कार्रवाई हो तब जाकर युवा नशे की गिरफ्त से बाहर आने की स्थिति में होंगे। हमारी संस्था इस दिशा में काम कर रही है। कई बार हमने राज्य स्तरीय संगोष्ठी का आयोजन कर चिंतन भी किया लेकिन राजनीतिक रसूख एवं पैसे की चमक के आगे नशे के कारोबारियों पर कार्रवाई नहीं हो पा रही है।

देवेंद्र शुक्ल, अध्यक्ष बजरंग सेना।
केंद्रीय गृह विभाग द्वारा जिन 272 जिलों में नशा मुक्ति अभियान चलाया गया है। उनमें रीवा व सतना भी शामिल हैं। हमारा प्रयास है लगातार कार्रवाई कर हम एक वर्ष के अंदर ही उन 272 जिलों में से रीवा जिले का नाम अलग कराने में कामयाब होंगे। पुलिस विभाग से जो भी अधिकारी व कर्मचारी नशा कारोबारियों के संपर्क में पाया जाता है। उसके विरुद्घ भी अपराधिक प्रकरण दर्ज कराया जाएगा।

आरके सिंह, पुलिस अधीक्षक रीवा।

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