बड़ा बदलाव : 10वीं- 12वीं/ सिलेबस से लेकर परीक्षा पैटर्न तक बदलने की तैयारी

 

                  बड़ा बदलाव : 10वीं- 12वीं/ सिलेबस से लेकर परीक्षा पैटर्न तक बदलने की तैयारी

शिक्षा व्यवस्था में बदलाव के लिए सिलेबस से लेकर परीक्षा का पैटर्न बदलने की तैयारी की जा रही है। नए सत्र से 10वीं- 12वीं की परीक्षा की समयावधि को कम करने के लिए बड़ा बदलाव किया गया है। माध्यमिक शिक्षा मंडल ने 8 विषयों को अब 4 कर दिया गया है। कॉमर्स और आर्ट्स फैकल्टी के अर्थशास्त्र विषयों को भी एक किया गया है। इन पांचों विषयों के सिलेबस और पेपर अब एक ही होंगे। मंडल ने व्यावसायिक पाठ्यक्रम के पुराने 21 ट्रेड भी बंद कर दिए हैं।

विशेषज्ञ कहते हैं इससे 10वीं-12वीं कक्षाओं की परीक्षा की अवधि 35-40 दिन की जगह 25 दिन हो सकेगी। मूल्यांकन अवधि के लिए भी 10 से 15 दिन के समय की बचत होगी। सिलेबस भी बदला गया है। स्कूलों में अब इनकी पढ़ाई एनसीईआरटी की पुस्तकों से ही कराई जाएगी। सिलेबस को लेकर ब्लू प्रिंट बनाया गया है। अभी तक कॉमर्स फैकल्टी में व्यावहारिक अर्थशास्त्र और आर्ट्स फैकल्टी में प्लेन अर्थशास्त्र विषय था।

समझें... कैसे होगी परीक्षा की अवधि कम

विशेषज्ञ एवं एक्सीलेंस स्कूल के प्रिंसिपल सुधाकर पाराशर ने बताया कि अभी 10वीं- 12वीं की परीक्षा 1 मार्च से शुरू होकर अप्रैल के पहले- दूसरे सप्ताह तक चलती थी। मार्च से मई तक परीक्षा और मूल्यांकन में ही समय लग जाता था। अब यह परीक्षा मार्च में ही निपट सकेगी।

कैसे समय पर शुरू होगा नया सत्र

शैक्षणिक विश्लेषक रमाकांत पांडे कहते हैं कि अभी विषयों के पेपर अलग-अलग सेट होते हैं तो पेपर सेटर शिक्षक भी ज्यादा होते हैं। हर विषय का अलग कोड होता है। कोडवार हर स्थान पर पेपर भेजे जाते हैं। विषय कम होने से मूल्यांकन जल्दी होगा। किसी एक विषय के लिए मूल्यांकन करने वाले अब बढ़ जाएंगे तो रिजल्ट जल्दी आ सकेगा। अब हिंदी वाले शिक्षक हिंदी की, संस्कृत वाले संस्कृत की कॉपियां जांच सकेंगे। विशिष्ट अंग्रेजी के पेपर की कॉपियां एक्सीलेंस या मॉडल स्कूल के शिक्षक ही जांचते हैं।

विषय कम होने से बढ़ेगी शिक्षकों की संख्या

इस बदलाव से पेपर सेट करने से लेकर परीक्षा के आयोजन, मूल्यांकन तक की समयावधि कम होगी। विषय कम होने से विषयवार शिक्षकों की संख्या बढ़ सकेगी तो मूल्यांकन भी तेजी से हो सकेगा।

उमेश कुमार सिंह, सचिव, माध्यमिक शिक्षा मंडल

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