REWA : विंध्य के सबसे बड़े अस्पताल संजय गाँधी में खून सौदा : ब्लड बैक को बनाया दलालों का कब्जा, जरूरतमंद हो रहे दलालों का शिकार

 

REWA : विंध्य के सबसे बड़े अस्पताल संजय गाँधी में खून सौदा : ब्लड बैक को बनाया दलालों का कब्जा, जरूरतमंद हो रहे दलालों का शिकार

रीवा। अस्पताल में जरूरत मंदों को खून की उपलब्ध कराने के लिए ब्लड बैक बनाया गया है। लेकिन ब्लड बैक में दलालों की सक्रियता के चलते जंहा जरूरत मद दलालो का शिकार हो रहे है वही इस अव्यवस्था के चलते खून का सौदा भी किए जा रहा है। संजय गांधी अस्पताल के ब्लड बैंक में दलालों के सक्रियता हर दिन सामने आ रही है और वे अस्पताल पहुचने वाले मरीज तथा उनके परिजनों को अपने झांसे मे लेकर खून का कारोबार कर रहें है। ज्ञात हो कि खून का सौदा करते हुए गत माह एक युवक पकड़ा गया था और वह अपना नाम देवेंद्र शुक्ला निवासी रेरूआ थाना गुढ़ बता रहा था। वहीं अस्पताल प्रशासन उसे पुलिस के हवाले भी किया था। लेकिन अस्पताल में न तो दलाली समाप्त हुई और न ही पकड़े गए युवक से कोई राज सामने आ पाया।

मरीज के परिजनों को बनाते हैं निशाना

संजय गांधी अस्पताल के ब्लड बैंक में दलाली किए जाने का यह कोई पहला मामला नहीं था बल्कि अस्पताल मे सक्रिय दलाल को लेकर ब्लड विभाग अक्सर चर्चाओं में रहा है। यही वजह है कि ब्लड बैंक पहुंचने वाले मरीजों के परिजनों को सक्रिय दलाल अपने चंगुल में लेकर उनसे ब्लड दिलाए जाने के नाम पर सौदा करते है। बताया जा रहा है कि 10,000 से लेकर इससे ऊपर की रकम में ब्लड दिलवाए जाने की बात तय करने के साथ ही उन्हें अपने झांसे में ले लेते हैं।

संदेह के घेरे में स्टॉप

ब्लड बैंक में दलाली को लेकर विभाग का स्टॉप भी संदेह के घेरे में रहा है। बता दें कि इसके पूर्व भी ब्लड बैंक में दलाली तथा सौदेबाजी को लेकर मामला सुर्खियों में पहुंचा था। जिसके बाद अस्पताल प्रशासन ने इसमें सख्ती बरतने के साथ ही ब्लड बैंक में सुरक्षा गार्ड तैनात किए थे। तो वही ब्लड बैंक पहुंचने वालों पर नजर रखने के लिए तीसरी आंख का सहारा लिया गया और उसे सीसीटीवी कैमरे से लैस किया गया था। जिससे खून का सौदा और उसके सौदागर प्रशासन की चंगुल में आ सकें। दिलचस्प पहलू यह है कि दलाल इतने चालक है कि उक्त कैमरे से अपनी नजर बचाकर ग्राहकों की तलाश करने के साथ ही सौदेबाजी करते हैं।

ब्लड की कमी बताकर होता है सौदा

बताया जा रहा है कि अस्पताल के ब्लड बैंक के आसपास दलाल घूमतें रहते है। जरूरतमंदों को ब्लड बैंक तक पहुंचने के पूर्व अपने झांसे में ले लेते हैं। कई बार तो ब्लड बैंक से निकलने के बाद मरीज के परिजनों को जब ब्लड नहीं मिलता है और उक्त ग्रुप का ब्लड तलाश करने के लिए वे परेशान रहते, इसका फायदा उठाते हुए दलाल उन्हें अबिलंब ब्लड दिलाए जाने की बात कहकर सौदेबाजी करते हैं।

इनका कहना है

ब्लड बैंक में सुरक्षा बढाने के साथ ही कैमरे भी लगाए गए हैं। जिससे नजर रखी जा रही। जो भी खून की खरीदी-बिक्री करते हुए पाया जाता है। उसे सुरक्षा कर्मी पकड़ रहे है।

डॉक्टर अतुल सिंह, सीएमओ संजय गांधी अस्पताल।

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