SIDHI : बेरोजगारों को दे रहे रोजगार : बंजर भूमि पर खिलाए फूलों की खुशबू ने जिंदगी में भर दी खुशियां

 

SIDHI : बेरोजगारों को दे रहे रोजगार : बंजर भूमि पर खिलाए फूलों की खुशबू ने जिंदगी में भर दी खुशियां

सीधी.  लॉकडाउन ने नौकरी छीन ली। ऐसे में उद्यानिकी से एमएससी की पढ़ाई करने वाले प्रकाश चंद्र शुक्ला ने फूलों की खेती और नर्सरी तैयार करने का मन बनाया। उत्पादन कम होने के कारण वर्षों से जमीन खाली पड़ी थी। प्रकाश ने कड़ी मेहनत और लगन से जमीन तैयार की। इसका नतीजा यह रहा कि पांच माह में तैयार फूलों की महक ने युवक की जिंदगी में खुशबू भर दी है। वह करीब एक लाख रुपए प्रतिमाह कमाई कर रहा है। लॉकडाउन में बेरोजगार हुए छह युवाओं को भी वह रोजगार दे रहा है।

ट्रैक्टर से जुताई कर जमीन को सुधारा 

प्रकाश ने बताया कि वह एरीज एग्रो कंपनी छत्तीसगढ़ में शोधकर्ता की नौकरी करता था। लेकिन लॉकडाउन के कुछ महीने पहले ही नौकरी चली गई। वह अपने गांव खैरही लौट आया। लेकिन कब तक घर पर खाली बैठता। नौकरी की तलाश शुरू कर दी, लेकिन नौकरी नहीं मिली। तब घर के पास अलग-अलग हिस्से में पड़ी करीब पांच एकड़ बंजर भूमि में फूलों की खेती करने के साथ नर्सरी लगाने का मन बनाया। 50 हजार रुपये की व्यवस्था की और सुबह-शाम कई दिनों तक ट्रैक्टर से बंजर जमीन पर जुताई की। जंगली पेड़ों के पत्तियों की खरपतवार व गोबर खेतों में डाली। तब जाकर जमीन उपजाऊ बनी।

मजदूरों के साथ क्यारियां बनाईं 

प्रकाश ने कुछ मजदूरों के साथ फूलों और नर्सरी के लिए क्यारियां तैयार कीं व सिंचाई के पानी की व्यवस्था की। लगातार मेहनत के बाद आखिरकार पांच माह बाद उसकी मेहनत रंग लाई और गेंदा, गुलाब, चमेली, गुड़हल सहित अन्य बारहमासी फूलों की बगिया तैयार हो गई। अब रोज करीब एक क्विंटल फूलों का उत्पादन हो रहा है। ये फूल सीधी, सिंगरौली, सतना, रीवा व शहडोल जिले में बेचे जा रहे हैं।

युवा हो रहे प्रेरित

प्रकाश की बगिया को कृषि महाविद्यालय से रिसर्च के लिए कृषि विज्ञान केंद्र सीधी आने वाले छात्र-छात्राएं बगिया देखने पहुंच रहे हैं। प्रकाश से प्रेरणा लेकर सीधी के प्रशांत साहू भी फूल की खेती करने की तैयारी कर रहे हैं।

हिमांशु बने प्रेरणास्रोत

ग्रामीण यांत्रिकी सेवाएं विभाग (आरइएस) में कार्यपालन यंत्री हिमांशु तिवारी प्रकाश के प्रेरणास्रोत बने। लॉकडाउन में नौकरी की तलाश में वह हिमांशु से मिले थे। तब हिमांशु ने फूलों की खेती के बारे में बताया।

इनका कहना है

प्रकाश ने बंजर भूमि में फूलों की खेती कर मिसाल पेश की है। कड़ी मेहनत से पांच माह में फूलों की खेती ने उसकी किस्मत ही बदल दी। युवा स्वरोजगार से जुड़ें तो उनकी प्रशासनिक मदद की जाएगी।

रवींद्र कुमार चौधरी, कलेक्टर।


हमारी लेटेस्ट खबरों से अपडेट्स रहने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर भी जुड़ें:

FACEBOOK PAGE INSTAGRAMGOOGLE NEWS ,TWITTER

मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और देश-दुनिया की सभी खबरों के साथ जुड़े हमसे 

Related Topics

Latest News